देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. रोजाना हजारों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं. यात्रा की भीड़ के बाद प्रशासन के भी हाथ-पांव फूले हुए हैं. पहले धार्मिक यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु बेहद आध्यात्मिक भावनाओं से उत्तराखंड आया करते थे. लेकिन बीते कुछ सालों से केदारनाथ-बदरीनाथ में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के बीच एक ऐसा तबका भी है, जो सिर्फ भक्ति भाव के रंग में नहीं बल्कि मौज- मस्ती और रील्स बनाने के चक्कर में आ रहा है. इन लोगों में अधिकतर 18 से 25 साल के युवा शामिल हैं.
सैकड़ों ढोल और दिन रात शोर: साल 2013 की आपदा के बाद से चारधाम यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है. हिमालय की गोद में बसे इन चारों धामों की खूबसूरत वादियां और धार्मिक माहौल को कवर करने, साथ ही अपने फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए रोजाना सैकड़ों यूट्यूबर चारधाम पहुंच रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला हाल ही का है. इंदौर और अन्य जगहों से कुछ युवाओं का ग्रुप बड़े-बड़े ढोल नगाड़ों का रिकॉर्ड बनाने के लिए केदारनाथ धाम पहुंचा. केदारनाथ धाम जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कई अधिक संख्या में ढोल और नगाड़े बजाए गए. इन युवाओं ने ढोल की धमक से पूरी केदार वैली में खूब शोर शराबा किया. इसके बाद गुस्साए कुछ तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध किया.
तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध: ढोल नगाड़े बजा रहे युवाओं का विरोध करने वाले केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों में से एक केदारनाथ सभा के महामंत्री अंकित सेमवाल ने कहा, कुल ग्रुप कपाट खुलने (10 मई) के दिन से ही बड़े-बड़े ढोल लेकर केदारनाथ पहुंच गए थे. रोज सुबह-शाम ढोल नगाड़े बजा रहे थे. उन्होंने कहा, हमारा विरोध ढोल नगाड़े से नहीं है. लेकिन कुछ ग्रुप के युवक सुबह दोपहर शाम नशे की हालत में ढोल नगाड़े बजाते नजर आए. इससे श्रद्धालुओं को भी परेशानी हुई. इसके अलावा ग्रुप में कुछ लोग रील्स और वीडियो बनाने में भी शामिल रहे. उन्होंने साफ कहा कि केदारनाथ धाम पवित्र धार्मिक स्थल है. यहां ज्यादातर लोग भक्ति भाव और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. ढोल-नगाड़े का प्रदर्शन केदारनाथ धाम जैसे धार्मिक स्थल पर ठीक नहीं है.
खुले आम शराब का सेवन: चारधाम आने वाले कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो हुड़दंग और गलत गतिविधियों के कारण पुलिस के रडार पर आ रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, 15 मई तक केदारनाथ और बदरीनाथ में पुलिस ने 30 से अधिक ऐसे लोगों के चालान काटे हैं जो शराब या अन्य नशा करके मंदिरों की मर्यादा भंग कर रहे थे. चमोली और रुद्रप्रयाग पुलिस लगातार ऐसे लोगों पर नजर रख रही है और वाहनों की चेकिंग की जा रही है. ऐसे युवकों से नशीले पदार्थ मिलने पर कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है.
कुछ सालों से बढ़ा ऐसे लोगों के आने का सिलसिला: बदरीनाथ-केदारनाथ धाम में बीते कुछ सालों से ऐसे लोगों की संख्या लगातार बढ़ी है. केदारनाथ धाम मंदिर परिसर में एक-दूसरे को रिंग पहनाना, मंदिर के अंदर नोट उड़ाना, मंदिर में जानवरों से माथा टिकाना, तरह-तरह के गानों पर नृत्य ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं जो भाव भक्ति से चारधाम आने वाले भक्तों के मन भी असमंजस की स्थिति पैदा करते हैं. कुछ लोगों ने यहां के तीर्थ पुरोहितों के बारे में भी बुरा भला कहा. हालांकि, अब इन तमाम वीडियो, रील्स और यूट्यूबर्स पर न केवल तीर्थ पुरोहित बल्कि पुलिस प्रशासन भी नजर बनाए हुए है.
क्या कहते हैं मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय: मंदिर समिति भी भक्तों से लगातार अपील करती रही है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव के साथ आए. मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मानें तो ये सभी जगह अपने आप में बेहद धार्मिक महत्व समेटे हुए हैं. लिहाजा, यहां आकर अलग-अलग तरह की रील्स, वीडियो या ब्लॉग बनाने से कई बार यहां की मर्यादा के साथ छेड़छाड़ होती है, जो की ठीक नहीं है. अजेंद्र अजय ने अपील करते हुए कहा कि सभी श्रद्धालु सिर्फ दर्शन की मंशा से ही चारधाम यात्रा पर आए. अगर किसी तरह की दूसरी गतिविधियां करते यहां पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मोबाइल पर प्रतिबंध: वहीं, चारधाम यात्रा पर बढ़ रही रील्स बनाने वाले और नशा करने वालों की तादाद पर लगाम लगाते हुए सरकार ने तुरंत कदम उठाना भी शुरू कर दिया है. सरकार ने चारों धामों के मंदिर परिसरों के 50 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. उत्तराखंड मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली के जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों को निर्देशत किया है कि मंदिर के 50 मीटर के दायरे में किसी तरह का कोई भी मोबाइल श्रद्धालु प्रयोग ना करें.
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