अलवर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत अपने अलवर प्रवास के दौरान मंगलवार को कोटपूतली बहरोड के पावटा के बावड़ी स्थित बालनाथ आश्रम में चल रहे महामृत्युंजय महायज्ञ में शामिल हुए. इस दौरान भागवत ने देश में सुख-शांति, सुरक्षा व प्रगति के लिए यज्ञ मंडप में विधिवत पूजा-अर्चना की. मौके पर उनके साथ क्षेत्रीय संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल भी मौजूद रहे.
संघ के प्रांत प्रचारक महेंद्र सिंह मग्गो ने बताया कि इस मौके पर सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए यज्ञ परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. यज्ञ में बिना किसी भेदभाव व छुआछूत के सर्व हिंदू समाज भाग ले रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में देश पर आने वाले संकटों की ये ताकत नहीं है कि वो भारत को मिटा सके. भारत जमीन मात्र नहीं, भारत के साथ सनातन धर्म है और सनातन धर्म के साथ भारत है. हमारी संस्कृति यज्ञमय संस्कृति है.
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गरीब और पिछड़े लोगों की उन्नति जरूरी : मोहन भागवत ने बताया कि देश में वृक्षारोपण का बड़ा अभियान चल रहा है, क्योंकि वृक्षों ने हमको दिया है, वो नष्ट नहीं हो, इसलिए पेड़ लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज के गरीब और पिछड़े लोगों की उन्नति के प्रयास करने चाहिए. संघ के शताब्दी वर्ष में व्यक्ति निर्माण के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बहुत सारे विचार दुनिया में हैं और उनके अनुसार चलने वाले लोग भी इस दुनिया में हैं.
वरिष्ठ प्रचारकों के निवास पर पहुंचे संघ प्रमुख : अलवर प्रवास के अंतिम दिन सरसंघचालक मोहन भागवत, रमेश यादव और संघ के वरिष्ठ प्रचारक परमानंद के यहां पहुंचे और परिजनों से आत्मीय परिचय प्राप्त किया. सरसंघचालक ने संघ के वरिष्ठ प्रचारक परमानंद के निवास स्थान पर निर्माणाधीन मंदिर परिसर के बाहर बेलपत्र का पौधा लगाया. इसके बाद भागवत अलवर में आरएसएस कार्यालय पहुंचे और प्रांत स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल हुए. फिर शाम को ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हो गए.