अंबिकापुर: पीएम मोदी ने रविवार को मन की बात में अंबिकापुर के अमलेंदु मिश्र का जिक्र किया है. उन्होंने बताया कि “हमर हाथी हमर गोठ ” बीते 7 सालों से अंबिकापुर के रहने वाले अमलेंदु मिश्र के द्वारा वन विभाग के सहयोग से आकाशवाणी केंद्रों से प्रसारित किया जा रहा है. इससे ग्रामीणों को यह पता चल जाता है की हाथी किस रास्ते में जा रहे हैं. रेडियो पर सूचना मिलने पर ग्रामीण सतर्क हो जाते हैं, जिससे जन हानि को कम किए जाने में मदद मिली है. वहीं, यह प्रयोग हाथियों के संरक्षण में भी अपनी भूमिका निभा रहा है. इससे हाथियों के संरक्षण को बल मिलेगा.
पीएम ने मन की बात में किया जिक्र: दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इस साल पहली बार अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, "दो दिन पहले हम सभी देशवासियों ने 75वां गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया है. इस साल हमारे संविधान के भी 75 साल पूरे हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के भी 75 साल हो रहे हैं. हमारे लोकतंत्र का ये पर्व मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत को और सशक्त बनाते हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने अम्बिकापुर के अमलेंदु मिश्र की ओर से चलाये जा रहे "हमर हाथी हमर गोठ" की चर्चा की है.
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मन की बात’ के जरिए हमारा और आपका जो रिश्ता बना है, वो एक दशक पुराना हो चुका है | सोशल मीडिया और इन्टरनेट के इस दौर में भी रेडियो पूरे देश को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है | रेडियो की ताकत कितना बदलाव ला सकती है, इसकी एक अनूठी मिसाल छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है | बीते करीब 7… pic.twitter.com/S7WxAM84I3
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हाथी से जुड़ी जानकारी और समाचार से लोगों को मिल रहा लाभ: आमतौर पर हम रेडियो पर देश-दुनिया के समाचार और मनोरंजन कार्यक्रम सुनते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, बिलासपुर, रायपुर और रायगढ़ में प्रत्येक शाम घर-घर एक आवाज सुनाई देती है "ये आकाशवाणी है, अब आप सुनिए 'हाथी समाचार" जंगली हाथियों से जनहानि रोकने की दिशा में रेडियो समाचार की यह अनूठी पहल की गई है. इससे ग्रामीणों को काफी लाभ भी हो रहा है. छत्तीसगढ़ इस तरह की पहल करने वाला देश का पहला राज्य है.
साल 2018 में हुई शुरुआत: छत्तीसगढ़ में वन विभाग और आकाशवाणी के बीच हुए अनुबंध के अंतर्गत हर शाम 5.05 बजे समाचार का प्रसारण किया जाता है, जिसमें जंगली हाथियों के विचरण क्षेत्र की जानकारी दी जाती है. इससे लोगों को समय रहते बचाव का अवसर मिल जाता है. पांच वर्ष पूर्व उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ (सरगुजा, बिलासपुर संभाग) में जंगली हाथियों की आबादी का क्षेत्रों में विचरण बढ़ने से जानमाल को नुकसान हुआ. इसके बाद लोगों तक जंगली हाथियों के विचरण की जानकारी पहुंचाने के लिए रेडियो को माध्यम बनाने का विचार पनपा. साल 2018 में हाथी समाचार की शुरुआत की गई, जो कि आज भी जारी है. इसी का जिक्र पीएम मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में किया है.