सिंधुदुर्ग : महाराष्ट्र में राजकोट किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर सियासत जारी है. विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की ओर से बुधवार को सिंधुदुर्ग में विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद नारायण राणे और नीलेश राणे मौके पर पहुंचे तो प्रदर्शन स्थल पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई. आदित्य ठाकरे और नारायण राणे के समर्थकों के बीच झड़प भी हुई, लेकिन पुलिस ने तुरंत स्थिति को काबू में कर लिया.
सिंधुदुर्ग जिले के मालवण में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर एमवीए के विरोध प्रदर्शन में एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार के साथ शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के नेता आदित्य ठाकरे, पूर्व सांसद विनायक राउत शामिल हुए. उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
एमवीए के नेता धरना स्थल पर मौजूद थे. इसी समय सांसद नारायण राणे और पूर्व सांसद नीलेश राणे भी मूर्ति गिरने वाली जगह पर पहुंचे. लेकिन आदित्य ठाकरे के कार्यकर्ता और नीलेश राणे के समर्थक आमने-सामने आ गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. इसके बाद विधायक वैभव नाइक और आदित्य ठाकरे ने कार्यकर्ताओं से नारेबाजी न करने और शांत रहने की अपील की. पुलिस ने भी फौरन स्थिति को संभालने की कोशिश की. स्थिति शांतिपूर्ण होने के बाद नारायण राणे और विजय वडेट्टीवार ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया.
इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने अब तक कई चीजों में भ्रष्टाचार किया है. इसलिए ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. चाहे बदलापुर में अत्याचार हो या छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने का मामला हो, ये सरकार के भ्रष्टाचार के उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अब अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है और इस घटना की जिम्मेदारी भारतीय नौसेना पर डाल रही है, यह बहुत गंदी राजनीति है, इसलिए इस सरकार को अब शर्म आनी चाहिए.
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