पटना : बिहार के जहानाबाद में गुरुवार को ग्रामीण विकास मंत्री अशोक चौधरी पार्टी के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां उन्होंने जहानाबाद के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा पर टिप्पणी की थी. जिसके बाद बिहार की राजनीति में सियासी उबाल आ गया है. पार्टी की ओर से जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि ये पार्टी लाइन के खिलाफ है, जिसके बाद अशोक चौधरी भी बैकफुट पर आ गए.
अशोक चौधरी के बयान से पार्टी का किनारा : अशोक चौधरी के बयान पर एमएलसी व जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि, ''बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी भी जाति की राजनीति नहीं करते हैं. रानीतिक विरोध हो सकता है लेकिन राजनीतिक घृणा नहीं, यह हमारी कार्यशैली का हिस्सा नहीं हो सकता है. इसलिए उन्हें (अशोक चौधरी) ऐसे बयान देने से बचना चाहिए.''
'मैं भूमिहार विरोधी नहीं हूं- अशोक चौधरी' : इधर अपने बयान पर यू टर्न लेते हुए ग्रामीण विकास मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि उनके बयान को भूमिहार से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, मैं भूमिहार विरोधी नहीं हूं. मैं खुद भूमिहार की गोद में पला बढ़ा हूं. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि लोकसभा चुनाव में जिन लोगों ने पार्टी लाइन पर काम नहीं किया, जिन लोगों ने नीतीश कुमार के फैसलों का विरोध किया और दिल्ली जाकर बैठ गए, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
'माफी मांगनी होगी'- जगदीश शर्मा : जगदीश शर्मा के इलाके में जब अशोक चौधरी ने हुंकार भरी तो जगदीश शर्मा भी कहां चुप रहने वाले थे? उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए साफ कर दिया कि अशोक चौधरी को माफी मांगनी होगी. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ''देखिए माननीय मंत्री अशोक चौधरी जी, लोकतंत्र में कोई भी नेता चुनाव जबरदस्ती नहीं जीत सकता. नेताओं का मालिक और सर्वेसर्वा जनता होती है.''
''हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव और हमारे क्षेत्र में किये गये आपके भ्रमण के समय से ही देख रहा हूं कि आप बड़बोलेपन का शिकार हो चुके हैं. कभी हमारे क्षेत्र के मुखिया को धमकाते हैं, कभी क्षेत्र की जनता को वोट देने के लिये धमकाते हैं. अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जो कि लोकतंत्र के लिए घातक है. मैंने पिछले 40 वर्षों से अपने क्षेत्र के हरेक तबके के लोगों के लिए जाति-पाति की राजनीति से ऊपर उठकर सेवा करने का कार्य किया है.''- जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद, जेडीयू
'इसलिए.. धमकाना बंद कीजिए' : पूर्व मंत्री ने आगे लिखा कि, आप जहानाबाद आकर एक जाति विशेष के लोगों को टारगेट कर रहे हैं, यह ओछी मानसिकता को दर्शाता है. इसका परित्याग कर आपको जहानाबाद की जनता से माफी मांगनी होगी, नहीं तो यह जहानाबाद है महोदय, जितना सम्मान देना जानती है, उतना ही अगर जातीय उन्माद फैलायेंगे तो आपको ससम्मान वापस भेजना भी जानती है. इसलिए जातीय उन्माद और इस जिला के मुखिया प्रतिनिधि को धमकाना बंद कीजिए.
'भूमिहारों ने नहीं दिया नीतीश का साथ...' : दरअसल, लोकसभा के चुनाव में जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी की हार हुई थी. कहा जाता है कि यहां पर भूमिहारों ने जेडीयू का साथ नहीं दिया. यही वजह थी कि आरजेडी के सुरेन्द्र यादव ने जीत का परचम लहराया था.
भूमिहार पर बिहार में सियासत क्यों? : बता दें कि जहानाबाद की घोसी सीट से जगदीश शर्मा 7 बार और पत्नी व बेटा एक-एक बार विधायक रहे हैं. खुद जगदीश शर्मा एक बार जहानाबाद लोकसभा सीट से सांसद भी रहे. ऐसे में इनकी इलाके में अच्छी पकड़ हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में जहानाबाद लोकसभा सीट से जगदीश शर्मा और उनके परिवार से किसी भी सदस्य ने प्रचार नहीं किया, इस कारण यह सीट आरजेडी ने जीत ली. इस कारण अशोक चौधरी पूर्व सांसद जगदीश शर्मा से नाराज हैं.
जहानाबाद में यादव Vs भूमिहार, सीन से गायब थे जगदीश शर्मा : दरअसल, जहानाबाद की राजनीति भूमिहार और यादव के इर्द-गिर्द रही. जहानाबाद की जनता ने इस सीट पर 1952 से साल 2024 तक 18 बार हुए चुनाव में 10 बार यादव और 7 बार भूमिहार को चुनकर सांसद भेजा है. इसबार 2024 लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को मैदान में उतारा था, लेकिन आरजेडी के सुरेन्द्र यादव ने यहां सीट छीन ली थी. सुरेन्द्र यादव को 4,43,035 वोट मिले, जबकि चंदेश्वर चंद्रवंशी को 3,00,444 वोट प्राप्त हुए. लेकिन जानकार बताते हैं कि जगदीश शर्मा मैदान में रहते तो नतीजा बदल सकता था.
जगदीश शर्मा का चारा घोटाला कनेक्शन : 3 अक्टूबर 2023, चारा घोटाला मामले में रांची की सीबीआई के विशेष अदालत ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव समेत कई अभियुक्तों के सजा सुनवाई थी. जगदीश शर्मा को भी 5 साल की सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी. वे जहानाबाद सीट से जेडीयू के सांसद थे.
कांग्रेस ने की माफी की मांग : इधर, कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने भी अशोक चौधरी पर तीखा हमला बोला. अजीत शर्मा ने कहा कि, ''आप कांग्रेस पार्टी में रहे हैं और आपके पिताजी महावीर चौधरी जी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे. वहां भूमिहार जाति के लोग भी उन्हें मतदान करते थे. आपको जाति विशेष के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.''
'भूमिहार जाति नहीं विचारधारा'- विजय सिन्हा : भूमिहार वाले इस जंग में उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय सिन्हा भी कूद पड़े. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, ''हमने बयान नहीं सुना है लेकिन भूमिहार जाति नहीं विचारधारा है. भूमिहार जमीन से जुड़ा हुआ है. जमीनी हकीकत को जानने की ताकत आज भी किसी को है तो जो जमीन से जुड़ा हुआ है उसी को है. जाति की राजनीति करने वाला ना तो जाति का होता है ना राष्ट्र का होता है.
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