नारायणपुर: अबूझमाड़ थाना इलाके के गोमागाल जंगल में नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हो गई. जवानों ने मुठभेड़ में नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. जवानों के जवाबी हमले में दो हार्डकोर नक्सली मारे गए हैं. घटनास्थल से जवानों की टीम ने मारे गए दोनों नक्सलियों के शवों को बरामद किया है. मुठभेड़ में जो दो नक्सली मारे गए हैं अभी तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है. वारदात वाली जगह से जवानों ने दो रायफल भी बरामद किया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शनिवार को नारायणपुर के दौरे पर थे. सीएम के दौरे को देखते हुए पहले से ही सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए थे.
नक्सलियों से मुठभेड़, दो नक्सली ढेर: जवानों की टीम आम दिनों की तरह अबूझमाड़ के जंगलों में सर्चिंग के लिए निकली थी. जवानों की टीम जैसे ही गोमागाल के जंगल में पहुंची वैसे ही जंगल में नक्सलियों के होने की आहट जवानों को मिली. जवानों ने सतर्कता बरतते हुए नक्सलियों को घेरना शुरु कर दिया. नक्सलियों को जैसे ही जवानों के करीब होने की खबर मिली उन्होने अपनी ओर से गोलियां दागनी शुरु कर दी. पहले से सतर्क जवानों ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली मौके से भाग खड़े हुए. जवानों ने जब इलाके को सर्च आउट किया तो मौके से दो नक्सलियों के शव बरामद हुए. मारे गए नक्सलियों की पहचान नहीं हो पाई है. मुठभेड़ की पुष्टि खुद नारायणपुर एसपी ने की है.
30 जनवरी को सुकमा में हुई थी मुठभेड़: अबूझमाड़ मुठभेड़ से पहले 30 जनवरी को सुकमा और बीजापुर बॉर्डर एरिया में जवानों के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हुए थे. 2 फरवरी को सुकमा में तीन हार्डकोर नक्सलियों ने जवानों के सामने आत्मसमर्पण किया था. सरेंडर करने वाले नक्सली सरकार की नई पुनर्वास नीति से प्रभावित थे. माओवादियों का कहना था कि वो आतंक के रास्ते पर चलते चलते थक गए हैं, अब वो समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर रहना चाहते हैं.