पन्ना: मध्य प्रदेश का पन्ना जिला बनने के साथ ही पन्ना राजघराने का महल महेंद्र भवन कलेक्ट्रेट भवन में तब्दील कर दिया गया था. इस परिसर में कभी कोर्ट भी लगता था. लेकिन नई बिल्डिंग बन जाने के बाद से यह भवन खाली हो गया था, जिसे हेरिटेज होटल में तब्दील किया जा रहा है. महेंद्र भवन को हेरिटेज होटल में बदलने का कार्य तेजी चल रहा है और जल्द ही लोग 18वीं शताब्दी के राजमहल में आराम फरमा सकेंगे.
पन्ना नरेश ने कलेक्टर भवन के लिए दिया महेंद्र भवन
पन्ना में राजघराने द्वारा बनवाए गए कई ऐतिहासिक भवन और महल हैं, जिसमें पैलेस भवन, हिंदू पथ महल और महेंद्र भवन का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है. जानकार बताते हैं कि आजादी के बाद पन्ना और नागौद को जिला बनाने की बात चल रही थी, लेकिन कलेक्टर भवन को लेकर समस्या थी. तब उस समय पन्ना नरेश ने महेंद्र भवन में कलेक्टर भवन के लिए दे दिया था, जिसके बाद पन्ना को जिला बनाया गया.
राजस्थान की कंपनी बना रही हेरिटेज होटल
महेंद्र भवन में पूर्व में कलेक्टर भवन के विभिन्न ऑफिस संचालित होते थे. साथ ही यहां न्यायालय भी लगता था. कोर्ट और कलेक्ट्रेट के लिए नई बिल्डिंग बनने से महेंद्र भवन खाली हो गया था. जिसको जिला प्रशासन ने टूरिज्म विभाग को दे दिया था. पुराने कलेक्टर भवन को हेरिटेज होटल में तब्दील करने के लिए प्रशासन ने राजस्थान के हेरिटेज होटल ग्रुप को महेंद्र भवन 99 साल की लीज में दे दिया था. जिसके बाद से महेंद्र भवन को हेरिटेज होटल में तब्दील करने का काम किया जा रहा था. होटल बनने के बाद देश विदेशी पर्यटक इसमें रॉयल लाइफ का आनंद उठा सकेंगे.
18 वीं शताब्दी में बना महेंद्र भवन
महेंद्र भवन नगर के बीचोंबीच स्थित एक बड़े भूभाग में बना हुआ है. इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में पन्ना नरेश अमान सिंह द्वारा करवाया गया था. यह भवन बुंदेली शैली की स्थापत्य कला से निर्मित है. यह भवन तीन मंजिला है, जिसमें दरबार हॉल, शयन कक्ष, स्नान गृह और अन्य कमरे बने हुए हैं. इसको चूना गच्ची से बनाया गया था, जो अपने आप में इतिहास को सजोए हुए है. कलेक्ट्रेट भवन बनने के बाद महेंद्र भवन के सैकड़ों कमरों में जिले भर के विभागों के ऑफिस खोले गए. जिसमें मुख्य सीढ़ियों से चढ़कर सबसे ऊपर कलेक्ट्रेट ऑफिस बनाया गया. जहां पन्ना कलेक्टर बैठते थे.
निजी दावे को किया खारिज
महेंद्र भवन खाली होने के बाद राज परिवार द्वारा इसको निजी संपत्ति होने का दावा किया गया था पर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा इस दावे को खारिज करते हुए एमपी टूरिज्म को यह भवन दे दिया गया था. साथ ही प्रस्तावित किया था कि इस हेरिटेज होटल में तब्दील किया जाएगा. जिसे लेकर निविदा निकाली गई थी और राजस्थान के हेरिटेज होटल ग्रुप को 99 साल की लीज में दे दिया गया था. महेंद्र भवन को अपने संरक्षण में लेने के राजस्थान हेरीटेज होटल के ग्रुप द्वारा इसमें बहुत सारे बदलाव किए जा रहे हैं. होटल में निर्माण के दौरान सार्वजनिक तौर पर महेंद्र भवन में आने जाने में पाबंदी है.
कहा जाता है कि ₹1 महीने था किराया
जानकार बताते हैं कि आजादी के बाद तत्कालीन पन्ना नरेश द्वारा महेंद्र भवन को पन्ना जिला बनने के साथ कलेक्ट्रेट भवन के लिए 1 रु प्रति महीने के किराए पर दिया गया था. इन दावों में कितनी सच्चाई है कह नहीं सकते, पर महेंद्र भवन पन्ना राजघराने द्वारा बनवाया गया महल है इसको झुठलाया नहीं जा सकता है. बताया जाता है कि मध्य प्रदेश के सबसे खूबसूरत कलेक्ट्रेट भवनों में पन्ना का कलेक्ट्रेट भवन शुमार हुआ करता था, क्योंकि महेंद्र भवन बहुत ही सुंदर महल है, जो अपने आप में सैकड़ों वर्षों का इतिहास सजोए हुए हैं.
यहां पढ़ें... होटल में बदला पन्ना का कलेक्ट्रेट बिल्डिंग! 90 साल के लिए महेंद्र भवन हो गया बुक देश का टॉप फाइव स्टार हेरिटेज होटल बनेगा मोती महल, कभी थी मध्य भारत प्रांत की विधानसभा |
राजमाता ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा
पन्ना महाराज छत्रसाल द्वितीय ने बताया कि "महेंद्र भवन के आधिपत्य के लिए राजमाता राजेश्वरी देवी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दो केस फाइल किए गए हैं. एक हाई कोर्ट में और एक केस लोअर कोर्ट में चल रहा है, जो मध्य प्रदेश शासन के विरुद्ध किए गए हैं. जिसकी पेशी भी चल है. जिसमें महेंद्र भवन सहित कई राजघराने के भवनों से संबंधित है.''