पटना: बिहार के उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद नित्यानंद राय को नरेंद्र मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री के रूप में शामिल किया गया. पिछली सरकार में नित्यानंद राय गृह राज्य मंत्री थे. उजियारपुर लोकसभा सीट से नित्यानंद राय ने जीत की हैट्रिक बनायी. सबसे पहले उन्होंने 2014 में जीत दर्ज की थी. तब राजद के आलोक मेहता को हराया था. दूसरी बार 2019 में उपेंद्र कुशवाहा को हराया था. उपेंद्र कुशवाहा उस वक्त महागठबंधन का हिस्सा था. इस बार फिर उन्होंने राजद के आलोक मेहता को हराया.
अमित शाह के करीबी बताये जाते हैंः नित्यानंद राय का जन्म 1 जनवरी 1966 को हुआ किसान परिवार में हुआ था. 1981 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े. छात्र जीवन में उन्होंने भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ काम किया था. 2000, 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव में हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 2014 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता. 2014 से लेकर 2018 तक कृषि संबंधी स्थाई समिति के सदस्य रहे. नित्यानंद राय को अमित शाह का करीबी माना जाता है. नित्यानंद राय बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
पहली बार कैसे आए चर्चा में: लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा के दौरान नित्यानंद राय पहली बार चर्चा में आए थे. राज्य सरकार ने लाल कृष्ण आडवाणी के रथ को हाजीपुर में रोकने की योजना बनायी थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने जिलाधिकारी को आदेश दे रखा था. लेकिन नित्यानंद राय अपने हजारों समर्थकों के साथ सड़कों पर उतर आए. आडवाणी की गिरफ्तारी हाजीपुर में नहीं हो सकी थी. लाल कृष्ण आडवाणी ने नित्यानंद राय की जमकर तारीफ की थी.
लालू की चुनौती के बाद भी लगायी हैट्रिकः नित्यानंद राय ने उजियारपुर से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गये हैं. लालू प्रसाद यादव की चुनौती के बाद भी नित्यानंद राय तीसरी बार यादव बहुल लोकसभा सीट से सांसद बने हैं. इस बार तेजस्वी यादव ने उजियारपुर सीट पर अपने करीबी माने जाने वाले नेता आलोक मेहता को मैदान में उतारा था. कुशवाहा वोटो को साधने के लिए आलोक मेहता पर दांव लगाया था लेकिन नित्यानंद राय आलोक मेहता पर भारी पड़ गए.
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