पटना: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष लीडर सह ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो चीफ प्रमोद मिश्रा के खिलाफ एनआईए ने कार्रवाई का का डंडा चलाया है. भाकपा माओवादी के पास एके-47 हथियार बरामदगी के मामले में एनआईए ने प्रमोद मिश्रा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष दायर कंप्लीमेंट्री आरोप पत्र में प्रमोद मिश्रा की भूमिका तय की गई है.
प्रमोद मिश्रा पर आरोप पत्र दाखिल: बगहा के बेरिया कला गांव में एके-47 हथियार मामले में तीसरे अभियुक्त प्रमोद मिश्रा के खिलाफ एनआईए ने आरोप पत्र दाखिल किया है. पटना में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष दायर पूरक आरोपपत्र में, शीर्ष सीपीआई (एम) नेता प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन दा उर्फ मदन दा उर्फ बीबी जे उर्फ बाबा पर आईपीसी की धारा 120 बी और 121 ए और यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत आरोप लगाए गए हैं.
A Senior CPI (Maoist) Leader Chargesheeted in Case Related to Recovery of AK-47 from Cadres of CPI (Maoist) pic.twitter.com/eyuTsYTEww
— NIA India (@NIA_India) January 16, 2025
नक्सलियों के लिए गोला बारूद का करता था इंतजाम: एनआईए की जांच में सामने आया है कि आरोपी प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन दा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) का एक वरिष्ठ नेता, सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार कर रहा था. उनके लिए हथियार और गोला-बारूद का इंतजाम कर रहा था.
2023 से एनआईए कर रही जांच: एनआईए ने 23 जून 2023 को लौकरिया थाना क्षेत्र बगहा से मामले की जांच अपने हाथ में ली और इससे पहले, अक्टूबर 2023 में, दो आरोपियों राम बाबू राम उर्फ राजन और राम बाबू पासवान उर्फ धीरज के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
नक्सली संगठन के लिए धन जुटाने का काम: आरोपी प्रमोद मिश्रा के निर्देश पर, दोनों आरोपित व्यक्ति राम बाबू राम उर्फ राजन और राम बाबू पासवान उर्फ धीरज प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के लिए धन जुटा रहे थे, जिसका इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाना था. वह पूर्व नक्सली कैडरों को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) में फिर से शामिल होने के लिए प्रेरित करने में भी शामिल था.
आगे भी जांच रहेगी जारी: साथ ही एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आम जनता में आतंक फैलाने और भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालने के इरादे से सीपीआई (माओवादी) की विभिन्न गतिविधियों में भी प्रमोद मिश्रा शामिल था. मामले में आगे की कड़ी का पता लगाने के लिए जांच जारी है.
नक्सली संगठन को कर रहा था मजबूत: प्रमोद मिश्रा बड़े नक्सली नेता हैं और लंबे समय के बाद प्रमोद मिश्रा के गिरफ्तारी हुई थी. प्रमोद मिश्रा फिर से नक्सली आंदोलन को तेज करने में लगे थे. नक्सलियों को हथियार उपलब्ध कराने के अलावा लेवी वसूली और नक्सली साहित्य के प्रचार प्रसार के काम में प्रमोद मिश्रा लगे थे.
पोलित ब्यूरो के सदस्य रह चुका है प्रमोद मिश्रा: नक्सली प्रमोद मिश्रा नक्सली संगठन के अंदर बड़ा नाम है और प्रमोद मिश्रा पोलित ब्यूरो के सदस्य रह चुके हैं. पिछले 53 साल से अधिक समय से प्रमोद मिश्रा नक्सली गतिविधियों में शामिल हैं और कई बड़ी नक्सली घटनाओं में प्रमोद मिश्रा की भूमिका है.
53 सालों का नक्सली प्रमोद मिश्रा का इतिहासः भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में प्रमोद मिश्रा अपने आप में बड़ा नाम है. प्रमोद मिश्रा का तकरीबन 53 सालों से नक्सल का इतिहास है. बिहार के औरंगाबाद जिले के कोसमा के रहने वाले प्रमोद मिश्रा पर एनआईए का शिकंजा कसता जा रहा है.
ये भी पढ़ें
Bihar News: पुलिस रिमांड पर माओवादी लीडर प्रमोद मिश्रा, पांच राज्यों की पुलिस करेगी पूछताछ