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लोकतंत्र में शुभ संकेत: डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर छोड़िए पूर्व IAS-IPS भी 7वें चरण में ठोंक रहे हैं ताल, देखिए लिस्ट - LOK SABHA ELECTION 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

7TH PHASE ELECTION: अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि सियासत के क्षेत्र में पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा जातिबल, धनबल और बाहुबल का बोलबाला है. ये बातें हद तक सच भी हैं,लेकिन 1 जून को होनेवाले 7वें चरण के चुनाव में पढ़े-लिखे प्रत्याशियों की भरमार है. इनमें कोई डॉक्टर है तो कई आईएएस और आईपीएस भी रह चुके हैं, पढ़िये पूरी खबर,

सातवें चरण में पढ़े लिखे प्रत्याशियों की भरमार
सातवें चरण में पढ़े लिखे प्रत्याशियों की भरमार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 29, 2024, 8:41 PM IST

सातवें चरण में पढ़े लिखे प्रत्याशियों की भरमार (ETV BHARAT)

पटनाः 2024 के लोकसभा चुनाव के 6 चरणों की वोटिंग संपन्न हो चुकी है और अब 1 जून को 7वें चरण की वोटिंग होनी है. इस चरण की खासियत ये है कि जिन 8 सीटों पर वोटिंग होनी है उन सीटों पर स्कॉलर प्रत्याशियों की भरमार है. सभी सियासी दलों ने इस चरण में डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर को कैंडिडेट बनाया है तो कई पूर्व नौकरशाह भी सियासी रण में ताल ठोक रहे हैं.

48 प्रत्याशियों में 55 फीसदी के पास कम से कम स्नातक की डिग्रीः सातवें चरण के चुनाव में कुल 48 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें 55 फीसदी प्रत्याशियों की योग्यता स्नातक या उससे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं. पांच प्रत्याशी तो डॉक्टरेट हैं तो ग्रैजुएट प्रोफेशनल की संख्या 10 है. वहीं पोस्ट ग्रैजुएट उम्मीदवारों की संख्या 26 है.

कोई डॉक्टर है तो कोई है इंजीनियरः पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही लालू प्रसाद की बड़ी बेटी और आरजेडी कैंडिडेट मीसा भारती एमबीबीएस डॉक्टर हैं. तो काराकाट से सीपीआईएमएल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राजा राम सिंह के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है.

कई पूर्व नौकरशाह भी आजमा रहे हैं किस्मतः आरा लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री आर के सिंह बीजेपी के टिकट पर लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 और 2019 में आरा से जीत दर्ज करनेवाले आर के सिंह केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं. इसके अलावा बक्सर लोकसभा सीट से आईपीएस रहे आनंद मिश्रा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं.

सातवें चरण में पढ़े लिखे प्रत्याशियों की भरमार
सातवें चरण में पढ़े लिखे प्रत्याशियों की भरमार (ETV BHARAT)

रामलला का केस लड़ चुके हैं रविशंकर प्रसादः पटना साहिब से लगातार दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे रविशंकर प्रसाद बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं. रविशंकर प्रसाद सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वकील हैं. रविशंकर प्रसाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में राम लला का केस भी लड़ चुके हैं.

कई प्रोफेसर भी हैं मैदान में: काराकाट लोकसभा सीट पर बेहद ही दिलचस्प मुकाबले के एक अहम किरदार हैं उपेंद्र कुशवाहा. NDA समर्थित प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे कुशवाहा कॉलेज में प्रोफेसर हैं. 2014 में काराकाट से ही सांसद चुने गये उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं जहानाबाद से आरजेडी कैंडिडेट सुरेंद्र प्रसाद यादव भी लेक्चरर हैं. सुरेंद्र यादव सांसद भी रह चुके हैं और बिहार सरकार में कई बार मंत्री भी रह चुके हैं.

संदीप और अंशुल के पास पीएचडी की डिग्रीः पटना साहिब लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार के बेटे अंशुल अविजित ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा हासिल की है. अंशुल के पास एमफिल और पीएचडी की डिग्री है. वहीं नालंदा लोकसभा सीट से सीपीआईएम के कैंडिडेट और पालीगंज के विधायक संदीप सौरव ने हिंदी विषय में जेएनयू से एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की है.

"ये बहुत ही स्वागत योग्य कदम है. राजनीतिक दलों ने 7वें चरण में पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को उतारा है. 55 प्रतिशत स्नातक से ऊपर हैं, डॉक्टरेट हैं, इंजीनियर हैं, स्नातक प्रोफेशनल हैं.संसदीय लोकतंत्र में पढ़े-लिखे लोगों का होना आवश्यक है. बहुत लोगों की ये मांग भी रहती है कि हमारे जन प्रतिनिधि पढ़े-लिखे होने चाहिए ताकि रोज-रोज आ रही नयी चीजों को अंगीकार कर सकें और उसका लाभ आम लोगों तक पहुंचा सकें." राजीव कुमार, चुनाव सुधार मामलों के विशेषज्ञ

ये भी पढ़ें:आखिरी रण में पलट गई पूरी बाजी! बिहार की 8 सीटों पर दिलचस्प हुई लड़ाई, जानें कौन किस पर भारी - bihar seventh phase

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सातवें चरण में पढ़े लिखे प्रत्याशियों की भरमार (ETV BHARAT)

पटनाः 2024 के लोकसभा चुनाव के 6 चरणों की वोटिंग संपन्न हो चुकी है और अब 1 जून को 7वें चरण की वोटिंग होनी है. इस चरण की खासियत ये है कि जिन 8 सीटों पर वोटिंग होनी है उन सीटों पर स्कॉलर प्रत्याशियों की भरमार है. सभी सियासी दलों ने इस चरण में डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर को कैंडिडेट बनाया है तो कई पूर्व नौकरशाह भी सियासी रण में ताल ठोक रहे हैं.

48 प्रत्याशियों में 55 फीसदी के पास कम से कम स्नातक की डिग्रीः सातवें चरण के चुनाव में कुल 48 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें 55 फीसदी प्रत्याशियों की योग्यता स्नातक या उससे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं. पांच प्रत्याशी तो डॉक्टरेट हैं तो ग्रैजुएट प्रोफेशनल की संख्या 10 है. वहीं पोस्ट ग्रैजुएट उम्मीदवारों की संख्या 26 है.

कोई डॉक्टर है तो कोई है इंजीनियरः पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही लालू प्रसाद की बड़ी बेटी और आरजेडी कैंडिडेट मीसा भारती एमबीबीएस डॉक्टर हैं. तो काराकाट से सीपीआईएमएल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राजा राम सिंह के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है.

कई पूर्व नौकरशाह भी आजमा रहे हैं किस्मतः आरा लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री आर के सिंह बीजेपी के टिकट पर लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 और 2019 में आरा से जीत दर्ज करनेवाले आर के सिंह केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं. इसके अलावा बक्सर लोकसभा सीट से आईपीएस रहे आनंद मिश्रा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं.

सातवें चरण में पढ़े लिखे प्रत्याशियों की भरमार
सातवें चरण में पढ़े लिखे प्रत्याशियों की भरमार (ETV BHARAT)

रामलला का केस लड़ चुके हैं रविशंकर प्रसादः पटना साहिब से लगातार दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे रविशंकर प्रसाद बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं. रविशंकर प्रसाद सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वकील हैं. रविशंकर प्रसाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में राम लला का केस भी लड़ चुके हैं.

कई प्रोफेसर भी हैं मैदान में: काराकाट लोकसभा सीट पर बेहद ही दिलचस्प मुकाबले के एक अहम किरदार हैं उपेंद्र कुशवाहा. NDA समर्थित प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे कुशवाहा कॉलेज में प्रोफेसर हैं. 2014 में काराकाट से ही सांसद चुने गये उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं जहानाबाद से आरजेडी कैंडिडेट सुरेंद्र प्रसाद यादव भी लेक्चरर हैं. सुरेंद्र यादव सांसद भी रह चुके हैं और बिहार सरकार में कई बार मंत्री भी रह चुके हैं.

संदीप और अंशुल के पास पीएचडी की डिग्रीः पटना साहिब लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार के बेटे अंशुल अविजित ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा हासिल की है. अंशुल के पास एमफिल और पीएचडी की डिग्री है. वहीं नालंदा लोकसभा सीट से सीपीआईएम के कैंडिडेट और पालीगंज के विधायक संदीप सौरव ने हिंदी विषय में जेएनयू से एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की है.

"ये बहुत ही स्वागत योग्य कदम है. राजनीतिक दलों ने 7वें चरण में पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को उतारा है. 55 प्रतिशत स्नातक से ऊपर हैं, डॉक्टरेट हैं, इंजीनियर हैं, स्नातक प्रोफेशनल हैं.संसदीय लोकतंत्र में पढ़े-लिखे लोगों का होना आवश्यक है. बहुत लोगों की ये मांग भी रहती है कि हमारे जन प्रतिनिधि पढ़े-लिखे होने चाहिए ताकि रोज-रोज आ रही नयी चीजों को अंगीकार कर सकें और उसका लाभ आम लोगों तक पहुंचा सकें." राजीव कुमार, चुनाव सुधार मामलों के विशेषज्ञ

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