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नक्सल इलाके के युवाओं के फुटबॉलर बनाने की पहल! पुलिस की नौकरी के लिए फिट रखने की पहल - Football in Naxal area - FOOTBALL IN NAXAL AREA

Football tournament in Palamu. नक्सल प्रभावित इलाके में पुलिस युवाओं को मुख्यधारा और रोजगार से जोड़ने के लिए फुटबॉलर बना रही है. पुलिस की ओर से युवाओं की टीम बनाकर टूर्नामेंट कराया जा रहा है.

Football tournament in Palamu
युवाओं के साथ पुलिस (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 22, 2024, 7:05 PM IST

पलामू: झारखंड पुलिस नक्सल एवं पोस्ता की खेती से प्रभावित इलाके के युवाओं को फुटबॉलर बनाने की पहल कर रही है. इस कड़ी में फुटबॉल टीम तैयार किया जा रहा है. फुटबॉल टीम बनाने के दौरान युवाओं के शारीरिक क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा. ताकि युवाओं को पुलिस एवं अन्य बहाली में फायदा हो सके. पलामू पुलिस ने इसकी शुरुआत अति नक्सल प्रभावित इलाका मनातू से की है. मनातू के वैसे इलाके जो पोस्ता की खेती से प्रभावित हैं उन इलाकों में फुटबॉल टीम बनाई जा रही है. पुलिस ने अकेले मनातू में ही आठ फुटबॉल टीम बनाई है. सभी टीम को फुटबॉल से जुड़ी हुई किट उपलब्ध करवाई गई है. सभी टीम के बीच स्वतंत्रता दिवस से पहले टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा.

पोस्ता की खेती वाले इलाकों में युवाओं को मुख्यधारा में जोड़ने की अपील

झारखंड के कई इलाके पोस्ता की खेती से प्रभावित है और सभी इलाके अतिनक्सल प्रभावित माने जाते हैं. पोस्ता की खेती से प्रभावित इलाके में युवाओं को मुख्यधारा से जुड़े रहने के लिए पुलिस कई योजनाओं पर कार्य कर रही है. इसी कड़ी में पुलिस युवाओं के शारीरिक क्षमता को विकसित कर रही है और खेल से जोड़ रही है. युवाओं के शारीरिक क्षमता के विकास और फिट रखने के लिए फुटबॉल का चयन किया गया. फुटबॉल से युवाओं को काफी फायदा होगा, पुलिस एवं अन्य तरह की बहाली में दौड़ के शरीर फिट रहेगी.

अच्छी पहल है युवाओं को काफी फायदा होगा, शारीरिक क्षमता का भी विकास होगा. आने वाले वक्त में पुलिस, उत्पाद सिपाही समेत कई विभागों में बहाली होनी है. शारीरिक रूप से फिट रहने पर बहाली में फायदा होगा. पोस्ता एवं नक्सल प्रभावित इलाकों के मुख्यधारा से भटकें नहीं इसके लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा.- वाईएस रमेश, डीआईजी, पलामू

मुख्यधारा में जोड़ने के लिए फुटबॉल टीम बनाया जा रहा है. शुरुआत मनातू से हुई है. पुलिस खिलाडियों को हर संभव मदद करेगी. पुलिस टूर्नामेंट भी करेगी और युवाओं को जागरूक कर रही है.- रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू

इलाके में चर्चित है फुटबॉल, बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचते हैं फुटबॉल देखने

झारखंड बिहार सीमा के साथ-साथ नक्सल इलाके में फुटबॉल काफी चर्चित है. बड़ी संख्या में दर्शक फुटबॉल देखने के लिए पहुंचते हैं. मनातू के डुमरी के रहने वाले श्याम बिहारी गंझू ने बताया फुटबॉल से काफी फायदा होता है, यह किसी भी मौसम में खेला जा सकता है. यह गरीबों का खेल है. इलाके के युवा बड़ी संख्या में फुटबॉल खेलने वाले पुलिस में भर्ती हुए हैं, जिस कारण युवाओं को इस खेल से जुड़ाव है. फुटबॉल खिलाड़ी प्रभात कुमार ने बताया कि पलामू के इलाके के हजारों युवा पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बल में तैनात हैं. जिन गांवों के युवा भर्ती हुए हैं, वहां फुटबॉल खेला जाता रहा है.

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पोस्ता की खेती करने वाले गांव पर एफआईआर के बाद बदली तस्वीर, अफगानिस्तान की राह पर चल रहे थे ग्रामीण! - Poppy Cultivation

पलामू: झारखंड पुलिस नक्सल एवं पोस्ता की खेती से प्रभावित इलाके के युवाओं को फुटबॉलर बनाने की पहल कर रही है. इस कड़ी में फुटबॉल टीम तैयार किया जा रहा है. फुटबॉल टीम बनाने के दौरान युवाओं के शारीरिक क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा. ताकि युवाओं को पुलिस एवं अन्य बहाली में फायदा हो सके. पलामू पुलिस ने इसकी शुरुआत अति नक्सल प्रभावित इलाका मनातू से की है. मनातू के वैसे इलाके जो पोस्ता की खेती से प्रभावित हैं उन इलाकों में फुटबॉल टीम बनाई जा रही है. पुलिस ने अकेले मनातू में ही आठ फुटबॉल टीम बनाई है. सभी टीम को फुटबॉल से जुड़ी हुई किट उपलब्ध करवाई गई है. सभी टीम के बीच स्वतंत्रता दिवस से पहले टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा.

पोस्ता की खेती वाले इलाकों में युवाओं को मुख्यधारा में जोड़ने की अपील

झारखंड के कई इलाके पोस्ता की खेती से प्रभावित है और सभी इलाके अतिनक्सल प्रभावित माने जाते हैं. पोस्ता की खेती से प्रभावित इलाके में युवाओं को मुख्यधारा से जुड़े रहने के लिए पुलिस कई योजनाओं पर कार्य कर रही है. इसी कड़ी में पुलिस युवाओं के शारीरिक क्षमता को विकसित कर रही है और खेल से जोड़ रही है. युवाओं के शारीरिक क्षमता के विकास और फिट रखने के लिए फुटबॉल का चयन किया गया. फुटबॉल से युवाओं को काफी फायदा होगा, पुलिस एवं अन्य तरह की बहाली में दौड़ के शरीर फिट रहेगी.

अच्छी पहल है युवाओं को काफी फायदा होगा, शारीरिक क्षमता का भी विकास होगा. आने वाले वक्त में पुलिस, उत्पाद सिपाही समेत कई विभागों में बहाली होनी है. शारीरिक रूप से फिट रहने पर बहाली में फायदा होगा. पोस्ता एवं नक्सल प्रभावित इलाकों के मुख्यधारा से भटकें नहीं इसके लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा.- वाईएस रमेश, डीआईजी, पलामू

मुख्यधारा में जोड़ने के लिए फुटबॉल टीम बनाया जा रहा है. शुरुआत मनातू से हुई है. पुलिस खिलाडियों को हर संभव मदद करेगी. पुलिस टूर्नामेंट भी करेगी और युवाओं को जागरूक कर रही है.- रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू

इलाके में चर्चित है फुटबॉल, बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचते हैं फुटबॉल देखने

झारखंड बिहार सीमा के साथ-साथ नक्सल इलाके में फुटबॉल काफी चर्चित है. बड़ी संख्या में दर्शक फुटबॉल देखने के लिए पहुंचते हैं. मनातू के डुमरी के रहने वाले श्याम बिहारी गंझू ने बताया फुटबॉल से काफी फायदा होता है, यह किसी भी मौसम में खेला जा सकता है. यह गरीबों का खेल है. इलाके के युवा बड़ी संख्या में फुटबॉल खेलने वाले पुलिस में भर्ती हुए हैं, जिस कारण युवाओं को इस खेल से जुड़ाव है. फुटबॉल खिलाड़ी प्रभात कुमार ने बताया कि पलामू के इलाके के हजारों युवा पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बल में तैनात हैं. जिन गांवों के युवा भर्ती हुए हैं, वहां फुटबॉल खेला जाता रहा है.

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