पटना : बिहार की सियासी गहमागहमी आज परवान पर है. सोमवार यानी की 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने वाला है. इससे यह तय हो जाएगा कि बिहार में एनडीए की सरकार रहेगी या मामला बिगड़ जाएगा. क्योंकि जो सियासी परिदृश्य वर्तमान में दिखाई दे रहे हैं, उससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि दोनों तरफ से जोड़-तोड़ की पुरजोर कोशिश हो रही है.
लिखी जा रही है 'खेला' की स्क्रिप्ट: एक तरफ जहां जेडीयू की बैठक में सात विधायकों के नहीं आने के बाद भी, सबकुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा है. वहीं आरजेडी कल बड़ा खेल होने की बात कर रही है. यह दावा तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के बाद ही कर दिया था. इसके बाद से बैठकों का दौर शुरू हो गया और कांग्रेस विधायकों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से हैदराबाद भेज दिया गया था.
तेजस्वी के घर पर जमे महागठबंधन के विधायक : अब जब कांग्रेस के विधायक हैदराबाद से लौटे हैं, तो उन्हें सीधा तेजस्वी यादव के आवास में शिफ्ट हो चुके हैं. यानी अभी भी आरजेडी और कांग्रेस किसी तरह का कोई रिस्क लेना नहीं चाह रही है. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के कई विधायक मुख्यमंत्री की बैठक से नदारद दिख रहे हैं. वैसे जेडीयू का कहना है कि सभी विधायक साथ हैं और अलग-अलग कारणों से बैठक में नहीं पहुंच पाए.
बीजेपी के विधायकों में भी असंतोष? : गया में बीजेपी की कार्यशाला में 2 विधायक नहीं पहुंचे. बताया जा रहा है कि दोनों विधायक पार्टी के संपर्क में हैं लेकिन कयास ये भी लगाया जा रहा है कि नाराजगी के चलते दोनों की मौजूदगी कार्यशाला में नहीं रही है. हालांकि बीजेपी दावा कर रही है कि विश्वासमत को वो बहुमत से हासिल करेंगे. तीन बसों के जरिए बीजेपी के सभी विधायक पटना पहुंच चुके हैं.
फ्लोर टेस्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा परिदृश्य : अब ऐसी परिस्थिति में जब आरजेडी और कांग्रेस अपने विधायकों को इंटेक्ट करने की जद्दोजहद में लगा हुआ है. वहीं जेडीयू और बीजेपी भी निश्चिंत होकर नहीं बैठी है, लेकिन दावा दोनों ही तरफ से ऐसा किया जा रहा कि सबकुछ ठीक है. वैसे आरजेडी का साफ इशारा है कि जेडीयू में टूट होने वाली है. अब सोमवार को ऊंट किस करवट बैठता है. यह फ्लोर टेस्ट के बात ही स्पष्ट हो पाएगा. अभी सिर्फ अटकलबाजी का बाजार गर्म है.
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