बेंगलुरु: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में हजारों करोड़ रुपये की अनियमितताएं होने का आरोप लगा है. इतना ही नहीं मुडा की संपत्ति को सीएम सिद्धारमैया की पत्नी के नाम पर अवैध रूप से हस्तांतरित करने का आरोप है. इस कथित घोटाले को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सीएम सिद्धारमैया और सरकार पर निशाना साधा है.
सीएम सिद्धारमैया ने मुडा संपत्ति को अपनी पत्नी के नाम पर अवैध रूप से हस्तांतरित करने के आरोप का जवाब देते हुए कहा, "मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) ने कानून के अनुसार हमें भूमि आवंटित की है. इसमें क्या गलत है. यह साइट बीजेपी शासन के दौरान दी गई थी. यह भूमि रिंग रोड के बगल में स्थित है. इस 3.16 एकड़ भूमि को मूल रूप से इसे उनके ससुर मल्लिकार्जुन ने खरीदा था. बाद में उन्होंने इसे मेरी पत्नी को उपहार के रूप में दे दिया."
मंत्री बैराती सुरेश की प्रतिक्रिया
मामले में शहरी विकास मंत्री बैराती सुरेश ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुडा में कथित घोटालों की जांच के लिए दो आईएएस अधिकारियों के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया गया है. यह दल चार सप्ताह के भीतर जांच करके रिपोर्ट देगा. इसके अलावा, मुडा आयुक्त दिनेश कुमार, सचिव और AEE का तत्काल तबादला किया जाएगा.
एच विश्वनाथ ने लगाया आरोप
वहीं, विधान परिषद सदस्य एच विश्वनाथ ने रविवार को आरोप लगाया कि एमएलसी डॉ यतींद्र सिद्धारमैया और उनकी टीम के सहयोग से मुडा अधिकारियों ने करीब पांच हजार करोड़ रुपये का गबन किया है.
उन्होंने कहा आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने एक सिंडिकेट बना रखा है. इसके जरिए उन्होंने कारोबार किया है. इस अनियमितता में MUDA आयुक्त दिनेश कुमार, विधायक के हरीश गौड़ा, राकेश पापन्ना, MUDA अध्यक्ष के मारी गौड़ा, पूर्व अध्यक्ष राजीव, आयुक्त नतेश, मारीतिब्बे गौड़ा के रिश्तेदार सुदीप, दलाल उत्तम गौड़ा, मोहन, MUDA आयुक्त के रिश्तेदार तेजस गौड़ा, रिकॉर्ड रूम अधिकारी त्रिशूल और अन्य लोग शामिल हैं.