गुवाहाटी : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले असम में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन फिर शुरू हो गया है. सीएए विरोधी समन्वय समिति असम की पहल के तहत शनिवार को गुवाहाटी के लखीधर बोरा क्षेत्र में एक सामूहिक रैली आयोजित की गई. इस रैली में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, रायजोर डोल, असम जातीय परिषद और सीपीआई (एम) जैसे वामपंथी दलों सहित विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.
सीएए आंदोलन के बारे में बात करते हुए एंटी-सीएए समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ. हिरेन गोहेन ने कहा कि सीएए के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे है. सीएए के खिलाफ जनता में जागरूकता आई है. बता दें, केंद्र सरकार ने पिछले दिनों अपने बयान में कहा था कि सरकार लोकसभा चुनाव से पहले देश में CAA कानून लागू करेगी. सरकार के इस बयान पर डॉ. गोहेन ने कहा कि सीएए कानून असम की अस्मिता को चोट पहुंचाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस कानून के खिलाफ आंदोलन फिर से शुरू हो गया है.
एंटी-सीएए समन्वय समिति के अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी पार्टी सत्ता के प्रति जुनूनी हो गई है. नागरिकता संशोधन कानून ने भाजपा का चरित्र उजागर कर दिया है. भाजपा ने असमिया लोगों की जाति, मिट्टी और आधार पर हमला शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि सीएए असम की विविधता को खत्म कर देगा.
वहीं इस रैली के दौरान, सीपीआई (एम) विधायक मनोरंजन तालुकदार ने कहा कि यह अधिनियम असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और असांप्रदायिक है. इसके खिलाफ आंदोलन फिर शुरू हो गया है. और यह आंदोलन जारी रहेगा. वहीं, राज्यसभा सांसद अजीत कुमार भुइयां ने कहा कि यह खतरनाक और विनाशकारी कानून है. आंदोलन की गति थम गई थी. यह राजनीतिक नेतृत्व की विफलता के कारण था. अब पूरे असम में इस आंदोलन को चुनाव अभियान के रूप में चलाने की जरूरत है.
असम तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए एक आंदोलन है. यह कानून भविष्य में असमवासियों को खतरे में डाल देगा. रायजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई ने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रतिरोध खड़ा करना होगा. यह अब जीवन और मृत्यु के संघर्ष में बदल गया है. गोगोई ने कहा कि हम सीएए विरोधी इस आंदोलन को गांव के बीच भी ले जाएंगे.