दरभंगा : बिहार में अभी चूहों के द्वारा आंख कुतर जाने का मामला थमा भी नहीं कि दरभंगा के डीएमसीएच में एक और लापरवाही का मामला सामने आ गया. दरअसल, DMCH में एक प्रसूता का सिजेरियन हुआ और उसी दौरान आरोप है कि डॉक्टरों ने पेट में कपड़े का टुकड़ा छोड़ दिया. जब महिला के पेट में दर्द बढ़ा तो घाव की ड्रेसिंग की जा रही थी जिसे 40 दिन बाद निकाला गया.
'ऑपरेशन कर पेट में छोड़ दिया कपड़ा' : आरोप है कि स्त्री रोग के चिकित्सकों ने 8 अक्टूबर को महिला का ऑपरेशन से प्रसव कराया. 14 अक्टूबर को डिस्चार्ज कराकर घर लाए. घर आने के बाद धीरे-धीरे तकलीफ बढ़नी शुरू हो गई. ऑपरेशन वाली जगह में धीरे-धीरे घाव हो गया. आसपास पस जमा हो गया. घव की ड्रेसिंग भी शुरू हो गई. जब मरीज की तकलीफ बढ़ी तो उसे निजी अस्पताल में ले जाया गया.
40 दिन बाद निकाला गया बाहर : डॉक्टरों ने चेकिंग के बाद उसके पेट से कपड़े का टुकड़ा निकाला. कपड़ा निकालते समय कुछ लोगों ने LIVE वीडियो भी बनाया. महिला के पति ने डीएमसीएच के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने मरीज के पेट में टेट्रा छोड़ दिया. 40 दिन बाद टेट्रा को बाहर निकाला गया. उन्हें इस बात की जानकारी बीती रात गांव में डॉक्टर द्वारा ड्रेसिंग के दौरान पता चली.
''घाव के सफाई के दौरान पेट के अंदर से उजले रंग का कुछ निकला हुआ दिखा. इसके बाद रुई से सफाई करने के बाद पेट के अंदर से टेट्रा बाहर निकला. जिसका हमलोगों ने वीडियो भी बनाकर रखा है.''- पीड़ित प्रसूता का पति
मानवीय भूल से इंकार नहीं- DMCH : वहीं डीएमसीएच अधीक्षक अल्का मिश्रा ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान साफ सफाई के लिए छोटा सा टुकड़ा टेट्रा का होता है. जिसे सर्जरी के दौरान डॉक्टर ब्लीडिंग को साफ करने के लिए उपयोग में लाते हैं. उन्होंने कहा कि मानवीय भूल हो सकती है. उससे हम इनकार नहीं कर सकते हैं. लेकिन क्या हुआ, नहीं हुआ, यह जांच का विषय है.
''जांच के उपरांत ही परिजन के आरोप की सत्यता का पता चल पाएगा. हम लोगों की प्राथमिकता है कि पहले मरीज का बेहतर इलाज हो. इस बात पर हम लोगों की नजर है. मरीज को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.''- अलका मिश्रा, अस्पताल अधीक्षक, डीएमसीएच
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