उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए लड्डू वेंडिंग एटीएम मशीन लगाई गई है. इसका शुभारंभ रविवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने किया. यह मशीन एटीएम की तरह ही काम करेगी. जहां भक्तों को क्यूआर कोड स्कैन करके भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद प्राप्त हो सकेगा.
लड्डू एटीएम मशीन का शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भगवान महाकाल के दर्शन और पूजन-अभिषेक किया. इसके बाद नंदी मंडपम् में ध्यान और पूजन किया और मंदिर में लगी वैदिक घड़ी का अवलोकन भी किया. उसके बाद महाकालेश्वर मंदिर में लगी लड्डू एटीएम मशीन का विधिवत शुभारंभ किया.
स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित
उज्जैन महाकाल मंदिर समिति की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को स्मृति चिन्ह, दुपट्टा और प्रसाद भेंट कर सम्मानित किया. कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री और सांसद वी.डी. शर्मा को भी स्मृति चिन्ह, दुपट्टा और प्रसाद प्रदान कर सम्मानित किया.
पेमेंट करते ही निकलेगा लड्डू
महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने जानकारी दी कि, ''यह मशीन दिल्ली के एक दानदाता ने लगवाई है. शुरुआत में सभी 8 प्रसाद काउंटर पर इन मशीनों को लगाया जाएगा. भक्तों द्वारा क्यूआर कोड स्कैन कर पेमेंट करने के उपरांत वेंडिंग एटीएम मशीन के प्रसाद कूप से लड्डू का पैकेट बाहर निकलेगा.''
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मंदिर बंद होने के बाद भी मिलेगा प्रसाद
लड्डू प्रसाद की बढ़ती मांग को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. खासकर महाशिवरात्रि, नागपंचमी, और श्रावण मास जैसे पर्व पर मंदिर में लड्डू प्रसाद की डिमांड बहुत बढ़ जाती है. इन दिनों में मंदिर में करीब 50 क्विंटल से भी अधिक लड्डू प्रसादी तैयार की जाती है. आम दिनों में भी मंदिर में रोजाना 30 से 40 क्विंटल लड्डू प्रसाद का वितरण होता है. मंदिर समिति के अनुसार, इन मशीनों के लगने से श्रद्धालुओं को तेजी से लड्डू प्राप्त हो सकेंगे. वहीं, मंदिर बंद होने के बाद भी भक्त प्रसाद ले सकेंगे.
सिंहस्थ 2028 के कार्य योजनाएं का किया अवलोकन
उज्जैन में आयोजित प्रेजेंटेशन के दौरान केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सिंहस्थ 2028 के लिए बनाई जा रही कार्य योजनाओं का भी अवलोकन किया. उन्होंने कहा कि "इस कार्ययोजना को जमीन पर उतारा गया तो उज्जैन अपनी पौराणिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए राजा विक्रमादित्य की अवंतिका का स्वरूप पुनः प्राप्त करेगा." वहीं, सीएम मोहन यादव ने क्षिप्रा नदी को प्रवाहमान और स्वच्छ बनाए रखने के लिए कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना सहित कई परियोजनाओं की घोषणा की.