उदयपुर. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी राजस्थान में 'मिशन 25' को लेकर लगातार चुनाव प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं. शुक्रवार को सीपी जोशी अपने संसदीय क्षेत्र चित्तौड़ के बदेला गांव पहुंचे, जहां भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान बड़गांव पंचायत समिति के उप प्रधान प्रताप सिंह राठौड़ के नेतृत्व में फल से तौलकर उनका स्वागत किया गया. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान की जनता तीसरी बार भाजपा को 25 सीटें जिताएगी.
सीपी जोशी का बड़ा बयान : सीपी जोशी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान साफ दिखाई दे रहा है कि लोगों में विश्वास है. 'फिर एक बार मोदी सरकार' को लेकर जनता तैयार है. जोशी ने कहा कि इसके पीछे लोग एक बड़ा अंतर देख रहे हैं, क्योंकि पिछली यूपीए सरकार और मोदी सरकार आने के बाद क्या परिवर्तन हुआ है ? उन्होंने कहा कि एक यूपीए सरकार थी, जिसने राम मंदिर का काम अटकाने का काम किया, जबकि मोदी सरकार ने भव्य राम मंदिर का निर्माण करवाया.
जोशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक सरकार ने अनुच्छेद 370 लगाने का काम किया, जबकि दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने उसे हटाने का काम किया. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में सिर्फ नारे और वादे दिखाई देते थे, लेकिन जनता और गरीबों के काम मोदी सरकार में पूरे हो रहे हैं. जोशी ने कहा कि यूपीए सरकार के मुकाबले में मोदी सरकार ने ज्यादा काम किया है. पिछले 10 सालों का राज 50 सालों की तुलना में काफी अच्छा है. इसके कारण ही 'अबकी बार 400 पर' का नारा पूरा किया जाएगा.
गहलोत पर गरजे सीपी जोशी : सीपी जोशी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एजेंसी से कैसा डरना. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने चोरी की है, उन्हें डर लगना चाहिए. उन्होंने कहा कि गहलोत साहब ने ही एजेंसियों का दुरुपयोग किया, जिन्होंने अपने ही विधायकों-मंत्रियों की फोन टैपिंग कराई. ऐसा क्या डर था, जिसके कारण फोन टैपिंग करनी पड़ी.
सीपी जोशी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री को अपने विधायक और लोगों पर विश्वास नहीं है तो राजस्थान और देश की जनता कांग्रेस पार्टी पर कैसे भरोसा कर सकती है. सीपी जोशी ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में साफ दिखाई दे रहा है कि कांग्रेस जबरदस्ती नेताओं को टिकट दे रही है. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यही है कि कांग्रेस से जनता का विश्वास उठ चुका है. इसके पीछे एक कमजोर नेतृत्व होना है, जबकि दूसरी तरफ बीजेपी का मजबूत नेतृत्व. इस कारण बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं.