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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मृत और बर्खास्त कर्मचारी को अनुपस्थित दिखाया, डीएम के खिलाफ प्रदर्शन

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में शोपियां जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद प्रशासन ने 180 कर्मचारियों को अनुपस्थित दिखाया था.

protests over govt shows dead and terminated health employees absent at Shopian District Hospital
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मृत और बर्खास्त कर्मचारी को अनुपस्थित दिखाया (Representational Picture -ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 14, 2024, 6:31 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से शोपियां जिला अस्पताल के 180 कर्मचारियों को अनुपस्थित दिखाया गया था. जिसमें एक मृत कर्मचारी और एक बर्खास्त कर्मचारी को भी दिखाया गया. इस घटना की कर्मचारियों ने निंदा की और विरोध जताया.

शोपियां के जिला आयुक्त शाहिद सलीम ने बुधवार को सरकारी आदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि एडीसी ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और 198 में से 181 कर्मचारियों को अनुपस्थित पाया. इनमें अस्पताल के डॉक्टर और अन्य कर्मचारी भी शामिल थे.

सलीम ने सोशल मीडिया पर कथित अनुपस्थित कर्मचारियों के बारे में आदेश साझा करते हुए कहा, "सुबह 10 बजे से शाम 4.30 बजे तक हमें वेतन दिया जाता है. जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी."

शोपियां के जिला आयुक्त शाहिद सलीम का पोस्ट
शोपियां के जिला आयुक्त शाहिद सलीम का पोस्ट (स्क्रीनशॉट)

डीएम ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे जम्मू-कश्मीर सीएसआर के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत सभी अनुपस्थित कर्मचारियों से उनकी लापरवाही, उदासीन रवैये, गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए स्पष्टीकरण मांगें, क्योंकि ऐसा आचरण लोक सेवक के लिए अनुचित है.

वहीं, प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में कर्मचारियों ने गुरुवार को डीएम के खिलाफ प्रदर्शन किया. इसके अलावा डॉक्टरों के एक संगठन ने बयान जारी कर कार्रवाई की निंदा की और प्रशासन को अस्पतालों के संचालन तंत्र के बारे में याद दिलाया.

बुधवार को अनुपस्थित दिखाए गए कर्मचारियों में से एक की दो साल पहले मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक अन्य को राज्यपाल प्रशासन ने अनुच्छेद 311 के तहत बर्खास्त कर दिया था.

डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर (डीएके) के अध्यक्ष डॉ. एमवाई टाक ने कहा, "डॉ. मुख्तार को अनुपस्थित दिखाया गया, जबकि उनका तबादला दो साल पहले अनंतनाग जिला अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक के पद पर हुआ था. इसी तरह एक युवा कर्मचारी शाहिद को भी गलत तरीके से अनुपस्थित दिखाया गया, जिनका दो साल पहले निधन हो गया था. इसके अलावा, डॉ. बिलाल को भी गलत तरीके से अनुपस्थित सूची में शामिल किया गया, जिन्हें दो साल पहले बर्खास्त कर दिया गया था.

डॉ. टाक ने कहा कि ऐसी गलतियां उपस्थिति रिकॉर्ड बनाने में उचित सत्यापन और तत्परता की कमी को दर्शाती हैं. उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्ट में अस्पतालों में कामकाज की हकीकत को गलत तरीके से पेश किया गया है.

उन्होंने कहा, "अस्पताल का कामकाज अन्य सरकारी विभागों से बिल्कुल अलग है. एक तिहाई कर्मचारी रात से पहले छुट्टी पर रहते हैं, एक तिहाई रात के बाद छुट्टी पर रहते हैं और बाकी कर्मचारी दिन में ड्यूटी पर रहते हैं. ऐसे में, किसी भी समय, खास तौर पर सुबह के समय, केवल कुछ कर्मचारियों की ही ड्यूटी होती है. अपडेट के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया, इसलिए सुबह 10:10 बजे दर्ज किए गए बायोमेट्रिक डेटा के कारण उपस्थिति में त्रुटि हुई. इसके बावजूद विजिटिंग अधिकारी के निरीक्षण के समय सभी विभाग चालू थे.

यह भी पढ़ें- राशिद इंजीनियर के खिलाफ दर्ज टेरर फंडिंग का मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में हो सकता है ट्रांसफर

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से शोपियां जिला अस्पताल के 180 कर्मचारियों को अनुपस्थित दिखाया गया था. जिसमें एक मृत कर्मचारी और एक बर्खास्त कर्मचारी को भी दिखाया गया. इस घटना की कर्मचारियों ने निंदा की और विरोध जताया.

शोपियां के जिला आयुक्त शाहिद सलीम ने बुधवार को सरकारी आदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि एडीसी ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और 198 में से 181 कर्मचारियों को अनुपस्थित पाया. इनमें अस्पताल के डॉक्टर और अन्य कर्मचारी भी शामिल थे.

सलीम ने सोशल मीडिया पर कथित अनुपस्थित कर्मचारियों के बारे में आदेश साझा करते हुए कहा, "सुबह 10 बजे से शाम 4.30 बजे तक हमें वेतन दिया जाता है. जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी."

शोपियां के जिला आयुक्त शाहिद सलीम का पोस्ट
शोपियां के जिला आयुक्त शाहिद सलीम का पोस्ट (स्क्रीनशॉट)

डीएम ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे जम्मू-कश्मीर सीएसआर के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत सभी अनुपस्थित कर्मचारियों से उनकी लापरवाही, उदासीन रवैये, गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए स्पष्टीकरण मांगें, क्योंकि ऐसा आचरण लोक सेवक के लिए अनुचित है.

वहीं, प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में कर्मचारियों ने गुरुवार को डीएम के खिलाफ प्रदर्शन किया. इसके अलावा डॉक्टरों के एक संगठन ने बयान जारी कर कार्रवाई की निंदा की और प्रशासन को अस्पतालों के संचालन तंत्र के बारे में याद दिलाया.

बुधवार को अनुपस्थित दिखाए गए कर्मचारियों में से एक की दो साल पहले मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक अन्य को राज्यपाल प्रशासन ने अनुच्छेद 311 के तहत बर्खास्त कर दिया था.

डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर (डीएके) के अध्यक्ष डॉ. एमवाई टाक ने कहा, "डॉ. मुख्तार को अनुपस्थित दिखाया गया, जबकि उनका तबादला दो साल पहले अनंतनाग जिला अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक के पद पर हुआ था. इसी तरह एक युवा कर्मचारी शाहिद को भी गलत तरीके से अनुपस्थित दिखाया गया, जिनका दो साल पहले निधन हो गया था. इसके अलावा, डॉ. बिलाल को भी गलत तरीके से अनुपस्थित सूची में शामिल किया गया, जिन्हें दो साल पहले बर्खास्त कर दिया गया था.

डॉ. टाक ने कहा कि ऐसी गलतियां उपस्थिति रिकॉर्ड बनाने में उचित सत्यापन और तत्परता की कमी को दर्शाती हैं. उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्ट में अस्पतालों में कामकाज की हकीकत को गलत तरीके से पेश किया गया है.

उन्होंने कहा, "अस्पताल का कामकाज अन्य सरकारी विभागों से बिल्कुल अलग है. एक तिहाई कर्मचारी रात से पहले छुट्टी पर रहते हैं, एक तिहाई रात के बाद छुट्टी पर रहते हैं और बाकी कर्मचारी दिन में ड्यूटी पर रहते हैं. ऐसे में, किसी भी समय, खास तौर पर सुबह के समय, केवल कुछ कर्मचारियों की ही ड्यूटी होती है. अपडेट के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया, इसलिए सुबह 10:10 बजे दर्ज किए गए बायोमेट्रिक डेटा के कारण उपस्थिति में त्रुटि हुई. इसके बावजूद विजिटिंग अधिकारी के निरीक्षण के समय सभी विभाग चालू थे.

यह भी पढ़ें- राशिद इंजीनियर के खिलाफ दर्ज टेरर फंडिंग का मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में हो सकता है ट्रांसफर

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