रांची: झारखंड के चुनावी रण में प्रत्याशियों के चयन पर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति इंडिया गठबंधन द्वारा घोषित प्रत्याशियों को लेकर है. रांची, धनबाद, चतरा, गोड्डा, लोहरदगा जैसे हॉट सीट पर कांग्रेस द्वारा घोषित प्रत्याशी को अपनों से ही खतरा माना जा रहा है.
गोड्डा में विरोध के बाद बदला गया प्रत्याशी
भारी विरोध के बीच कांग्रेस गोड्डा में प्रत्याशी बदल चुकी है. कांग्रेस विधायक दीपिका सिंह पांडे के स्थान पर प्रदीप यादव चुनाव मैदान में हैं. इसके बावजूद अल्पसंख्यक को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुए विधायक इरफान अंसारी नाराज चल रहे हैं. इरफान अंसारी इस सीट से अपने पिता फुरकान अंसारी को प्रत्याशी बनाने की मांग कर रहे थे.
रांची में रामटहल चौधरी ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
बात यदि रांची की करें तो पांच बार के सांसद रहे रामटहल चौधरी ने इस उम्मीद के साथ कांग्रेस का दामन थामा कि उन्हें टिकट मिलेगा, मगर सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय टिकट पाने में सफल रहीं. यशस्विनी सहाय के टिकट मिलने से ना केवल रामटहल चौधरी नाराज हुए, बल्कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा भी दे दिया.
चतरा में कई कार्यकर्ता नाराज
चतरा में कांग्रेस ने केएन त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा गया है, जिसका विरोध गठबंधन के सहयोगी दल राजद द्वारा सार्वजनिक रूप से की जा रही है. आशंका यह है कि लोहरदगा की तरह यहां भी गठबंधन के कोई सहयोगी दल के नेता बागी होकर चुनाव मैदान में उतरकर खेल ना बिगाड़ दे.
धनबाद में भी प्रत्याशी का हुआ विरोध
धनबाद सीट पर विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह का चुनाव मैदान में लाने के फैसले के बाद से विरोध तेज है. स्थानीय कांग्रेस नेता कार्यकर्ता इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. लोहरदगा में सुखदेव भगत कांग्रेस उम्मीदवार हैं, लेकिन इस सीट पर जेएमएम विधायक चमरा लिंडा बागी बनकर खेल बिगड़ाने में लगे हैं.
फील गुड में बीजेपी
विरोधियों में प्रत्याशी को लेकर मचे घमासान से बीजेपी फील गुड में है. बीजेपी का मानना है कि इसका लाभ चुनाव के दरमियान एनडीए को मिलेगा. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनिमेष कुमार कहते हैं कि जिस तरह से इंडिया गठबंधन में सिरफुटौबल जारी है उसका लाभ रांची, धनबाद, लोहरदगा, चतरा और गोड्डा जैसे सीट पर वॉकओवर के रूप में मिलेगा.
बीजेपी के इस उम्मीद पर पानी फेरने की बात करते हुए कांग्रेस ने पलटवार किया है कांग्रेस प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा है कि जिस उम्मीद को पाले हुए बीजेपी चुनाव मैदान में उतरी है, वह पूरा होने वाला नहीं है. संगठन में प्रत्याशी को लेकर अपनी बात लोग जरूर रख रहे हैं. लेकिन इसका असर चुनाव पर नहीं पड़ेगा. मतदाता महंगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे मुद्दे पर मतदान करने जा रही है और उसे पता है कि देश की स्थिति क्या है. ऐसे में 4 जून को भारतीय जनता पार्टी को पता चलेगा की जनता की सोच क्या है.
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