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रांची के बड़ा तालाब को सरगुजा का ई बॉल करेगा साफ, बायोटेक साइंटिस्ट ने शुरु किया काम - E ball of Surguja

छ्त्तीसगढ़ के बायोटेक साइंटिस्ट के आविष्कार से पूरा देश परिचित है. जी20 की मीटिंग के दौरान भी जयपुर के तालाबों को ई बॉल से ही साफ किया गया था. वहीं अब झारखंड की राजधानी रांची के बड़ा तालाब को भी ई बॉल से साफ करने की पहल रांची प्रशासन ने की है.

E BALL OF SURGUJA
रांची के बड़ा तालाब (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 24, 2024, 10:01 PM IST

Updated : Jul 24, 2024, 10:27 PM IST

रांची के बड़ा तालाब में साइंटिस्ट ने शुरु किया काम (ETV Bharat Chhattisgarh)

सरगुजा : जिले के बायोटेक साइंटिस्ट के आविष्कार को झारखंड की राजधानी रांची नगर निगम ने अपनाया है. रांची के बड़ा तालाब को साफ करने के लिये ई बॉल का उपयोग किया जा रहा है. ईटीवी नेटवर्क की खबर के बाद रांची प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया है और सरगुजा के साइंटिस्ट से संपर्क कर बड़ा तालाब को साफ करने की पहल की है.

रांची के बड़ा तालाब को साफ करने का काम शुरु : ईटीवी भारत के खबर के प्रकाशित होने के तुरंत बाद नगर निगम रांची ने संज्ञान लिया और अम्बिकापुर के साइंटिस्ट डॉक्टर प्रशांत शर्मा से संपर्क किया. बीते दिनों छत्तीसगढ़ से वैज्ञानिकों की टीम रांची पहुंची. जिसके बाद ई बॉल से बड़ा तालाब को साफ करने का काम शुरू किया गया. इस कार्य के शुभारंभ में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री सहित स्थानीय विधायक भी शामिल हुए.

ईटीवी भारत की खबर का असर : इससे पहले भी झारखंड सरकार ने अपने प्रतिनिधि मंडल को अम्बिकापुर भेजा था. टीम ने सरगुजा के तालाबों और नालियों में ई बॉल के असर को देखा. लेकिन वक्त बीतता गया और झारखंड में इसका उपयोग नहीं किया जा सका. जब राजधानी के महत्वपूर्ण बड़ा तालाब में गंदगी से लोग परेशान होने लगे, तब ईटीवी नेटवर्क ने इस खबर को फिर प्रकाशित किया. सवाल उठाए गए कि पड़ोसी राज्य में हो रहे प्रयोग का उपयोग रांची में क्यों नहीं किया जा रहा है.

"शुरूआत में भी ईटीवी भारत ने इस प्रयोग की खबर को प्रकाशित किया था. जिसके माध्यम से ई बॉल पूरे देश तक पहुंचा. इसी माध्यम से देश भर से लोगों के फोन आए. जल स्वच्छता के क्षेत्र में काम शुरु करने में ईटीवी भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब एक बार फिर ईटीवी की खबर के माध्यम से झारखंड से भी तालाब को साफ करने का काम शुरू किया गया है." - डॉ. प्रशान्त, बॉयोटेक साइंटिस्ट

ई बॉल क्यों है खास ? : सरगुजा के बायोटेक साइंटिस्ट डॉ प्रशांत ने कई सालों की मेहनत से एक बैक्टीरियल बॉल तैयार किया है, जिसे ई बॉल के नाम से जाना जाता है. इसका उपयोग सबसे पहले अम्बिकापुर शहर की नालियों और तालाबों में किया गया. प्रयोग सफल होने के बाद भी सबसे पहले ईटीवी भारत ने इसकी खबर को प्राथमिकता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद ई बॉल का उपयोग देश भर के कई महानगरों सहित अन्य शहरों के तलाबों को साफ करने के लिए किया गया था. जी20 मीटिंग के दौरान भी जयपुर के तालाबों को ई बॉल से साफ किया गया था.

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सरगुजा : जिले के बायोटेक साइंटिस्ट के आविष्कार को झारखंड की राजधानी रांची नगर निगम ने अपनाया है. रांची के बड़ा तालाब को साफ करने के लिये ई बॉल का उपयोग किया जा रहा है. ईटीवी नेटवर्क की खबर के बाद रांची प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया है और सरगुजा के साइंटिस्ट से संपर्क कर बड़ा तालाब को साफ करने की पहल की है.

रांची के बड़ा तालाब को साफ करने का काम शुरु : ईटीवी भारत के खबर के प्रकाशित होने के तुरंत बाद नगर निगम रांची ने संज्ञान लिया और अम्बिकापुर के साइंटिस्ट डॉक्टर प्रशांत शर्मा से संपर्क किया. बीते दिनों छत्तीसगढ़ से वैज्ञानिकों की टीम रांची पहुंची. जिसके बाद ई बॉल से बड़ा तालाब को साफ करने का काम शुरू किया गया. इस कार्य के शुभारंभ में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री सहित स्थानीय विधायक भी शामिल हुए.

ईटीवी भारत की खबर का असर : इससे पहले भी झारखंड सरकार ने अपने प्रतिनिधि मंडल को अम्बिकापुर भेजा था. टीम ने सरगुजा के तालाबों और नालियों में ई बॉल के असर को देखा. लेकिन वक्त बीतता गया और झारखंड में इसका उपयोग नहीं किया जा सका. जब राजधानी के महत्वपूर्ण बड़ा तालाब में गंदगी से लोग परेशान होने लगे, तब ईटीवी नेटवर्क ने इस खबर को फिर प्रकाशित किया. सवाल उठाए गए कि पड़ोसी राज्य में हो रहे प्रयोग का उपयोग रांची में क्यों नहीं किया जा रहा है.

"शुरूआत में भी ईटीवी भारत ने इस प्रयोग की खबर को प्रकाशित किया था. जिसके माध्यम से ई बॉल पूरे देश तक पहुंचा. इसी माध्यम से देश भर से लोगों के फोन आए. जल स्वच्छता के क्षेत्र में काम शुरु करने में ईटीवी भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब एक बार फिर ईटीवी की खबर के माध्यम से झारखंड से भी तालाब को साफ करने का काम शुरू किया गया है." - डॉ. प्रशान्त, बॉयोटेक साइंटिस्ट

ई बॉल क्यों है खास ? : सरगुजा के बायोटेक साइंटिस्ट डॉ प्रशांत ने कई सालों की मेहनत से एक बैक्टीरियल बॉल तैयार किया है, जिसे ई बॉल के नाम से जाना जाता है. इसका उपयोग सबसे पहले अम्बिकापुर शहर की नालियों और तालाबों में किया गया. प्रयोग सफल होने के बाद भी सबसे पहले ईटीवी भारत ने इसकी खबर को प्राथमिकता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद ई बॉल का उपयोग देश भर के कई महानगरों सहित अन्य शहरों के तलाबों को साफ करने के लिए किया गया था. जी20 मीटिंग के दौरान भी जयपुर के तालाबों को ई बॉल से साफ किया गया था.

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Last Updated : Jul 24, 2024, 10:27 PM IST
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