कवर्धा: कबीरधाम सड़क हादसे में एक परिवार ने अपने दस सदस्यों को खो दिया है. इस दुर्घटना में जीवित बचा परिवार का यह सदस्य जब भी हादसे की कहानी याद करता है तो वह सिहर जाता है. 57 साल के इस शख्स ने समय रहते पिकअप वाहन से छलांग लगा दी जिसकी वजह से वह बच पाया. हादसे की कहानी बताते बताते जोधीराम धुर्वे की आंखें नम हो जाती है. वह कहते हैं कि जीवन में कभी भी वे इस हादसे को नहीं भुला पाएंगे.
तेंदुपत्ता को तोड़कर लौट रहे थे तभी हुआ हादसा: जोधीराम धुर्वे ने बताया कि सोमवार को हम सभी 25 से ज्यादा लोग तेंदुपत्ता तोड़कर मालवाहक मिनी वैन से लौट रहे थे. तभी कुकदुर के पास बंजारी घाट पर हमारी ये गाड़ी घाटी में गिर गई. इस हादसे में 15 लोगों की मौके पर मौत हो गई जबकि चार लोगों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. मरने वालों में 18 महिलाएं और एक पुरुष थे. इस हादसे में तीन लोग घायल हैं. मृतकों में 17 सेमरहा गांव के निवासी हैं जबकि दो अन्य लोग आस पास के गांव के रहने वाले हैं.
"मैं इस हादसे को कभी नहीं भूल पाउंगा क्योंकि मैंने अपने परिवार के 10 सदस्यों को खो दिया है. हम पिछले तीन दिनों से एक ही वाहन का उपयोग कर रहे थे, लेकिन किसी को नहीं पता था कि सोमवार को हश्र कुछ और होगा. अन्य दिनों की तरह, लगभग 36 लोग सोमवार को सुबह लगभग 4 बजे सेमरहा से मिनी माल वाहन में लगभग 25 किमी दूर बहपानी क्षेत्र में तेंदू पत्ता तोड़ने के लिए निकले। काम पूरा करने के बाद, वे लगभग 12.30 बजे माल वाहन के पास एकत्र हुए. दोपहर का भोजन किया और फिर लगभग 1.20 बजे सेमरहा के लिए रवाना हो गए. मालवाहक वाहन के पीछे मालवाहक बिस्तर पर तेंदू पत्तों के बंडल रखे हुए थे और बंडलों के ऊपर महिलाएं बैठी थीं. मैं उसके केबिन में ड्राइवर के बगल में बैठा था. जब वाहन बंजारी घाट में उतर रहा था, तो ड्राइवर धुर्वे ने कहा कि वह गाड़ी को रोक नहीं सकता है सभी लोग गाड़ी से कूद जाएं. मैं भी चिल्लाया और लोगों को कूदने के लिए कहा. उसके बाद मैंने गाड़ी से छलांग लगा दी. बाकी लोग ऐसा नहीं कर पाए और मौत का शिकार हो गए": जोधीराम धुर्वे, हादसे में जीवित बचा शख्स
15 लोगों की मौके पर हुई मौत: जोधीराम धुर्वे ने कहा इस हादसे में 15 लोगों की मौके पर मौत हो गई. बचे लोगों को हमने बचाने का प्रयास किया. उनको मदद पहुंचाई गई. करीब दुर्घटना के 45 मिनट बाद एंबुलेंस वहां पहुंची. जिसके बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. मेरी पत्नी को जब कवर्धा के जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था तब उसने दम तोड़ दिया. इस हादसे में मेरे सभी परिवार के कुल 10 सदस्यों की मौत हुई है.
मृतकों का किया गया अंतिम संस्कार: मंगलवार को हादसे के मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि"यह बहुत दर्दनाक क्षण है.हादसे में मरने वालों में ज्यादातर माताएं शामिल हैं. मुझे ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि पीड़ितों के परिजनों को शक्ति प्रदान करें"
कवर्धा हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस दुर्घटना के बाद से लगातार राजनेताओं के शोक संदेश आ रहे हैं. सड़क हादसों का ग्राफ छत्तीसगढ़ में कभी भी कम नहीं रहा है. ऐसे में नई साय सरकार से उम्मीद है कि वे इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम जरूर उठाएंगे.