दिल्ली: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस लोकसभा चुनाव के लिए NDA में एक भी सीट नहीं मिलने से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि "5-6 दिन पहले मैंने प्रेस वार्ता में कहा था कि मैं तब तक इंतजार करूंगा जब तक NDA सीटों की घोषणा नहीं करती है. मैंने बहुत ईमानदारी से NDA की सेवा की. पीएम नरेंद्र मोदी देश के बड़े नेता हैं, लेकिन हमारी पार्टी और व्यक्तिगत रूप से मेरे साथ नाइंसाफी हुई है. इसलिए मैं केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देता हूं."
पशुपति पारस ने दिया इस्तीफा: प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पशुपति पारस ने सिर्फ अपनी बात रखी. उन्होंने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. सधे हुए शब्दों में पारस ने अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि नाइंसाफी हुई इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं.
"भविष्य की राजनीति के लिए पार्टी के जितने भी नेतागण हैं उनके साथ बैठक कर चर्चा करेंगे. बिहार में लोकसभा की 40 सीटों की घोषणा कल एनडीए ने कर दी है. मेरी पार्टी के साथ न्याय नहीं हुआ."- पशुपति कुमार पारस, RLJP अध्यक्ष
पशुपति पारस पर क्या बोले चिराग? : सीट बंटवारे के बाद चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि चाचा पारस और प्रिंस परिस्थिति के लिए खुद जिम्मेदार हैं. वहीं पशुपति पारस के इस्तीफे के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, 'व्यक्ति नहीं समय बलवान होता है और आज समय ने अपनी ताकत दिखाई है. समय ने न्याय किया है. आने वाले दिनों में मैं हर चुनौती के लिए तैयार हूं. मैं पिछले तीन सालों से चुनौतियों का सामना कर रहा हूं. ऐसे में अगर कोई और चुनौती सामने आती है तो उसका भी उतना ही डटकर सामना करने के लिए तैयार हूं.
"जब कोई बड़ा गठबंधन बनता है तो हर दल को छोटे-मोटे समझौते करने पड़ते हैं, थोड़ी बहुत कुर्बानियां हर किसी को देनी पड़ती है. मुझे भी अपनी एक सीट कम करनी पड़ी वे हमने सहजता से किया. जेडीयू ने भी अपनी एक सीट कम की. बीजेपी ने तो 2019 से ही कुर्बानी दी है. पार्टी के द्वारा जो मुझे जानकारी मिल रही है तो कहीं ना कहीं मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ूंगा. हमें (NDA) 2019 से भी बहुत ज्यादा बड़ी जीत 2024 में मिलेगी." - चिराग पासवान, अध्यक्ष एलजेपीआर
एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला: सोमवार को NDA ने बिहार के लिए सीट शेयरिंग की घोषणा की, जिसके तहत भारतीय जनता पार्टी 17, जनता दल यूनाइटेड 16, चिराग पासवान की LJPR को 5, जीतनराम मांझी की HAM और उपेंद्र कुशवाहा की RLM को एक-एक सीट मिली है. वहीं पशुपति पारस की आरएलजेपी को झटका लगा. पारस को एक भी सीट नहीं मिली है. इसको लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पशुपति कुमार पारस इंडिया गठबंधन में जा सकते हैं.
"बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व घटक दलों से संवाद कर रहा था इसमें जेडीयू की कोई भूमिका नहीं थी. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने चिराग पासवान के साथ मिलकर फैसला लिया. पशुपति कुमार पारस का क्या फैसला है वे किधर जा रहे हैं वे वही बता सकते हैं. नीतीश कुमार ने सभी का सम्मान किया है. यह बीजेपी और पशुपति कुमार पारस के बीच का मुद्दा है." - नीरज कुमार, जेडीयू नेता
''बीजेपी तो अपने सहयोगियों को नकार देता है. पशुपति पारस तो दूध कि मक्खी की तरह है, इस्तेमाल किया, लोजपा को दो टुकड़ों में बांटा और उन्हें (पारस) को उठाकर सात समंदर पार फेंक दिया. दूसरे को पकड़कर रखना चाहती है. बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करती है.'' - शक्ति सिंह यादव, आरजेडी नेता
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