नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने भारत चुनाव आयोग (ECI) के निर्देशों के बाद कोविड19 टीकाकरण प्रमाणपत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत से कहा, 'चूंकि सात चरणों वाली लोकसभा 2024 के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू है, इसलिए प्रधानमंत्री की तस्वीर को हटाने का सुझाव दिया गया था.'
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है कि प्रमाणपत्र से मोदी की तस्वीर हटाई गई है. कुछ राज्यों में 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कोविड19 टीकाकरण प्रमाणपत्र से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटा दी गई थी. दिलचस्प बात यह है कि मोदी की तस्वीर हटाने को सोशल मीडिया (एक्स) में ट्रोल किया गया और कई यूजर्स ने अपना प्रमाणपत्र डाउनलोड किया.
हालांकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए COVID-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों से मोदी की तस्वीर हटा दी गई है, लेकिन CoWIN प्रमाणपत्रों पर प्रधानमंत्री के श्रेय के साथ टैगलाइन 'एक साथ, भारत COVID-19 को हरा देगा' बरकरार रहेगी.
गौरतलब है कि हाल ही में एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की एक अदालत में जो स्वीकारोक्ति दी है उसके बाद से भारत में कई लोगों को अपने टीकाकरण प्रमाणपत्रों की समीक्षा करने के लिए उकसाया है. साथ ही थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ कोविशील्ड के थ्रोम्बोसिस के संभावित दुष्प्रभाव के बारे में फिर से चर्चा शुरू हो गई है.
इस तरह की समीक्षा के बाद, उपयोगकर्ताओं ने कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों से पीएम मोदी की तस्वीर की अनुपस्थिति को चिह्नित किया. इस मुद्दे पर बात करते हुए जाने-माने स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. मुनीश प्रभाकर ने कहा कि 'यह फैसला बहुत पहले ही ले लिया जाना चाहिए था. तस्वीर हटाने का ऐसा निर्णय पहले लिया जाना चाहिए था जब एमसीसी लागू किया गया था. वैसे भी, यह अच्छा है कि चुनाव आयोग के निर्देशों के बाद प्रधानमंत्री की तस्वीर हटा दी गई है.'