शहडोल। इंसानों के लिए तो एंबुलेंस की सुविधा अमूमन हर जगह मिल जाती है, लेकिन जानवरों के लिए एंबुलेंस का पहुंचना, साथ में एक डॉक्टर का भी आना और पशुओं का वहीं पर उपचार करना इसे आपने अभी कम ही सुना होगा. लेकिन अब ये मध्य प्रदेश में हो रहा है. जहां एक नंबर पर आपको कॉल करना होगा और उसके बाद एंबुलेंस के साथ डॉक्टर आपके मवेशियों का इलाज करने आपके घर पहुंचेगा.
अब जानवरों के लिए डॉक्टर ऑन कॉल
अगर कोई व्यक्ति बीमार होता है या फिर एक्सीडेंट होता है तो लोग एंबुलेंस के जरिए सहायता लेते हैं. ठीक इसी तरह अब मध्य प्रदेश में जानवरों के लिए भी डॉक्टर ऑन कॉल पर रहेंगे. एक फोन लगाते ही डॉक्टर एंबुलेंस में बैठकर आपके घर पहुंचेगा और आपके मवेशियों का इलाज करेगा और इस सुविधा को सही तरीके से संचालित करने के लिए शासन ने एक नॉमिनल फीस भी तय कर रखी है. वो फीस मवेशी के इलाज के बाद आपको देनी होगी. मतलब साफ है कि अब अगर आपके मवेशी बीमार होते हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है और ना ही उन्हें कहीं ले जाने की जरूरत है. आप शासन के दिए गए टोल फ्री नंबर पर फोन करिए. उस नंबर पर कॉल करते ही कुछ समय में आपके घर में इलाज करने के लिए डॉक्टर एंबुलेंस के साथ पहुंच जाएगा.
इस टोल फ्री नंबर पर करना होगा कॉल
शहडोल जिले के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक डॉ उमेश कुमार मिश्रा बताते हैं कि शासन की ये एक बहुत अच्छी योजना है. जिसके माध्यम से अब लोगों को परेशान नहीं होना होगा. अब तक लोगों को ये दिक्कत आती थी कि मवेशी इतने बड़े होते हैं कि उन्हें वह अस्पताल तक लेकर कैसे जाएं, लेकिन अब उन्हें अस्पताल आने की जरूरत नहीं है. अगर किसी मवेशी को डॉक्टर के इलाज की जरूरत है तो पशुपालक को 1962 नंबर पर कॉल करना होगा. इस नंबर पर सूचना देते ही डॉक्टर एंबुलेंस के साथ आपके घर पहुंच जाएगा.
कब से कब तक मिलेगी सुविधा
डॉक्टर मिश्रा बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति का पशु बीमार होता है तो पशुपालक सुबह 7:00 बजे से शाम को 5:00 बजे तक 1962 टोल-फ्री नंबर पर सूचना दे सकता है, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर संबंधित विकासखंड के चल पशु चिकित्सा इकाई (मोबाइल वेटनरी यूनिट) के पशु चिकित्सक के पास आ जाता है. इसके बाद वह डॉक्टर पशुपालक के घर में पहुंचकर इलाज करेगा. इस सुविधा के लिए शासन ने एक निर्धारित शुल्क भी तय कर रखी है. जिसमें बड़े पशु जैसे गाय, भैंस, घोड़ा इसके लिए प्रत्येक पशु पर 150 रुपए फीस लगेगी. जिसकी रसीद भी पशु चिकित्सक देगा.
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शहडोल जिले में कितनी एंबुलेंस
जिस तरह से मवेशियों जानवरों के लिए यह एंबुलेंस सुविधा प्रदान गई है उसमें जिले वाइज कितने एंबुलेंस प्रदान किए गए हैं. इसको लेकर डॉक्टर उमेश कुमार मिश्रा बताते हैं कि शहडोल जिले में टोटल 7 चलित पशु चिकित्सा वाहन (MVU) उपलब्ध कराए गए हैं. जिसमें एक पशु चिकित्सक और एक पैरावेट होता है. इस योजना में 60% केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार का सहयोग होता है. गौरतलब है की पशुपालकों के लिए अब तक बड़े जानवरों को पशु चिकित्सालय तक ले जाने में बड़ी समस्या होती थी. इस समस्या से खासकर ग्रामीण अंचल में लोग बहुत परेशान होते थे. यहां तक की लोग इस चक्कर में इलाज भी नहीं कराते थे. जिससे उनके जानवरों की बीमारियों से ही मौत हो जाती है. ऐसे में मध्य प्रदेश के पशुपालकों के लिए यह बहुत अच्छी योजना है और इससे पशुपालकों को खासा लाभ भी होगा.