अयोध्या : रामनवमी पर रामलला को 72 घंटे जगाए जाने की योजना पर ट्रस्ट तैयार नहीं हो रहा है जिस पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पांच अप्रैल को निर्णय लेगा. दूसरी तरफ ट्रस्ट संतों के साथ विचार कर रहा है. हालांकि संतों ने बालक स्वरूप रामलला को 24 घंटे तीन दिनों तक जगाए जाने के सवाल पर आपत्ति जताई हैं. संतों के मुताबिक सनातन धर्म और मंदिरों की परंपरा में नहीं है.
अयोध्या में रामनवमी मेले की शुरुआत नो अप्रैल से होगी. 17 अप्रैल को रामनवमी उत्सव का आयोजन किया जाएगा. इस मेले के दौरान लगभग 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. प्रशासन रामलला के दर्शन के लिए तीन दिनों तक 24 घंटे तक मंदिर खुला रखने को लेकर विचार कर रहा है, लेकिन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के मुताबिक 5 वर्षीय बाल स्वरूप रामलला विराजमान हैं, उन्हें 24 घंटे तक जगाना उचित नहीं है.
अयोध्या के प्रमुख संतों में शामिल मिथिलेश नंदनी शरण ने कहा कि रामलला को 24 घंटे जगाए जाना उचित नहीं है, लेकिन अभी तक हमारे पास कोई इस तरह की सूचना नहीं आई है. इस तरह के मौखिक बयान आते रहते हैं, लेकिन अभी ट्रस्ट के द्वारा कोई विचार नहीं किया गया है. जिला प्रशासन और ट्रस्ट के साथ विचार करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी 24 घंटे तक जगाए रखना के मामले को लेकर अनुचित बताया है. उन्होंने कहा कि रामलला बालक हैं. वर्तमान में भी भगवान सुबह 4 बजे जगाया जाता है. ऐसे में तीन दिनों तक मंदिर खुला रखना सही नहीं है.
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