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ये यूनिवर्सटी किन्नर और कैदियों को देगी मुफ्त शिक्षा, शहीद जवानों के आश्रितों को शुल्क में रियायत का प्रस्ताव

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 11, 2024, 6:42 PM IST

MP Bhoj Open University: देश और प्रदेश में कई ऐसे वर्ग हैं, जो कुछ कारणों के चलते शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते. ऐसे लोगों के लिए मध्य प्रदेश की ओपन यूनिवर्सटी एमपी भोज मुक्त विश्वविद्यालय निशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है. साथ ही पुलिस और सेना के शहीद जवानों के आश्रितों को प्रवेश और परीक्षा शुल्क में 50 फीसदी की छूट दी भी देने की बात कही जा रही है.

mp bhoj open university
ये यूनिवर्सटी किन्नर और कैदियों को देगी मुफ्त शिक्षा
ये यूनिवर्सटी किन्नर और कैदियों को देगी मुफ्त शिक्षा

सागर। समाज में ऐसे कई वंचित वर्ग है, जो परिस्थिति या आर्थिक स्थिति के चलते योग्य होने के बाद भी उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं. ऐसे वंचित वर्ग में किन्नर समुदाय और कैदियों को मध्य प्रदेश की ओपन यूनिवर्सटी एमपी भोज मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा निशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है. खास बात ये है कि प्रवेश से लेकर परीक्षा तक किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा है. इसी तर्ज पर समाज के अन्य वर्गों को भी उच्च शिक्षा प्रदान करने की तैयारी चल रही है. जिसमें पुलिस और सेना के शहीद जवानों के आश्रितों को प्रवेश और परीक्षा शुल्क में 50 फीसदी की छूट दी जा सकती है.

यूनिवर्सटी में 15 मार्च तक ले सकते हैं प्रवेश

मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र सागर के निदेशक डाॅ दिवाकर सिंह राजपूत ने बताया कि 'फिलहाल सागर रीजनल सेंटर के अंतर्गत सागर, दमोह, टीकमगढ़, निवाड़ी और छतरपुर जिलों में 41 अध्ययन केंद्र संचालित है. नवीन सत्र की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 15 मार्च तक मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं. इन केंद्रों के माध्यम से उच्च शिक्षा को 'आपकी शिक्षा आपके द्वारट के नारे के साथ सभी वर्गों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ए ग्रेड की उपलब्धि हासिल हुई है. इसके अलावा विश्वविद्यालय ने अनेक संस्थाओं से एमओयू करके बेहतर उच्च शिक्षा और उत्कृष्ट पाठ्य सामग्री तैयार करायी जा रही है.'

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एमपी भोज मुक्त यूनिवर्सिटी

एक साथ ले सकते हैं दो डिग्री या डिप्लोमा

प्रोफेसर दिवाकर सिंह राजपूत ने बताया कि 'उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत एक बड़ा बदलाव किया गया है. ऐसे विद्यार्थी या लोग जो शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हैं और कई विषयों में डिग्री या डिप्लोमा चाहते हैं. उनके लिए खुशखबरी है कि मप्र उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत निर्देश जारी कर दिए हैं कि अब कोई भी विद्यार्थी एक साथ दो डिग्री और डिप्लोमा कर सकता है.' उन्होंने बताया कि ये प्रावधान मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा केंद्रों के माध्यम से संभव हो सकता है. विद्यार्थी किसी दूसरे विश्वविद्यालय में अगर कोई डिग्री के लिए प्रवेश ले चुका है. तो वो मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय में भी डिग्री और डिप्लोमा के लिए साथ में प्रवेश ले सकता है.

कैदियों और किन्नरों के लिए पूरी तरह निशुल्क उच्च शिक्षा

मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय समाज के वंचित वर्ग के लिए भी उच्च शिक्षा से जोडने के लिए कई तरह की पहल कर रहा है. इस कड़ी में विश्वविद्यालय के नारे आपकी शिक्षा आपके द्वार के तहत किन्नर और कैदियों के लिए सहज और निशुल्क उच्च शिक्षा की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही सेना और पुलिस के शहीद जवानों के आश्रितों को उच्च शिक्षा हासिल करने में आर्थिक दिक्कतों का सामना ना करना पडे़, उनके लिए प्रवेश और परीक्षा शुल्क में 50 फीसदी रियायत का प्रस्ताव रखा गया है.

MP Bhoj Open University
कैदियों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा

क्या कहना है विश्वविद्यालय प्रबंधन का

मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय के सागर रीजनल सेंटर के डायरेक्ट डाॅ दिवाकर सिंह राजपूत कहते हैं कि मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय का नारा है कि आपकी शिक्षा आपके द्वार और अधिक से अधिक लोगों को शिक्षा से जोड़ने के लिए कोशिश ये की जा रही है कि हम अधिक से अधिक लोगों को उच्च शिक्षा से जोड़ा जा सके. इसलिए कोशिश ये की जा रही है कि हम अधिक लोगों को इसका लाभ दें. इस दिशा में मुख्यालय का द्वारा ये निर्णय लिया गया है, जो पिछले दो सालों से संचालित है. जिसमें मध्य प्रदेश के जितने जेल है, उनमें जेल के कैदियों को निशुल्क शिक्षा का प्रावधान किया गया है. उनकी योग्यता के आधार पर वह प्रवेश ले सकते हैं और परीक्षा देकर उपाधि पा सकते हैं. प्रवेश से लेकर परीक्षा की प्रक्रिया में उन्हें किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पडे़गा.

यहां पढ़ें...

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भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने पूरी तरह से ये व्यवस्था निशुल्क रखी है. यही व्यवस्था किन्नर वर्ग के लिए है. अगर किन्नर समुदाय के लोग उच्च शिक्षा हासिल करना चाहते हैं और उनके पास उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त योग्यता है, तो वो वह प्रवेश ले सकते हैं और प्रवेश से लेकर परीक्षा तक की सारी प्रक्रिया निशुल्क रहेगी. चूंकि पुलिस और सेना के व्यक्ति देश सेवा में लगे रहते हैं. उसमें एक प्रस्ताव रखा गया है कि यदि सेना और पुलिस सेवा में रहने वाले व्यक्ति किसी तरह से देश के लिए शहीद हो जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है, तो उनके निर्भर पचास फीसदी शुल्क अदा करके प्रवेश ले सकते हैं और परीक्षा दे सकते हैं.

ये यूनिवर्सटी किन्नर और कैदियों को देगी मुफ्त शिक्षा

सागर। समाज में ऐसे कई वंचित वर्ग है, जो परिस्थिति या आर्थिक स्थिति के चलते योग्य होने के बाद भी उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं. ऐसे वंचित वर्ग में किन्नर समुदाय और कैदियों को मध्य प्रदेश की ओपन यूनिवर्सटी एमपी भोज मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा निशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है. खास बात ये है कि प्रवेश से लेकर परीक्षा तक किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा है. इसी तर्ज पर समाज के अन्य वर्गों को भी उच्च शिक्षा प्रदान करने की तैयारी चल रही है. जिसमें पुलिस और सेना के शहीद जवानों के आश्रितों को प्रवेश और परीक्षा शुल्क में 50 फीसदी की छूट दी जा सकती है.

यूनिवर्सटी में 15 मार्च तक ले सकते हैं प्रवेश

मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र सागर के निदेशक डाॅ दिवाकर सिंह राजपूत ने बताया कि 'फिलहाल सागर रीजनल सेंटर के अंतर्गत सागर, दमोह, टीकमगढ़, निवाड़ी और छतरपुर जिलों में 41 अध्ययन केंद्र संचालित है. नवीन सत्र की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 15 मार्च तक मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं. इन केंद्रों के माध्यम से उच्च शिक्षा को 'आपकी शिक्षा आपके द्वारट के नारे के साथ सभी वर्गों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ए ग्रेड की उपलब्धि हासिल हुई है. इसके अलावा विश्वविद्यालय ने अनेक संस्थाओं से एमओयू करके बेहतर उच्च शिक्षा और उत्कृष्ट पाठ्य सामग्री तैयार करायी जा रही है.'

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एमपी भोज मुक्त यूनिवर्सिटी

एक साथ ले सकते हैं दो डिग्री या डिप्लोमा

प्रोफेसर दिवाकर सिंह राजपूत ने बताया कि 'उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत एक बड़ा बदलाव किया गया है. ऐसे विद्यार्थी या लोग जो शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हैं और कई विषयों में डिग्री या डिप्लोमा चाहते हैं. उनके लिए खुशखबरी है कि मप्र उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत निर्देश जारी कर दिए हैं कि अब कोई भी विद्यार्थी एक साथ दो डिग्री और डिप्लोमा कर सकता है.' उन्होंने बताया कि ये प्रावधान मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा केंद्रों के माध्यम से संभव हो सकता है. विद्यार्थी किसी दूसरे विश्वविद्यालय में अगर कोई डिग्री के लिए प्रवेश ले चुका है. तो वो मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय में भी डिग्री और डिप्लोमा के लिए साथ में प्रवेश ले सकता है.

कैदियों और किन्नरों के लिए पूरी तरह निशुल्क उच्च शिक्षा

मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय समाज के वंचित वर्ग के लिए भी उच्च शिक्षा से जोडने के लिए कई तरह की पहल कर रहा है. इस कड़ी में विश्वविद्यालय के नारे आपकी शिक्षा आपके द्वार के तहत किन्नर और कैदियों के लिए सहज और निशुल्क उच्च शिक्षा की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही सेना और पुलिस के शहीद जवानों के आश्रितों को उच्च शिक्षा हासिल करने में आर्थिक दिक्कतों का सामना ना करना पडे़, उनके लिए प्रवेश और परीक्षा शुल्क में 50 फीसदी रियायत का प्रस्ताव रखा गया है.

MP Bhoj Open University
कैदियों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा

क्या कहना है विश्वविद्यालय प्रबंधन का

मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय के सागर रीजनल सेंटर के डायरेक्ट डाॅ दिवाकर सिंह राजपूत कहते हैं कि मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय का नारा है कि आपकी शिक्षा आपके द्वार और अधिक से अधिक लोगों को शिक्षा से जोड़ने के लिए कोशिश ये की जा रही है कि हम अधिक से अधिक लोगों को उच्च शिक्षा से जोड़ा जा सके. इसलिए कोशिश ये की जा रही है कि हम अधिक लोगों को इसका लाभ दें. इस दिशा में मुख्यालय का द्वारा ये निर्णय लिया गया है, जो पिछले दो सालों से संचालित है. जिसमें मध्य प्रदेश के जितने जेल है, उनमें जेल के कैदियों को निशुल्क शिक्षा का प्रावधान किया गया है. उनकी योग्यता के आधार पर वह प्रवेश ले सकते हैं और परीक्षा देकर उपाधि पा सकते हैं. प्रवेश से लेकर परीक्षा की प्रक्रिया में उन्हें किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पडे़गा.

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भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने पूरी तरह से ये व्यवस्था निशुल्क रखी है. यही व्यवस्था किन्नर वर्ग के लिए है. अगर किन्नर समुदाय के लोग उच्च शिक्षा हासिल करना चाहते हैं और उनके पास उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त योग्यता है, तो वो वह प्रवेश ले सकते हैं और प्रवेश से लेकर परीक्षा तक की सारी प्रक्रिया निशुल्क रहेगी. चूंकि पुलिस और सेना के व्यक्ति देश सेवा में लगे रहते हैं. उसमें एक प्रस्ताव रखा गया है कि यदि सेना और पुलिस सेवा में रहने वाले व्यक्ति किसी तरह से देश के लिए शहीद हो जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है, तो उनके निर्भर पचास फीसदी शुल्क अदा करके प्रवेश ले सकते हैं और परीक्षा दे सकते हैं.

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