उदयपुर: आखिरकार आठ लोगों को मौत के घाट उतारने वाले आदमखोर पैंथर का शुक्रवार को अंत हो गया. पुलिस और वन कर्मियों ने आदमखोर को घेरकर उसे शूट कर दिया. मामले की सूचना मिलने के साथ ही वन विभाग और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं.वन विभाग अभी इस बात की पुष्टि करने में जुटा है कि क्या मारा गया पैंथर वही आदमखोर पैंथर है, जिसने गोगुंदा इलाके में आतंक मचा रखा था.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने बताया कि शुक्रवार सुबह पैंथर को शूट किया गया. उन्होंने कहा कि लंबे समय से पैंथर की तलाश की जा रही थी. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद यह पुष्टि हो पाएगी कि यह आदमखोर पैंथर था. पैंथर को उदयपुर के मदार इलाके में गोली मारी गई. यह पैंथर पिछले 1 माह में 8 लोगों की जान ले चुका था. पैंथर को गोली मारने की सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली उन्होंने राहत की सांस ली.
पढ़ें: उदयपुर में फिर पैंथर का आतंक, खेत पर काम कर रही दो महिलाओं पर हमला
पैंथर का आतंक हुआ खत्म : पैंथर को शूट करने की सूचना के साथ ही पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. उदयपुर रेंज आईजी राजेश मीणा भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि जंगल में सर्च के दौरान पुलिस टीम पर पेैंथर ने हमला किया था. इस दौरान उसे 4 गोली मारकर ढेर किया गया. हमारा प्रयास इसे घेराबंदी करके पकड़ने का था.पुलिस और फॉरेस्ट की टीम यहां लगाई गई थी.कल शाम को भी पैथर नजर आया था इस पर फायर भी किया था, लेकिन वह झाड़ियों में गायब हो गया था. आज सुबह साढ़े 7 बजे घेरा बनाकर आगे बढ़ रहे थे इसी दौरान पैथर ने एक पुलिसकर्मी पर छलांग लगाने की कोशिश की तो जवान ने उस पर फायर कर दिया. पहली गोली पैथर के गर्दन में लगी उसे 4 गोलियां मारी गई. पैथर के आदमखोर होने की जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है.
दो दिन पहले ही किया था हमला: पैंथर ने इसी इलाके में दो दिन पहले खेत में काम कर रही दो महिलाओं पर हमला किया था, जिनमें एक की मौत हो गई. इसे आदमखोर ही बताया जा रहा है, लेकिन वन विभाग का अभी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही तय हो पाएगा कि यह आदमखोर पैंथर, वही है जिसे मारने के आदेश दिए थे.
वन विभाग में जारी किए थे गोली मारने के आदेश: गोगुन्दा इलाके में आदमखोर पैंथर का आतंक था. उसने आठ लोगों को अपना शिकार बनाकर मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद उसे गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए थे. उसे ढूंढने के लिए सेना व पुलिस के जवान और वन विभाग की टीमें लगी हुई थी. अलग अलग ग्रुप में कुल 150 से ज्यादा कर्मचारी पैंथर को घने जंगलों में तलाश रहे थे. इस मामले में ड्रोन की भी मदद ली गई थी. साथ ही ग्रामीणों ने भी सहयोग किया. देर रात को भी ये सर्च ऑपरेशन जारी रहा. वन विभाग ने पिंजरों में शूटर्स बिठाए, लेकिन वह हाथ में नहीं आया था.
कब,किस पर, कहां हुआ हमला
- 19 सितंबर काे गोगुन्दा के पास उंडीथल गांव में 16 साल की कमला गमेती पर हमला किया. इसके बाद 19 सितंबर काे ही महज 500 मीटर दूर भेवड़िया गांव में 45 वर्षीय खुमाराम गमेती पैंथर का शिकार बना.
- अगले दिन 20 सितंबर काे पैंथर ने छाली के ही उमरिया गांव में 50 साल की हमेरी गमेती का शिकार किया.
- 28 सितंबर को गोगुंदा की ही बगडूंदा ग्राम पंचायत के गुर्जरों का गुड़ा में 55 साल की गटू बाई गुर्जर को पैंथर ने शिकार बनाया.
- 30 सितंबर को गोगुंदा की विजय बावड़ी पंचायत के राठौड़ों का गुड़ा में तेंदुए ने मंदिर के पुजारी 65 वर्षीय विष्णु पुरी पर हमला किया. यह जगह गोगुंदा से 4 किमी दूर है.
- इधर, तेंदुए तलाश जारी थी कि अगले ही दिन एक अक्टूबर को विजयबावड़ी ग्राम पंचायत के केलवों का खेड़ा में 50 वर्षीय कमला कुंवर पत्नी ओम सिंह राजपूत को शिकार बना लिया. ये गांव राठौड़ों का गुड़ा से करीब 2 किलोमीटर दूर है.