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वक्फ संशोधन बिल पर JPC की पहली बैठक, विपक्षी सांसदों की कई प्रावधान पर आपत्ति - Waqf Board

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 22, 2024, 9:08 PM IST

Waqf Board JPC Meeting: वक्फ (संशोधन) बिल को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त संसदीय समिति की पहली बैठक गुरुवार को संसद में हुई. ज्यादातर विपक्षी सांसदों ने इस बिल का विरोध किया.

JPC की मीटिंग
JPC की मीटिंग (IANS)

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) बिल को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त संसदीय समिति की पहली बैठक गुरुवार को संसद में हुई. इस समिति के लिए नियुक्त किए गए लगभग सभी सांसद बैठक में पहुंचे और अपने अपने विचार दिए. ये बैठक पांच घंटे से ज्यादा चली. बैठक में विपक्षी सांसदों की तरफ से काफी तल्ख टिप्पणियां आईं और विपक्ष और सत्तापक्ष के सांसदों के बीच काफी गहमा गहमी भी रही.

सूत्रों की मानें तो ज्यादातर विपक्षी सांसदों ने इस बिल का विरोध किया. विपक्षी सांसदों का कहना था की इस बिल से धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के साथ साथ कानून का उल्लंघन भी है. सांसदों ने सबसे ज्यादा आपत्ति ट्रिब्यूनल में गैर मुस्लिम सदस्यों के शामिल करने को लेकर जताई.

बता दें सरकार ने प्रावधान किया है की इस ट्रिब्यूनल के तहत स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा, जिसपर मुस्लिम सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई. संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 30 अगस्त को होगी .

सभी संगठनों से कर सकते हैं चर्चा
जानकारी के मुताबिक 30 अगस्त को संसदीय समिति के समक्ष कुछ वक्फ बोर्ड के सदस्य भी बुलाए जा सकते हैं और उनकी सलाह भी ली जा सकती है. समिति में यह भी तय किया गया की इस मुद्दे पर इससे जुड़े सभी संगठनों से बात की जाए. खासतौर पर वे मुस्लिम संगठन जो इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं.

इतना ही नहीं इसके लिए सुन्नी,शिया के अलावा अन्य मुस्लिम संप्रदायों से भी चर्चा करने पर विचार किया जा रहा है. समिति के सदस्य खासतौर पर मुस्लिम बहुल शहरों में जाकर भी वक्फ बोर्ड के सदस्यों से मिल सकते हैं.

बैठक में सरकार की तरफ से दिए गए प्रेजेंटेशन पर विपक्षी सांसदों ने असंतुष्ठता भी जताई और अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधिकारी को अगली मीटिंग में सभी बातों से अवगत रहने की भी सलाह दी गई.

एनडीए के सहयोगी दल ने अपनाया बीच का रास्ता
वहीं, एनडीए के सहयोगी दल एलजेपी और टीडीपी ने बीच इस पर ज्यादा टिप्पणी ना करते हुए बीच का रास्ता अपनाया, जबकि जगन मोहन रेड्डी की ysrcp ने बिल के कई क्लॉज को लेकर विरोध किया.AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी कई मुद्दों पर सवाल उठाया .

जेपीसी में कौन-कौन शामिल
बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक2024 पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए बनी जेपीसी में लोकसभा के 21 सांसद और राज्यसभा के 10 सांसदों को शामिल किया गया है. इनमें सदस्यों में राज्यसभा से बृजलाल, मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधामोहन अग्रवाल, डॉ. सयैद नसीर हुसैन, मोहम्मद नदीमउल हक, पी विजयसाई रेड्डी, मोहमद अब्दुल्ला, संजय सिंह व धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े शामिल हैं.

इस कमेटी में लोकसभा से जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिब्बुल्लाह, कल्याण बनर्जी, ए राजा, लावु श्री कृष्ण देवरायलु, दिलेश्वर कामत, अरविंद सांवत, एम सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपत म्हस्के, अरुण भारती और असदुद्दीन ओवैसी को भी शामिल किया गया है.

यह भी पढ़ें- उदयपुर में रीजनल रूरल बैंक की बैठक में शामिल हुई केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, कल करेंगी श्रीनाथजी के दर्शन

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) बिल को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त संसदीय समिति की पहली बैठक गुरुवार को संसद में हुई. इस समिति के लिए नियुक्त किए गए लगभग सभी सांसद बैठक में पहुंचे और अपने अपने विचार दिए. ये बैठक पांच घंटे से ज्यादा चली. बैठक में विपक्षी सांसदों की तरफ से काफी तल्ख टिप्पणियां आईं और विपक्ष और सत्तापक्ष के सांसदों के बीच काफी गहमा गहमी भी रही.

सूत्रों की मानें तो ज्यादातर विपक्षी सांसदों ने इस बिल का विरोध किया. विपक्षी सांसदों का कहना था की इस बिल से धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के साथ साथ कानून का उल्लंघन भी है. सांसदों ने सबसे ज्यादा आपत्ति ट्रिब्यूनल में गैर मुस्लिम सदस्यों के शामिल करने को लेकर जताई.

बता दें सरकार ने प्रावधान किया है की इस ट्रिब्यूनल के तहत स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा, जिसपर मुस्लिम सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई. संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 30 अगस्त को होगी .

सभी संगठनों से कर सकते हैं चर्चा
जानकारी के मुताबिक 30 अगस्त को संसदीय समिति के समक्ष कुछ वक्फ बोर्ड के सदस्य भी बुलाए जा सकते हैं और उनकी सलाह भी ली जा सकती है. समिति में यह भी तय किया गया की इस मुद्दे पर इससे जुड़े सभी संगठनों से बात की जाए. खासतौर पर वे मुस्लिम संगठन जो इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं.

इतना ही नहीं इसके लिए सुन्नी,शिया के अलावा अन्य मुस्लिम संप्रदायों से भी चर्चा करने पर विचार किया जा रहा है. समिति के सदस्य खासतौर पर मुस्लिम बहुल शहरों में जाकर भी वक्फ बोर्ड के सदस्यों से मिल सकते हैं.

बैठक में सरकार की तरफ से दिए गए प्रेजेंटेशन पर विपक्षी सांसदों ने असंतुष्ठता भी जताई और अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधिकारी को अगली मीटिंग में सभी बातों से अवगत रहने की भी सलाह दी गई.

एनडीए के सहयोगी दल ने अपनाया बीच का रास्ता
वहीं, एनडीए के सहयोगी दल एलजेपी और टीडीपी ने बीच इस पर ज्यादा टिप्पणी ना करते हुए बीच का रास्ता अपनाया, जबकि जगन मोहन रेड्डी की ysrcp ने बिल के कई क्लॉज को लेकर विरोध किया.AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी कई मुद्दों पर सवाल उठाया .

जेपीसी में कौन-कौन शामिल
बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक2024 पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए बनी जेपीसी में लोकसभा के 21 सांसद और राज्यसभा के 10 सांसदों को शामिल किया गया है. इनमें सदस्यों में राज्यसभा से बृजलाल, मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधामोहन अग्रवाल, डॉ. सयैद नसीर हुसैन, मोहम्मद नदीमउल हक, पी विजयसाई रेड्डी, मोहमद अब्दुल्ला, संजय सिंह व धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े शामिल हैं.

इस कमेटी में लोकसभा से जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिब्बुल्लाह, कल्याण बनर्जी, ए राजा, लावु श्री कृष्ण देवरायलु, दिलेश्वर कामत, अरविंद सांवत, एम सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपत म्हस्के, अरुण भारती और असदुद्दीन ओवैसी को भी शामिल किया गया है.

यह भी पढ़ें- उदयपुर में रीजनल रूरल बैंक की बैठक में शामिल हुई केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, कल करेंगी श्रीनाथजी के दर्शन

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