बगहा: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मंगुराहा वन प्रक्षेत्र अंतर्गत ठोरी परिसर के बलबल-1 में रविवार को गश्ती के दौरान वनकर्मियों ने एक बाघ को मृत अवस्था में पाया. इसकी सूचना उन्होंने वरीय पदाधिकारियों को दी. सूचना मिलने के उपरांत वन संरक्षक सह निदेशक नेशामणि के डीएफओ प्रदुम्न गौरव और पशु चिकित्सा पदाधिकारी मौके पर पहुंचे.
VTR से मिला बाघ का शव: वन संरक्षक सह निदेशक नेशामणि के ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि नर बाघ की मौत एक अन्य नर बाघ के साथ आपसी द्वंद में हुई है. लिहाजा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (SOP) के तहत बाघ का पोस्टमार्टम कर दिया गया और वनकर्मियों को निर्देशित किया गया है कि दूसरे नर बाघ का लोकेशन ट्रैक करते रहे, ताकि वह रिहायशी इलाके का रुख न करे.
नर बाघ ने दूसरे नर बाघ को मार डाला: बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के इसके पूर्व भी बाघों की आपसी भिड़ंत हुई है और बाघों की जान चली गई है. फिलहाल वीटीआर में बाघों की संख्या लगातार बढ़ी है और तकरीबन 60 बाघ जंगल में हैं. लेकिन अपने टेरिटरी को लेकर बाघों में आपसी द्वंद होते रहता है.
इलाके को लेकर वर्चस्व: वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बाघ 25 किलोमीटर के दायरे में अपना इलाका कायम करते हैं. जब दूसरा नर बाघ उस इलाके में गलती से भी पहुंच जाता है तो आपस में उनकी लड़ाई हो जाती है और जान पर बन आती है.
क्यों एक-दूसरे पर बाघ करते हैं हमला?: विशेषज्ञों के मुताबिक आपसी लड़ाई में जब बाघ बहुत ज्यादा गुस्से में आ जाते हैं तो एक बाघ दूसरे बाघ का शिकार कर लेते हैं. बाघों की लड़ाई ज्यादातर इलाके को लेकर होती है, भूख को लेकर लड़ाई नहीं होती है. विशेषज्ञों के अनुसार एक बाघ दूसरे बाघ को मारने के बाद उसके शरीर को चीर-फाड़ देता है, लेकिन उसे खाता नहीं है.
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