लखनऊः देश में अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी को सीटों के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में फिर जोरदार झटका लगा है. बिजनौर से पार्टी के सांसद मलूक नागर ने चुनाव के बीच पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने दो पेज का एक पत्र भी जारी किया है और कहा है कि मजबूरी में उन्हें पार्टी से जाना पड़ रहा है. साथ ही ये भी संभावना जताई कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. आगे की रणनीति बनाएंगे. बता दें कि मलूक नागर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगा था. बसपा मुखिया मायावती को जानकारी मिली थी कि वह भारतीय जनता पार्टी से टिकट लेने के प्रयास में लगे हुए हैं. यही वजह है कि बीएसपी ने उन्हें इस बार टिकट ही नहीं दिया. वहीं इस्तीफा देने के बाद मलूक नागर को दिल्ली में रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने पार्टी ज्वाइन करा दी.
'39 साल में पहली बार चुनाव नहीं लड़ रहा'
बसपा सांसद मलूक नागर ने बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को संबोधित दो पन्ने की चिट्ठी लिखी है. कहा है कि हमारे परिवार में करीब पिछले 39 सालों से लगातार कांग्रेस और बसपा की तरफ से कई ब्लॉक प्रमुख, कई बार अध्यक्ष, जिला परिषद अध्यक्ष, जिला पंचायत व कई बार विधायक, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और देश में सांसद आते रहे हैं. 39 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि हम विधायकी भी नहीं लड़ पाए और संसद के चुनाव से भी बाहर हो गए. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2006 में बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. उन्होंने पत्र में लिखा कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के आशीर्वाद से हम कई पदों पर रहे. इसके लिए हम हमेशा आपके आभारी रहेंगे. हमारे परिवार की राजनीतिक हैसियत और सामाजिक हैसियत पर पहचान वाला कोई भी व्यक्ति बसपा में नहीं जो हमारे जितना लंबा समय के लिए बहुजन समाज पार्टी में रहा हो. कुछ सालों में बीएसपी ने उन्हें निकाल दिया या वह खुद बसपा पार्टी छोड़कर चला जाता है.
संसद में उठाए थे 854 मुद्दे
उन्होंने दावा किया कि बहुजन समाज पार्टी में परिवार को इतने लंबे समय तक कई बार उतार-चढ़ाव देखने के बाद भी फर्क नहीं पड़ा. हम बहुजन समाज पार्टी में ही बने रहे. उन्होंने कहा कि संसद के दौरान 854 मुद्दों को उठाया. 17 वीं लोकसभा में सबसे अधिक मुद्दों को सामने रखा. संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और विभिन्न जाति में जन्में सभी महापुरुषों की आवाज भी उठाई. बिजनौर लोकसभा और पूरे देश के हर हिस्से में किसानों, दलित, पिछड़ों, गरीबों की आवाज भी संसद में उठाई. उन्होंने कहा कि आज के परिवेश और कई राजनीतिक कारणों से हम अब बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं. आपके साथ करीब 18 साल रहकर जो समय गुजारा, जो आशीर्वाद मिला उसके लिए हम हमेशा आभारी रहेंगे. धन्यवाद.
टिकट कटने से थे नाराज
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी ने इस बार बिजनौर लोकसभा सीट से मलूक नागर का टिकट काटकर लोक दल से आए विजेंद्र सिंह को टिकट दिया है. इससे मलूक नागर खफा चल रहे थे. हालांकि मलूक नागर की गिनती मायावती के भरोसेमंद नेताओं में होती थी. साल 2009 और 2014 में मेरठ और बिजनौर सीट से चुनाव हारने के बाद भी बीएसपी मुखिया मायावती ने उन पर भरोसा जताया था और 2019 में फिर बिजनौर से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया था. सपा के साथ गठबंधन का फायदा मिला और मलूक नागर चुनाव जीतकर संसद की दहलीज पर जा पहुंचे थे.
यूपी के सबसे अमीर सांसदों में शुमार हैं, अब तक 5 सांसदों ने बसपा छोड़ी
मलूक की गिनती यूपी के सबसे अमीर सांसदों में होती रही है. उनकी कुल चल-अचल संपत्ति करीब 250 करोड़ रुपए आंकी गई थी. बता दें कि मलूक नागर से पहले अंबेडकर नगर से सांसद रितेश पांडेय, लालगंज से पहली बार सांसद बनी संगीता आजाद और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी भी बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं. रितेश और संगीता बीजेपी ज्वाइन कर चुकी हैं जबकि कुंवर दानिश अली को पार्टी ने बाहर निकाला था तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था और कांग्रेस ने उन्हें अमरोहा से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है.