रायपुर: छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार ने खास पहल की है. सीएम और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन के निर्देश पर जुलाई से मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू होने जा रही है. इस योजना के तहत पीएससी, व्यापम, बैंकिंग प्रतियोगी परीक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग सुविधा श्रमिकों के बच्चों को मिलेगी. योजना के तहत प्रदेश के 10 जिलों में मुफ्त कोचिंग शुरू होने जा रही है.
श्रम मंत्री ने दी जानकारी: इस बारे में श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया, "छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के पंजीकृत हितग्राहियों के लिए मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना शुरू की गई है. सीएम साय के मंशा के अनुसार श्रमिक परिवार के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ठोस कदम उठाएं जाएं. श्रमिक परिवार के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर सुविधाओं की जरूरत है. इसे लेकर पंजीकृत श्रमिक के बच्चों को शैक्षणिक योग्यता अनुसार लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल, कर्मचारी चयन आयोग, बैंकिग, रेल्वे, पुलिस भर्ती एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए 4 से 10 माह तक फ्री में कोचिंग की सुविधा मिलेगी. योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक और पात्र हितग्राही स्वयं, च्वाईस सेन्टर या श्रम कार्यालय के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं."
अगर पंजीकृत की मौत हो जाए तो भी मिलेगी सुविधा: अगर हितग्राही की मौत 9 जून 2020 से पहले हुई है तो पुराने अधिसूचना के अनुसार योजना के लिए उनके बच्चे पात्र है. साथ ही वे हितग्राही जो नवीन योजना मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु और दिव्यांग सहायता योजना से जुड़े हुए हैं, वे भी आवेदन कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
ऑनलाइन और ऑफलाइन भी मिलेगी सुविधा: यह कोचिंग ऑनलाइन के साथ साथ ऑफलाइन भी संचालित होगी, ताकि विभिन्न परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र छात्राओं को दोनों का विकल्प मिल सके. बहुत से छात्र समय या फिर दूरी की वजह से ऑफलाइन ही कोचिंग लेना चाहते हैं, उनको ये सुविधा मिलेगी. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चांपा, महासमुंद जिले में इस योजना की शुरुआत की जा रही है. वहीं, फ्री कोचिंग योजना को लेकर स्टूडेंट्स में उत्साह देखने को मिल रहा है. प्रदेश के तीन जिले रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में कुल (50-50) चार बैच अब तक भरे जा चुके हैं. अन्य जिलों से आए आवेदन का परीक्षण कर बैच बनाने का प्रोसेस शुरू किया जा रहा है.