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फर्जी नीट स्कोरकार्ड के साथ एक गिरफ्तार, जांच में जुटी पुलिस

चेन्नई में पुलिस ने एक छात्र को गिरफ्तार किया है जिसने नकली प्रमाण पत्र तैयार करके मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने की कोशिश की थी.

ARREST FOR MAKE FAKE CERTIFICATE
प्रतीकात्मक तस्वीर. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

हेनाई: बारहवीं कक्षा के एक छात्र और उसके अविवादित माता-पिता ने जाली एनईईटी स्कोरकार्ड प्रस्तुत करने के बाद खुद को मुश्किल में डाल लिया, जिसमें 720 में से प्रभावशाली 698 अंक होने का दावा किया गया था. छात्र का वास्तविक स्कोर केवल 129 था.

मंगलवार को वह छात्र तमिलनाडु डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी कार्यालय में मद्रास मेडिकल कॉलेज (एमएमसी) में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए था. जहां से उसे यह वारदात सामने आने के बाद किलपौक पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

पुलिस के मुताबिक, छात्र को इस साल की परीक्षा में 129 अंक मिले थे. अपने कम अंकों से निराश होकर उसने फर्जी मार्कशीट बनाने की योजना बनाई. उसने अपने दो दोस्तों से मदद मांगी और एक स्कोरकार्ड तैयार किया, जिससे उसके अंक 720 में से 698 हो गए. पुलिस ने कहा कि माता-पिता अपने बेटे की योजना से अनजान थे.

फर्जी स्कोरकार्ड के साथ, छात्र और उसके माता-पिता ने उसके प्रवेश की स्थिति के बारे में पूछताछ करने के लिए विश्वविद्यालय कार्यालय से संपर्क किया. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दस्तावेज की जांच की और पाया कि यह जाली था.

उन्होंने पुलिस को सतर्क कर दिया. चिकित्सा शिक्षा (डीडीएमई) के उप निदेशक डॉ. करामाथ की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, किलपौक पुलिस ने मामला दर्ज किया और इच्छुक मेडिकल छात्र को गिरफ्तार कर लिया. अब उसके दो सहयोगियों की तलाश की जा रही है, जिनमें से एक अड्यार में एक फोटोकॉपी सेंटर में कार्यरत है.

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हेनाई: बारहवीं कक्षा के एक छात्र और उसके अविवादित माता-पिता ने जाली एनईईटी स्कोरकार्ड प्रस्तुत करने के बाद खुद को मुश्किल में डाल लिया, जिसमें 720 में से प्रभावशाली 698 अंक होने का दावा किया गया था. छात्र का वास्तविक स्कोर केवल 129 था.

मंगलवार को वह छात्र तमिलनाडु डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी कार्यालय में मद्रास मेडिकल कॉलेज (एमएमसी) में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए था. जहां से उसे यह वारदात सामने आने के बाद किलपौक पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

पुलिस के मुताबिक, छात्र को इस साल की परीक्षा में 129 अंक मिले थे. अपने कम अंकों से निराश होकर उसने फर्जी मार्कशीट बनाने की योजना बनाई. उसने अपने दो दोस्तों से मदद मांगी और एक स्कोरकार्ड तैयार किया, जिससे उसके अंक 720 में से 698 हो गए. पुलिस ने कहा कि माता-पिता अपने बेटे की योजना से अनजान थे.

फर्जी स्कोरकार्ड के साथ, छात्र और उसके माता-पिता ने उसके प्रवेश की स्थिति के बारे में पूछताछ करने के लिए विश्वविद्यालय कार्यालय से संपर्क किया. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दस्तावेज की जांच की और पाया कि यह जाली था.

उन्होंने पुलिस को सतर्क कर दिया. चिकित्सा शिक्षा (डीडीएमई) के उप निदेशक डॉ. करामाथ की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, किलपौक पुलिस ने मामला दर्ज किया और इच्छुक मेडिकल छात्र को गिरफ्तार कर लिया. अब उसके दो सहयोगियों की तलाश की जा रही है, जिनमें से एक अड्यार में एक फोटोकॉपी सेंटर में कार्यरत है.

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