करनाल: हरियाणा के करनाल से इंटरनेशनल मुक्केबाज निशांत देव ने पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा हासिल कर लिया है. निशांत ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पिता यानी पवन देव को दिया है. जिस तरह से बच्चे की प्रारंभिक पाठशाला उसका परिवार होता है, उसी तरह बॉक्सिंग का पहला पाठ भी उन्होंने घर से ही सीखा है. निशांत के पिता पवन कुमार अब गर्व और उम्मीद से भर गए हैं. उन्होंने अपने बेटे निशांत के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी है.
निशांत की उपलब्धियां: निशांत के पिता ने बताया 'निशांत ने 2012 से बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखा था. 2019 में निशांत ने राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था. 2019 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत कर भारतीय बॉक्सिंग में करनाल का नाम रोशन किया था. 2021 में राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप में निशांत ने गोल्ड मेडल जीता था. उसके बाद ही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए निशांत को चुना गया था. 2021 में सबसे पहले उन्होंने सर्बिया में आयोजित एलिट वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. उसके बाद फिर 2023 में उज्बेकिस्तान में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उसने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था.
बेटे से पिता को गोल्ड की आस: निशांत के पिता ने कहा कि मैं निशांत को विश्व पुरुक्ष मुक्केबाज चैंपियनशिप के आगामी सेमीफाइनल और फाइनल के लिए शुभकामनाएं देता हूं. उसका समपर्ण, दृढ़ता और अदम्य भावना प्रेरणादायक रही है. मुझे उसकी क्षमताओं पर विश्वास है. मुझे पूरा विश्वास है कि वह गोल्ड मेडल जीतकर आएगा. उन्होंने कहा कि निशांत का पहला मुकाबला 28 जुलाई को होगा. ओलंपिक क्वालीफाई के दौरान दोनों बार जिन खिलाड़ियों से उनके मुकाबले हुए, वह उन्हें धूल चटा चुके हैं.
पवन कुमार ने कहा कि इस बार निशांत का लक्ष्य देश के लिए गोल्ड मेडल लाना है. ताशकंद में हुई विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 में पहले ही इतिहास रचने के बाद निशांत देव अब ओलंपिक में पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल करने का लक्ष्य रखेंगे. पिछली बार निशांत इस उपलब्धि से चूक गए थे. लेकिन इस बार वह ओलंपिक में अवश्य देश को पदक दिलाएगा.
निशांत की माता भी रह चुकी हैं एथलीट: बता दें कि मुक्केबाज निशांत की माता खुद भी एथलीट रह चुकी हैं. उन्होंने कहा कि वे चाहती हैं कि उनका बेटा गोल्ड जीतकर आए. निशांत ने उसके लिए कड़ी मेहनत की है. उन्हें पूरा भरोसा है कि निशांत गोल्ड मेडल जीतकर जरूर आएगा. निशांत की माता ने बताया कि वह स्कूल में भी हमेशा से खेलों में प्रथम आता था. निशांत की माता ने बताया कि वह भी स्टेडियम में अभ्यास करती थीं. उसी स्टेडियम से निशांत ने भी बॉक्सिंग के गुर सीखे हैं.
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