नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के कई छात्रों को हिरासत में लिया है. साथ ही दिल्ली पुलिस ने धरना स्थल को भी खाली करा दिया है. दरअसल, दिसंबर 2019 में जामिया में सीएए के खिलाफ हुए प्रोटेस्ट के दौरान छात्रों पर दिल्ली पुलिस की ओर से किए गए लाठी लालचार्ज की बरसी मनाना चाहते थे. जामिया प्रशासन ने उसकी अनुमति नहीं दी. इसके बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू किया. जामिया प्रशासन ने छात्रों पर केंद्रीय कैंटीन में तोड़फोड़ का भी आरोप लगाया है. छात्र संगठनों के अनुसार डिटेन किए गए छात्र छात्राओं को कालकाजी, बदरपुर और सनलाइट कॉलोनी सहित अलग-अलग थानों में ले जाया गया है.
ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) की अध्यक्ष कॉमरेड नेहा ने कालकाजी थाने के बाहर से वीडियो जारी कर कहा है कि जामिया के प्रदर्शनकारी छात्रों को सुबह 5 बजे विश्वविद्यालय परिसर के अंदर से उठा लिया गया और अवैध रूप से तीन अलग-अलग पुलिस स्टेशनों कालकाजी पुलिस स्टेशन, सनलाइट कॉलोनी पुलिस स्टेशन और बदरपुर पुलिस स्टेशन में ले जाया गया. मैं सभी न्यायप्रिय नागरिकों से अपील करती हूं कि वे इन स्टेशनों के संबंधित अधिकारियों को फोन करें और अवैध रूप से हिरासत में लिए गए छात्रों की तत्काल रिहाई की मांग करें.
कानून व्यवस्था की स्थिति का अनुरोध: वहीं, विश्वविद्यालय का कहना है कि इन छात्रों को कैंपस से बाहर कर दिया गया है. मौजूदा हालात को देखते हुए जामिया विश्वविद्यालय ने पुलिस से कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का अनुरोध किया है. जामिया में इस धरने को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन सहित कई लेफ्ट संबंधित छात्र संगठनों का समर्थन था. ये छात्र जामिया के दो पीएचडी छात्रों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे.
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इन छात्रों ने विश्वविद्यालय के अन्य नियमों का उल्लंघन किया है और आपत्तिजनक व प्रतिबंधित वस्तुएं ले जाते हुए पाए गए हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय की संपत्ति को हुए नुकसान और दीवार के विरूपण और कक्षाओं में बाधा पर कड़ा रुख अपनाते हुए निवारक उपाय किए हैं. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि विश्वविद्यालय में सामान्य रूप से कक्षाएं और अन्य शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा सकें.
मांगों पर चर्चा करने के लिए छात्रों को खुला ऑफर: विवि प्रशासन का कहना है कि उन्होंने छात्रों की मांगों पर कमेटी में चर्चा करने का खुला ऑफर दिया था, इसके बावजूद इन प्रदर्शनकारी छात्रों ने पर्यवेक्षक, विभागाध्यक्ष और डीन समेत प्रशासन की बात मानने और बात करने से इनकार कर दिया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि गुरुवार सुबह विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रॉक्टोरियल टीम ने एहतियाती कदम उठाते हुए छात्रों को धरना स्थल से हटा दिया. फिलहाल उन्हें कैंपस से बाहर निकाल दिया गया है.
बता दें कि पीएचडी छात्रों ने 2019 में दिल्ली पुलिस के रवैये के विरोध में ‘जामिया प्रतिरोध दिवस’ मनाया था, जिसकी इजाजत विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नहीं मिली थी. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन छात्रों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था, लेकिन इन छात्रों ने नोटिस का कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया था.
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