बक्सर: किसान नेता राकेश टिकैत ने आज बुधवार 10 अप्रैल को चौसा में आंदोलनरत किसानों से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार किसानों को खेतों में खड़ी फसल को काटने में अवरोध पैदा करती है तो किसान अपनी फसल में आग लगा देंगे, जिसकी जद में एसजेवीएन पावर प्लांट भी आएगी. राकेश टिकैत किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए बक्सर पहुंचे थे. किसान नेता के बक्सर आगमन को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी पूरी तरह से अलर्ट मोड में था.
आंदोलन की चेतावनीः राकेश टिकैत ने जिले के चौसा प्रखंड के बनारापुर में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के लिए बिहार सरकार को जिम्मेवार ठहराया. उनका आरोप था कि सरकार के ही इशारे पर जिला प्रशासन ने किसानों पर लाठी बरसाया. उनका प्रयास था कि दहशत फैलाकर आंदोलन को दबा दिया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार की इस दमनकारी नीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि सरकार ने इस पर कोई उचित निर्णय नहीं लिया तो चुनाव के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा यहीं पर डेरा डालकर आन्दोलन किया जाएगा.
"बिहार सरकार ने ही किसानों पर लाठी चार्ज करायी है. सरकार चाहती है कि, तानाशाही तरीके से आंदोलन को खत्म कर दिया जाए, लेकिन जब तक उचित मुआवजा किसानों को नहीं मिलेगा तब तक यह आंदोलन खत्म नहीं होगा."- राकेश टिकैत, किसान नेता
दिल्ली की तरह आंदोलन की धमकीः राकेश टिकैत ने थर्मल पावर प्लांट एवं जिला प्रशासन के अधिकारियो को चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि सरकार के द्वारा किसानों की खेतों में लगी खड़ी फसल को काटने नहीं दिया गया तो, किसान अपनी फसल में खुद आग लगा देंगे. जिसकी जद में एसजेवीएन कंपनी भी आएगी. यदि किसी किसान की मृत्यु हुई तो उसकी चिता किसान पंवर प्लांट के अंदर ही जलाएंगे और दाह संस्कार करेंगे. जब 13 महीने दिल्ली में हमने डेरा डालने में नहीं सोचा तो बक्सर में क्या सोचना है.
पुलिस कैम्प के विरोध में लगेगा किसान कैम्पः राकेश टिकैत ने कहा कि, जब भारत सरकार की दमनकारी नीति के विरुद्ध दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर 13 महीने तक आंदोलन चल सकता है तो बक्सर में भी क्यों नहीं? पुलिस कैंप के विरोध में जरूरत पड़ी तो यहां संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले उनके नेतृत्व में किसान कैंप भी लगेगा. पहले किसानों से वार्ता की जाएगी. उसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता के बाद आंदोलन की रणनीति को धार दिया जाएगा. आंदोलन के दौरान किसी भी प्रकार के नुकसान की सारी जिम्मेदारी प्रशासन और कंपनी की होगी.
क्या है मामलाः बक्सर के चौसा में थर्मल पावर प्लांट बन रहा है. 1320 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा. इस प्लांट के लिए एक दर्जन से अधिक गांवों की 1058 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. किसान उचित मुआवजे, परिवार के एक सदस्य की नौकरी समेत 11 सूत्री मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. चौसा पावर प्लांट में भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसान पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे हैं. 11 मार्च 2024 को किसान अपनी मांगों को लेकर पावर प्लांट के सामने धरने पर बैठ गए थे. जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया था.
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