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पिता बनने के लिए हत्या के आरोपी को मिली 4 महीने की पेरोल, पत्नी के साथ रहने की मांगी थी इजाजत - 4 months parole to parenthood

murder accused got 4 months parole: नई दिल्ली की साकेत कोर्ट ने हत्या के एक आरोपी को बच्चा पैदा करने के लिए लंदन में रह रही अपनी पत्नी के पास जाने की अनुमति दे दी है. एडिशनल सेशंस जज तरुण सहरावत ने आरोपी रिधम गिरोत्रा को पांच लाख रुपये के मुचलके पर 4 महीने के लिए पेरोल देने का आदेश दिया.

हत्या के आरोपी को बच्चे पैदा करने के लिए 4 महीने की मिली पेरोल
हत्या के आरोपी को बच्चे पैदा करने के लिए 4 महीने की मिली पेरोल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 20, 2024, 3:35 PM IST

Updated : Aug 20, 2024, 7:11 PM IST

नई दिल्ली: भारत में न्यायपालिका और संविधान कितना सशक्त है और मानवीय संवेदनाओं से भरा है, इसका नया उदाहरण हमारे सामने आया है. जहां दिल्ली के साकेत कोर्ट ने मर्डर केस के एक आरोपी को जेल से चार महीने की जमानत दी है. इन चार महीनों में आरोपी लंदन में रह रहे अपनी पत्नी के साथ रहेगा. आरोपी ने परिवार बढ़ाने के लिए कोर्ट से लंदन जाने की अनुमति मांगी थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया. कोर्ट ने कैदी की अर्जी पर विचार करते हुए कहा है कि किसी को परिवार बढ़ाने से नहीं रोक सकते.

सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से पेश वकील अदिती द्राल ने कहा कि याचिकाकर्ता पिछले 11 साल से गैर इरादतन हत्या के मामले में जेल में बंद है. अभी तक इस मामले में आरोप भी तय नहीं हुए हैं. इस मामले में ट्रायल लंबा चलने की आशंका है. आरोपी के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता लंदन में रह रही अपनी पत्नी के यहां दो साल के लिए जाना चाहता है ताकि वह बच्चा पैदा कर सके. उन्होंने आरोपी को लंदन जाने की अनुमति देने की मांग की. आरोपी की शादी 2 दिसंबर 2022 में अक्षिता आहूजा से हुई थी, जो एक एमएनसी में लंदन में काम करती है. याचिकाकर्ता की पत्नी को जनवरी 2023 से ब्रिटेन का रेजिडेंट परमिट मिला हुआ है.

पत्नी मिलने भारत नहीं आ सकती हैः द्राल ने कहा कि याचिकाकर्ता की पत्नी उससे मिलने भारत नहीं आ सकती है, क्योंकि वो प्रोबेशन पीरियड में है. प्रोबेशन पीरियड खत्म होने के बाद उसे ब्रिटेन की पक्की नागरिकता मिलेगी. द्राल ने कहा क इसके पहले ही याचिकाकर्ता को 2019 में फिलीपींस में अपने परिवार से मिलने की अनुमति मिल चुकी है. उस दौरान याचिकाकर्ता ने किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया था और वो वापस भारत आ गया था.

दिल्ली पुलिस ने किया विरोधः सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने याचिकाकर्ता को पेरोल पर रिहा करने की अनुमति देने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि 13 सितंबर 2013 को याचिकाकर्ता और उसके चार दोस्तों ने ड्रग्स का सेवन करने के लिए कालकाजी में प्रणील शाह के यहां जाने की योजना बनाई. वहां सभी ने मिलकर ड्रग्स का सेवन किया. ड्रग्स के सेवन के बाद एक युवक अनमोल सरना अनियंत्रित हो गया और वो प्रणील के घर का सामान फेंकने लगा. प्रणील ने दूसरे सह-आरोपी शिवांक गंभीर और माधव भंडारी के साथ मारपीट की.

हंगामे की शोर सुनकर कॉलोनी के दो गार्ड नरेश मिश्रा और सुरेंद्र बाली मौके पर पहुंचे और उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश की. लेकिन प्रणील ने दोनों गार्ड के साथ भी मारपीट की. इसके बाद गार्ड ने उनकी पिटाई कर दी. पिटाई के बाद प्रणील लोहे के गेट की ओर भागा, जिसके बाद उसका सिर लोहे की गेट से टकरा गया और वो बेहोश हो गया. प्रणील को अस्पातल में ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ काफी गंभीर आरोप हैं और अगर उसे लंदन जाने की अनुमति दी गई तो भारत वापस नहीं लौटेगा और कानून से बच जाएगा.

ये भी पढ़ें : अपील में देरी होने पर आजीवन जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

पहले भी विदेश जाने की अनुमति मिली, आरोपी ने किसी शर्त का नहीं किया उल्लंघन
कोर्ट ने कहा कि आरोपी को पहले भी विदेश जाने की अनुमति मिल चुकी है और उस दौरान उसने किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया. आरोपी के पहले के व्यवहार और उसके बच्चा पैदा करने के अधिकार को देखते हुए उसे अपनी पत्नी के यहां लंदन जाने की अनुमति दी जाती है. कोर्ट ने आरोपी को निर्देश दिया कि वो अपने ई-वीजा और ई-टिकट की प्रति कोर्ट में दाखिल करेगा और लंदन में अपने रहने की जगह का पता और फोन नंबर बताएगा. लंदन से लौटने के बाद आरोपी अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करवा देगा.

ये भी पढ़ें : सीहोर स्पेशल कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, धोखाधड़ी के मामले में चिट फंड कंपनी के चेयरमैन को 250 साल की सजा

नई दिल्ली: भारत में न्यायपालिका और संविधान कितना सशक्त है और मानवीय संवेदनाओं से भरा है, इसका नया उदाहरण हमारे सामने आया है. जहां दिल्ली के साकेत कोर्ट ने मर्डर केस के एक आरोपी को जेल से चार महीने की जमानत दी है. इन चार महीनों में आरोपी लंदन में रह रहे अपनी पत्नी के साथ रहेगा. आरोपी ने परिवार बढ़ाने के लिए कोर्ट से लंदन जाने की अनुमति मांगी थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया. कोर्ट ने कैदी की अर्जी पर विचार करते हुए कहा है कि किसी को परिवार बढ़ाने से नहीं रोक सकते.

सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से पेश वकील अदिती द्राल ने कहा कि याचिकाकर्ता पिछले 11 साल से गैर इरादतन हत्या के मामले में जेल में बंद है. अभी तक इस मामले में आरोप भी तय नहीं हुए हैं. इस मामले में ट्रायल लंबा चलने की आशंका है. आरोपी के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता लंदन में रह रही अपनी पत्नी के यहां दो साल के लिए जाना चाहता है ताकि वह बच्चा पैदा कर सके. उन्होंने आरोपी को लंदन जाने की अनुमति देने की मांग की. आरोपी की शादी 2 दिसंबर 2022 में अक्षिता आहूजा से हुई थी, जो एक एमएनसी में लंदन में काम करती है. याचिकाकर्ता की पत्नी को जनवरी 2023 से ब्रिटेन का रेजिडेंट परमिट मिला हुआ है.

पत्नी मिलने भारत नहीं आ सकती हैः द्राल ने कहा कि याचिकाकर्ता की पत्नी उससे मिलने भारत नहीं आ सकती है, क्योंकि वो प्रोबेशन पीरियड में है. प्रोबेशन पीरियड खत्म होने के बाद उसे ब्रिटेन की पक्की नागरिकता मिलेगी. द्राल ने कहा क इसके पहले ही याचिकाकर्ता को 2019 में फिलीपींस में अपने परिवार से मिलने की अनुमति मिल चुकी है. उस दौरान याचिकाकर्ता ने किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया था और वो वापस भारत आ गया था.

दिल्ली पुलिस ने किया विरोधः सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने याचिकाकर्ता को पेरोल पर रिहा करने की अनुमति देने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि 13 सितंबर 2013 को याचिकाकर्ता और उसके चार दोस्तों ने ड्रग्स का सेवन करने के लिए कालकाजी में प्रणील शाह के यहां जाने की योजना बनाई. वहां सभी ने मिलकर ड्रग्स का सेवन किया. ड्रग्स के सेवन के बाद एक युवक अनमोल सरना अनियंत्रित हो गया और वो प्रणील के घर का सामान फेंकने लगा. प्रणील ने दूसरे सह-आरोपी शिवांक गंभीर और माधव भंडारी के साथ मारपीट की.

हंगामे की शोर सुनकर कॉलोनी के दो गार्ड नरेश मिश्रा और सुरेंद्र बाली मौके पर पहुंचे और उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश की. लेकिन प्रणील ने दोनों गार्ड के साथ भी मारपीट की. इसके बाद गार्ड ने उनकी पिटाई कर दी. पिटाई के बाद प्रणील लोहे के गेट की ओर भागा, जिसके बाद उसका सिर लोहे की गेट से टकरा गया और वो बेहोश हो गया. प्रणील को अस्पातल में ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ काफी गंभीर आरोप हैं और अगर उसे लंदन जाने की अनुमति दी गई तो भारत वापस नहीं लौटेगा और कानून से बच जाएगा.

ये भी पढ़ें : अपील में देरी होने पर आजीवन जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

पहले भी विदेश जाने की अनुमति मिली, आरोपी ने किसी शर्त का नहीं किया उल्लंघन
कोर्ट ने कहा कि आरोपी को पहले भी विदेश जाने की अनुमति मिल चुकी है और उस दौरान उसने किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया. आरोपी के पहले के व्यवहार और उसके बच्चा पैदा करने के अधिकार को देखते हुए उसे अपनी पत्नी के यहां लंदन जाने की अनुमति दी जाती है. कोर्ट ने आरोपी को निर्देश दिया कि वो अपने ई-वीजा और ई-टिकट की प्रति कोर्ट में दाखिल करेगा और लंदन में अपने रहने की जगह का पता और फोन नंबर बताएगा. लंदन से लौटने के बाद आरोपी अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करवा देगा.

ये भी पढ़ें : सीहोर स्पेशल कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, धोखाधड़ी के मामले में चिट फंड कंपनी के चेयरमैन को 250 साल की सजा

Last Updated : Aug 20, 2024, 7:11 PM IST
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