कोटा. राजस्थान के कोटा में कोचिंग छात्रों के तनाव को लेकर जिला प्रशासन चिंतित हैं और संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर व अन्य प्रशासनिक अधिकारी लगातार कोचिंग संस्थानों में जाकर स्टूडेंट से संवाद कर रहे हैं. उन्होंने मोटिवेट कर रहे हैं. जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी भी लगातार छात्रों से बातचीत कर रहे हैं. ऐसे में शुक्रवार को भी डॉ. गोस्वामी जवाहर नगर स्थित समुन्नत कैम्पस के समरस ऑडिटोरियम में पहुंचे और विद्यार्थियों को मोटिवेट किया.
इस दौरान एक छात्रा उनसे मिलने पहुंची और बताया कि वह मधुबनी बिहार से है और पापा सरकारी स्कूल में प्रिंसीपल हैं, लेकिन मेरे रिजल्ट को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं. उनकी एक ही किडनी है. ऐसे में शरीर को नुकसान होता है. यह सुनकर डॉ. गोस्वामी ने छात्रा के पिता से बातचीत की और उन्हें मोटिवेट किया. साथ ही बालिका को भी सकारात्मक रहते हुए परीक्षा देने की बात कही. जिला कलेक्टर इन दिनों नीट-यूजी के स्टूडेंट्स के मोटिवेशनल सेशन्स ले रहे हैं और उन्हें परीक्षा से पहले मोटिवेट करते हुए सकारात्मक रहते हुए परीक्षा देने के लिए कह रहे हैं.
सोशल मीडिया को बताया दुश्मन : कोचिंग संस्थानों में मोटिवेशनल सेशन लेते हुए डॉ. गोस्वामी स्टूडेंट से कह रहे हैं कि सोशल मीडिया पर मैं नहीं हूं, यह आभासी दुनिया है. यह उपयोगी है, लेकिन स्टूडेंट्स की उम्र में लक्ष्य कुछ और होना चाहिए. ऐसे में यह स्टूडेंट की दुश्मन है. उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि जब आप कामयाब हो जाएंगे, तब आपके फॉलोअर्स अपने आप बन जाएंगे. सोशल मीडिया पर कई घंटे खराब हो जाते हैं.
खुद से ही कंपटीशन करें : डॉ. गोस्वामी ने यह भी कहा था कि मैं पीएमटी, प्रीपीजी, आर्मी कैप्टन और यूपीएससी के सभी एग्जाम में पहली बार फेल हुआ हूं. जब यूपीएससी में मनपसंद पद नहीं मिला तो मैंने दोबारा परीक्षा दी और सफल हुआ. मेरा मन था कि मैं किसी आईएएस अधिकारी से हाथ मिलाऊं और जब मैं खुद आईएएस बन गया तो मैं कमरे में जाकर अपने से ही हाथ मिलाया. उन्होंने स्टूडेंट्स को सलाह दी कि वह कंपटीशन खुद से करें, दूसरों से मुकाबला नहीं रखें. स्टूडेंट से कहा कि आपको ताना मारने वाले या प्रशंसा करने वालों से परेशान नहीं हों, साथ ही अपने शौक को मारने की जगह जिंदा रखने की सलाह दी.