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पंजाब के बाद अब एमपी में किसान आंदोलन की नई जमीन, ट्रैक्टर पर सवार कांग्रेसी नेता, जाम में फंसा मध्य प्रदेश - MP CONGRESS KISAN NYAY YATRA

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

मध्य प्रदेश के किसान सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए पूरे प्रदेश में शुक्रवार को किसान न्याय यात्रा निकाली है. कांग्रेस नेताओं ने ट्रैक्टरों पर सवार होकर रैली निकाली. जिससे कई जगह जाम के हालात भी बने, वहीं प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं की पुलिस से झूमाछटकी भी हुई.

MP CONGRESS KISAN NYAY YATRA
कांग्रेस ने निकाली ट्रैक्टर रैली (ETV Bharat Graphics)

इंदौर: सोयाबीन स्टेट मध्य प्रदेश में अब सोयाबीन का समर्थन मूल्य ही मोहन सरकार के खिलाफ सियासी मुद्दा बन चुका है. स्थिति यह है कि इस मुद्दे पर किसान भी विपक्षी दल कांग्रेस के साथ खड़ा नजर आ रहा है. यही वजह है कि शुक्रवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में अन्नदाता किसान अपनी फसल के उचित दाम की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर पुलिस और प्रशासन के साथ धक्का मुक्की करते नजर आए. इधर कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य और सोयाबीन का भाव 6000 रूपए क्विंटल नहीं मिल जाता, कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा.

रिपोर्ट में खुलासा, एमपी में किसानों की आय घटी
दरअसल बीते चुनाव में किसानों की आय दुगना करने के वादे के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार के कार्यकाल में छोटे और सीमांत किसानों की औसत आमदनी 27-32 रूपये प्रतिदिन रह गई है और औसत कर्ज प्रति किसान 74121 रूपये हो गया है. केंद्र सरकार की संस्था नेशनल स्टैटिकल कार्यालय के हालिया सर्वे के मुताबिक, मध्यप्रदेश उन राज्यों में है जहां किसानों की आय बढ़ने की जगह घटी है. इसके अलावा बीते 10 सालों में बीते खेती की लागत 25 हजार रूपये हेक्टेयर बढ़ चुकी है.

कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा (ETV Bharat)

शिवराज सिंह ने की थी आमदनी दोगुना करने की घोषणा
इधर किसान इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अप्रैल 2023 में रीवा के पंचायती राज सम्मेलन में किसानों की आमदनी दोगुना करने की घोषणा की थी. इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रूपये प्रति क्विंटल और धान का समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया जो अब तक पूरा नहीं हो सका. इसके अलावा बीते 5 सितंबर को केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को सोयाबीन खरीदी के लिए प्राइज सपोर्ट स्कीम से बाहर कर दिया. इधर फिलहाल प्रदेश की मंदिरों में सोयाबीन के भाव ₹3600 तक कम हो चुके हैं हालांकि सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए किया है जिसे 6000 करने की मांग किसान कर रहे हैं.

किसानों के समर्थन में कांग्रेस की न्याय यात्रा
कांग्रेस इस बार पूरी ताकत से किसानों के साथ खड़ी नजर आ रही है. इंदौर पहुंचे दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी ने अपनी न्याय यात्रा के दौरान चेतावनी दी है कि जब तक सोयाबीन और अन्य फसलों के समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाए जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, ''जब फसल आती है तो मोदी सरकार सोयाबीन के दाम कम कर देती है, लेकिन जब किसान के हाथ से फसल निकल जाती है तो यही फसल महंगी कर दी जाती है.'' उन्होंने कहा, ''सरकार ने नियोजित रूप से तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी, जिससे कि बड़ी-बड़ी कंपनियां कम कीमत पर सोयाबीन खरीद कर बड़ा मुनाफा कमा सकें.''

बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे किसान
कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा में जिले के विभिन्न इलाकों से किसानों ने इंदौर की ओर रुख किया तो शहर की सीमाओं पर बैरिकेडिंग कर उन ट्रैक्टरों को रोक लिया. सांवेर की कांग्रेस प्रत्याशी रही रीना बौरासी सेतिया को सांवेर से आते हुए बारोली फाटे के पास हिरासत में भी लिया गया. हालांकि इसके बावजूद बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं और कांग्रेस के कार्यकर्ता, इंदौर के कलेक्टर ऑफिस स्थित सभा स्थल पर पहुंचे. यहां ट्रैक्टर से सभा स्थल पर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि "जब तक किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य और सोयाबीन का भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल नहीं मिल जाता, तब तक कांग्रेस पार्टी का संघर्ष यूं ही चलता रहेगा.''

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''विधानसभा घेराव के लिए तैयार रहे सरकार''
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, ''इस किसान न्याय यात्रा के जरिए भाजपा का किसानों से किया गया उनका वही वादा याद दिलाया है. जब तक किसानों को उनकी फसलों का समर्थन मूल्य और सोयाबीन का भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल नहीं मिल जाता, किसानों के न्याय की यह लड़ाई यूं ही अनवरत जारी रहेगी. अगर सरकार नहीं मानी तो अगले चरण में मंडियों पर आंदोलन होगा और उसके बाद विधानसभा के घेराव के लिए भी सरकार को तैयार रहना होगा."' कार्यक्रम के पश्चात कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश के राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भी एसडीएम को सौंपा.

इंदौर: सोयाबीन स्टेट मध्य प्रदेश में अब सोयाबीन का समर्थन मूल्य ही मोहन सरकार के खिलाफ सियासी मुद्दा बन चुका है. स्थिति यह है कि इस मुद्दे पर किसान भी विपक्षी दल कांग्रेस के साथ खड़ा नजर आ रहा है. यही वजह है कि शुक्रवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में अन्नदाता किसान अपनी फसल के उचित दाम की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर पुलिस और प्रशासन के साथ धक्का मुक्की करते नजर आए. इधर कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य और सोयाबीन का भाव 6000 रूपए क्विंटल नहीं मिल जाता, कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा.

रिपोर्ट में खुलासा, एमपी में किसानों की आय घटी
दरअसल बीते चुनाव में किसानों की आय दुगना करने के वादे के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार के कार्यकाल में छोटे और सीमांत किसानों की औसत आमदनी 27-32 रूपये प्रतिदिन रह गई है और औसत कर्ज प्रति किसान 74121 रूपये हो गया है. केंद्र सरकार की संस्था नेशनल स्टैटिकल कार्यालय के हालिया सर्वे के मुताबिक, मध्यप्रदेश उन राज्यों में है जहां किसानों की आय बढ़ने की जगह घटी है. इसके अलावा बीते 10 सालों में बीते खेती की लागत 25 हजार रूपये हेक्टेयर बढ़ चुकी है.

कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा (ETV Bharat)

शिवराज सिंह ने की थी आमदनी दोगुना करने की घोषणा
इधर किसान इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अप्रैल 2023 में रीवा के पंचायती राज सम्मेलन में किसानों की आमदनी दोगुना करने की घोषणा की थी. इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रूपये प्रति क्विंटल और धान का समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया जो अब तक पूरा नहीं हो सका. इसके अलावा बीते 5 सितंबर को केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को सोयाबीन खरीदी के लिए प्राइज सपोर्ट स्कीम से बाहर कर दिया. इधर फिलहाल प्रदेश की मंदिरों में सोयाबीन के भाव ₹3600 तक कम हो चुके हैं हालांकि सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए किया है जिसे 6000 करने की मांग किसान कर रहे हैं.

किसानों के समर्थन में कांग्रेस की न्याय यात्रा
कांग्रेस इस बार पूरी ताकत से किसानों के साथ खड़ी नजर आ रही है. इंदौर पहुंचे दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी ने अपनी न्याय यात्रा के दौरान चेतावनी दी है कि जब तक सोयाबीन और अन्य फसलों के समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाए जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, ''जब फसल आती है तो मोदी सरकार सोयाबीन के दाम कम कर देती है, लेकिन जब किसान के हाथ से फसल निकल जाती है तो यही फसल महंगी कर दी जाती है.'' उन्होंने कहा, ''सरकार ने नियोजित रूप से तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी, जिससे कि बड़ी-बड़ी कंपनियां कम कीमत पर सोयाबीन खरीद कर बड़ा मुनाफा कमा सकें.''

बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे किसान
कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा में जिले के विभिन्न इलाकों से किसानों ने इंदौर की ओर रुख किया तो शहर की सीमाओं पर बैरिकेडिंग कर उन ट्रैक्टरों को रोक लिया. सांवेर की कांग्रेस प्रत्याशी रही रीना बौरासी सेतिया को सांवेर से आते हुए बारोली फाटे के पास हिरासत में भी लिया गया. हालांकि इसके बावजूद बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं और कांग्रेस के कार्यकर्ता, इंदौर के कलेक्टर ऑफिस स्थित सभा स्थल पर पहुंचे. यहां ट्रैक्टर से सभा स्थल पर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि "जब तक किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य और सोयाबीन का भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल नहीं मिल जाता, तब तक कांग्रेस पार्टी का संघर्ष यूं ही चलता रहेगा.''

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