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'क्रिप्टो करेंसी के जरिए मिला था फंड', रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में NIA ने दायर किया आरोप पत्र - NIA Charge Sheets

Rameshwaram Cafe Blast: NIA ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में आरोप पत्र दायर कर दिया है. एनआईए ने जांच में पाया कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा की विभिन्न घटनाओं को अंजाम देने के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया.

रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में NIA ने दायर किया आरोप पत्र
रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में NIA ने दायर किया आरोप पत्र (ANI)
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By PTI

Published : Sep 9, 2024, 5:58 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. एनआईए ने एक बयान में कहा कि आरोप पत्र दायर आरोपियों- मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मतीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ को पहले गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वे मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.

बयान में कहा गया है कि ताहा और शाजिब को उनके हैंडलर ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए फंड दिया था. एनआईए की जांच में पता चला है कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा की विभिन्न घटनाओं को अंजाम देने के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया. बयान में कहा गया है, "22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में बीजेपी के राज्य कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला के बाद दोनों मुख्य आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी."

विस्फोट में 9 लोग हुए थे घायल
यह आरोप पत्र बेंगलुरु में एनआई की स्पेशल अदालत में दाखिल किया. बता दें कि इस साल 1 मार्च को ITPL बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे और होटल को भी भारी नुकसान पहुंचा था.

शाजिब ने लगाया था बम
एनआईए ने 3 मार्च को मामले की जांच शुरू की थी और विभिन्न राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में कई तकनीकी और फील्ड जांच की. जांच में पता चला कि शाजिब ही वह व्यक्ति था जिसने बम लगाया था. एनआईए के बयान में कहा गया है कि वह और ताहा अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद 2020 से फरार थे. एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद उन्हें पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था.

मुस्लिम युवाओं को ISIS में करते थे शामिल
जांच एजेंसी ने बताया कि कर्नाटक के शिवमोगा जिले के रहने वाले ये दोनों लोग आईएसआईएस के कट्टरपंथी थे. वे अन्य भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को ISIS की विचारधारा में शामिल करने में सक्रिय रूप से शामिल थे और माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे युवाओं में से थें, जिन्हें उन्होंने संगठन में शामिल किया था.

बयान में कहा गया है, "ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से प्राप्त भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया और डार्क वेब से डाउनलोड किए गए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी आईडेंटिटी डॉक्यूमेंट का भी इस्तेमाल किया था."

यह भी पढ़ें- मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से मिले स्कूली छात्र, CM के सामने उठाईं ये चिंताएं

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. एनआईए ने एक बयान में कहा कि आरोप पत्र दायर आरोपियों- मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मतीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ को पहले गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वे मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.

बयान में कहा गया है कि ताहा और शाजिब को उनके हैंडलर ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए फंड दिया था. एनआईए की जांच में पता चला है कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा की विभिन्न घटनाओं को अंजाम देने के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया. बयान में कहा गया है, "22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में बीजेपी के राज्य कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला के बाद दोनों मुख्य आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी."

विस्फोट में 9 लोग हुए थे घायल
यह आरोप पत्र बेंगलुरु में एनआई की स्पेशल अदालत में दाखिल किया. बता दें कि इस साल 1 मार्च को ITPL बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे और होटल को भी भारी नुकसान पहुंचा था.

शाजिब ने लगाया था बम
एनआईए ने 3 मार्च को मामले की जांच शुरू की थी और विभिन्न राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में कई तकनीकी और फील्ड जांच की. जांच में पता चला कि शाजिब ही वह व्यक्ति था जिसने बम लगाया था. एनआईए के बयान में कहा गया है कि वह और ताहा अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद 2020 से फरार थे. एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद उन्हें पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था.

मुस्लिम युवाओं को ISIS में करते थे शामिल
जांच एजेंसी ने बताया कि कर्नाटक के शिवमोगा जिले के रहने वाले ये दोनों लोग आईएसआईएस के कट्टरपंथी थे. वे अन्य भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को ISIS की विचारधारा में शामिल करने में सक्रिय रूप से शामिल थे और माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे युवाओं में से थें, जिन्हें उन्होंने संगठन में शामिल किया था.

बयान में कहा गया है, "ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से प्राप्त भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया और डार्क वेब से डाउनलोड किए गए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी आईडेंटिटी डॉक्यूमेंट का भी इस्तेमाल किया था."

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