नई दिल्ली: पंजाब में हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन से कांग्रेस उत्साहित है. आम आदमी पार्टी (AAP) शासित राज्य में कांग्रेस समर्थित लगभग 50 से 60 प्रतिशत उम्मीदवार सरपंच चुने गए हैं.
लोकसभा चुनाव में 13 में से सात सीटें जीतने के बाद कांग्रेस के लिए यह दूसरी सुखद खबर है. राज्य में सत्ताधारी 'आप' केवल तीन संसदीय सीटें जीत पाई थी. विपक्षी पार्टी के लिए अगली चुनौती 13 नवंबर को पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर होने वाला उपचुनाव है, जिसके लिए जमीनी काम शुरू हो चुका है.
पंजाब कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से कहा, "हम जल्द ही चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे. हमने पहले ही इन सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे उत्साहजनक हैं और बताते हैं कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस की पकड़ बरकरार है. सत्तारूढ़ 'आप' द्वारा पंचायत चुनाव में धांधली करने के कई प्रयासों के बावजूद हमारे समर्थित उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन किया."
आम आदमी पार्टी ने 20 अक्टूबर को चार विधानसभा सीटों- गिद्दड़बाहा (Giddarbaha) , चब्बेवाल (एससी), बरनाला और डेरा बाबा नानक के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की.
इन क्षेत्रों के विधायकों के लोकसभा सांसद चुने जाने के कारण उपचुनाव हो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग लुधियाना लोकसभा सीट से सांसद चुने गए, जो गिद्दड़बाहा से विधायक थे.
आप में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस नेता राज कुमार चब्बेवाल होशियारपुर से लोकसभा के लिए चुने गए थे. डेरा बाबा नानक सीट से विधायक रहे कांग्रेस महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा गुरदासपुर संसदीय सीट से सांसद चुने गए. वहीं, बरनाला से आप विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर संगरूर से सांसद चुने गए.
आगामी विधानसभा उपचुनाव को सत्ताधारी AAP और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस दोनों के लिए परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस जहां तीन सीटों पर अपना कब्जा बरकरार रखने की पूरी कोशिश कर रही है, वहीं आप चारों सीटों पर जीत हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है.
देवेंद्र यादव ने कहा, "मैंने हाल ही में राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ आगामी उपचुनावों की रणनीति की समीक्षा की."
पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह ने ईटीवी भारत से कहा, "पंचायत चुनावों में धांधली के बावजूद कांग्रेस समर्थित सरपंचों ने पूरे पंजाब के 50-60 प्रतिशत गांवों में जीत हासिल की. लोगों ने 'आप' के झूठे वादों को खारिज करते हुए स्पष्ट संदेश दिया है. इससे पता चलता है कि कांग्रेस पंजाब का असली भविष्य है, जो वास्तविक शासन और प्रगति के साथ नेतृत्व करने के लिए तैयार है."
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हमेशा लोगों से झूठे वादे किए हैं. उन्होंने वादा किया था कि शिक्षक चुनाव ड्यूटी पर नहीं, बल्कि शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेंगे, लेकिन एक बार फिर मुकर गए हैं. अब वे उनकी (शिक्षकों) जान जोखिम में डाल रहे हैं. पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षकों पर पत्थरबाजी की गई, उन्हें डराया-धमकाया गया और उन्हें घायल किया गया. उन्होंने जो 'शांतिपूर्ण चुनाव' का वादा किया था, वह कहां है? हमारे शिक्षकों की सुरक्षा की पूरी तरह से अवहेलना की गई है. यह झूठे वादों और विफलताओं पर बनी सरकार है."
पंजाब विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने चुनाव आयोग से 13 नवंबर को होने वाले चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को स्थगित करने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि उपचुनाव की तारीख गुरु नानक देव की जयंती के साथ मेल खाती है, जिसे पूरे राज्य में धूमधाम से मनाया जाता है. बाजवा ने ईटीवी भारत से कहा कि उपचुनाव स्थगित करने से यह सुनिश्चित होगा कि लोग अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पूरी तरह से भाग ले सकें."
इससे पहले, बाजवा ने चुनाव आयोग को सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी द्वारा पंचायत चुनावों में गड़बड़ी की संभावनाओं के बारे में सूचित किया था.
यह भी पढ़ें- 9.25 लाख में बिकी खास नस्ल की यह गाय, कहा जाता है 'दुधारू सोना', जानें खासियत