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सत्ता के महासंग्राम में बीजेपी की गारंटी बनाम कांग्रेस का भरोसा रहा चर्चा का केंद्र बिंदु - Lok Sabha Election Results 2024

नतीजे आने के बाद लोकसभा चुनाव का मंगलवार को समापन हो गया. सत्ता के महासंग्राम में भारतीय जनता पार्टी की गारंटी और कांग्रेस के भरोसे वाली सियासत चर्चाओं में रही.

Lok Sabha Election Results 2024
बीजेपी की गारंटी बनाम कांग्रेस का भरोसा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 4, 2024, 10:35 PM IST

रायपुर: 2024 के सत्ता के महासंग्राम में छत्तीसगढ़ की राजनीति भाजपा की गारंटी और कांग्रेस के भरोसे वाली सियासत के बीच खूब चर्चाओं में रही. बीजेपी अपनी बातों को पूरा करने के लिए जनता को गारंटी देती रही. वहीं कांग्रेस भरोसे वाली राजनीति को छत्तीसगढ़ में मूल आधार के रूप में सामने रखती रही. यह अलग बात है की गारंटी वाली सियासत भरोसे वाली राजनीति पर भारी पड़ी है. यही वजह है कि 2019 में कांग्रेस ने जितनी सीट छत्तीसगढ़ में जीती थी उस संख्या को भी नहीं बचा पाई.

राष्ट्रीय स्तर पर किया बेहतर प्रदर्शन, प्रदेश में पिछड़ी: लोकसभा चुनाव में जिस परिणाम की तरफ कांग्रेस गई है, निश्चित तौर पर 2019 की तुलना में कांग्रेस के प्रदर्शन को बेहतर कहा जा सकता है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को जरुर निराशा हाथ लगी है. पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को दो सीटें मिली थी. इस बार पार्टी को सिर्फ एक सीट पर विजय मिली. कोरबा सीट से ज्योत्सना महंत ने जीत दर्ज कर पार्टी की लाज बचाई. बस्तर सीट पर पिछली बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी वो इस बार हाथ से निकल गई. कवासी लखमा को बस्तर सीट से हार का सामना करना पड़ा.

बस्तर से हुआ था जंग का आजाद: राहुल गांधी ने 2024 के लिए छत्तीसगढ़ में जब चुनावी प्रचार का आगाज किया था तो बस्तर को उन्होंने सबसे पहले चुना था. बस्तर सीट पर उन्होंने चुनाव प्रचार कियाा. बस्तर से ही छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार का उन्होंने आगाज भी किया. इसके बाद भी बस्तर की सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई. जिसमें गारंटी बनाम भरोसे वाली राजनीति कारगर रही. बस्तर नक्सल प्रभावित इलाका है तो ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने 2 साल में नक्सलियों के सफाए की गारंटी दी. इस पर वहां की जनता ने भरोसा किया मोदी हैं तो मुमकिन है वाली राजनीति की गारंटी जनता को मिली. भाजपा जीती और वहां की जनता ने उसपर भरोसा किया. दो इंजन की सरकार विकास करेगी भाजपा ने इसकी भी गारंटी दी और वहां की जनता ने उसपर भी भरोसा किया.

भरोसा कायम करने में भूपेश रहे फेल: छत्तीसगढ़ के चेहरे के रूप में भूपेश हैं तो भरोसा है इसे कायम करने में कांग्रेस फेल साबित हुई. वजह कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी हो सकती है. भाजपा की जीत में भाजपा का मजबूत संगठन होना भी माना जा सकता है. लेकिन 2019 में मोदी के प्रचंड काम के आधार के बाद भी बस्तर सीट बीजेपी नहीं जीत पाई थी. लेकिन 2024 में बीजेपी ने इस सीट को अपने कब्जे में कर लिया. इससे एक बात तो साफ है की गारंटी और भरोसे वाली राजनीति में यहां गारंटी जीती है. भरोसे वाली राजनीति को जनता का भरोसा नहीं मिल पाया.

कांग्रेस ने दिया कमाई का भरोसा, मोदी ने दी दवाई की गारंटी: 2024 के लोकसभा चुनाव की जब चुनावी रैलियां चल रही थी तो जनता के बीच नेता बातों को रख रहे थे. देश में सबसे बड़ी परेशानी बेरोजगारी की है. नौकरी कहां से मिलेगी और किस तरह से मिलेगी. मन से चर्चा तो खूब हुई लेकिन इसका भरोसा कांग्रेस लोगों के बीच नहीं दे पाई. हालांकि मोदी ने 75 साल से ऊपर के लोगों का मुफ्त में इलाज मुहैया कराने की गारंटी दी. जिसपर जनता को भरोसा हुआ. बीजेपी की जीत में ये एक मजबूत वजह हो सकती है. ये अलग बात है कि कमाई की गारंटी देने में बीजेपी कमजोर साबित हुई.

जनता ने किया बीजेपी पर भरोसा: 2024 के सत्ता के महासंग्राम में जनता ने भाजपा की गारंटी पर भरोसा करते हुए अपना मत फैसले के रुप में दे दिया है. कांग्रेस ने जिस भरोसे की बात की थी उसपर फिलहाल जनता ने अपना विश्वास नहीं दिया है. अब देखना है की गारंटी वाली राजनीति विकास को कौन सा आधार आने वाले वक्त में देती है.

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राष्ट्रीय स्तर पर किया बेहतर प्रदर्शन, प्रदेश में पिछड़ी: लोकसभा चुनाव में जिस परिणाम की तरफ कांग्रेस गई है, निश्चित तौर पर 2019 की तुलना में कांग्रेस के प्रदर्शन को बेहतर कहा जा सकता है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को जरुर निराशा हाथ लगी है. पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को दो सीटें मिली थी. इस बार पार्टी को सिर्फ एक सीट पर विजय मिली. कोरबा सीट से ज्योत्सना महंत ने जीत दर्ज कर पार्टी की लाज बचाई. बस्तर सीट पर पिछली बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी वो इस बार हाथ से निकल गई. कवासी लखमा को बस्तर सीट से हार का सामना करना पड़ा.

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भरोसा कायम करने में भूपेश रहे फेल: छत्तीसगढ़ के चेहरे के रूप में भूपेश हैं तो भरोसा है इसे कायम करने में कांग्रेस फेल साबित हुई. वजह कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी हो सकती है. भाजपा की जीत में भाजपा का मजबूत संगठन होना भी माना जा सकता है. लेकिन 2019 में मोदी के प्रचंड काम के आधार के बाद भी बस्तर सीट बीजेपी नहीं जीत पाई थी. लेकिन 2024 में बीजेपी ने इस सीट को अपने कब्जे में कर लिया. इससे एक बात तो साफ है की गारंटी और भरोसे वाली राजनीति में यहां गारंटी जीती है. भरोसे वाली राजनीति को जनता का भरोसा नहीं मिल पाया.

कांग्रेस ने दिया कमाई का भरोसा, मोदी ने दी दवाई की गारंटी: 2024 के लोकसभा चुनाव की जब चुनावी रैलियां चल रही थी तो जनता के बीच नेता बातों को रख रहे थे. देश में सबसे बड़ी परेशानी बेरोजगारी की है. नौकरी कहां से मिलेगी और किस तरह से मिलेगी. मन से चर्चा तो खूब हुई लेकिन इसका भरोसा कांग्रेस लोगों के बीच नहीं दे पाई. हालांकि मोदी ने 75 साल से ऊपर के लोगों का मुफ्त में इलाज मुहैया कराने की गारंटी दी. जिसपर जनता को भरोसा हुआ. बीजेपी की जीत में ये एक मजबूत वजह हो सकती है. ये अलग बात है कि कमाई की गारंटी देने में बीजेपी कमजोर साबित हुई.

जनता ने किया बीजेपी पर भरोसा: 2024 के सत्ता के महासंग्राम में जनता ने भाजपा की गारंटी पर भरोसा करते हुए अपना मत फैसले के रुप में दे दिया है. कांग्रेस ने जिस भरोसे की बात की थी उसपर फिलहाल जनता ने अपना विश्वास नहीं दिया है. अब देखना है की गारंटी वाली राजनीति विकास को कौन सा आधार आने वाले वक्त में देती है.

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