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'मैं लापता नहीं हूं', विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक की सफाई, जानें पूरा मामला - karnataka Tribal Corporation Scam

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 15, 2024, 7:18 PM IST

Karnataka Tribal Corporation Scam: कर्नाटक में अनुसूचित जनजाति विकास निगम में घोटाला सामने आने के बाद ईडी और सीबीआई मामले की जांच कर रही हैं. पिछले दिनों ईडी ने कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. जिसके बाद से कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दाल लापता बताए जा रहे थे.

Karnataka Tribal Corporation Scam Congress MLA Basanagouda Daddal
कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दाल (ETV Bharat)

बेंगलुरु: कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में घोटाले को लेकर राज्य में राजनीति जारी है. दावा किया गया था कि निगम के अध्यक्ष और रायचूर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दाल पिछले कुछ दिनों से लापता है. इस बीच बसनगौड़ा दद्दाल सोमवार को कर्नाटक विधानसभा के सत्र में शामिल हुए.

विधानसभा पहुंचे दद्दाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं लापता नहीं हूं. कांग्रेस विधायक ने कहा कि मैं कहीं नहीं गया हूं. मैं दो दिनों से शहर में था. उन्होंने स्पष्ट किया कि मुझे कोई नोटिस भी नहीं मिला है. मैं विधानसभा सत्र में भाग लेने आया हूं. मैं लापता नहीं था.

वाल्मीकि विकास निगम में करोड़ों रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी. निगम से विभिन्न बैंक खातों में 88 करोड़ रुपये अवैध रूप से भेजे गए थे. ईडी और सीबीआई दोनों केंद्रीय एजेंसियां करोड़ों के घोटाले की जांच कर रही हैं.

बीते दिनों, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने वाल्मीकि विकास निगम में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को गिरफ्तार किया था. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मामले में निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दाल के खिलाफ भी ईडी जांच कर सकती है.

ईडी ने पांच दिन पहले पूर्व मंत्री बी नागेंद्र और दद्दाल से संबंधित कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. घोटाले के सिलसिले में नागेंद्र को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था.

निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद यह घोटाला सामने आया. सुसाइड नोट में चंद्रशेखरन ने आरोप लगाया कि निगम की 88 करोड़ रुपये की राशि का अवैध हस्तांतरण किया गया. चंद्रशेखरन की मौत और घोटाले के आरोपों के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री नागेंद्र ने इस्तीफा दे दिया था.

मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. एसआईटी ने अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अवैध रूप से धन ट्रांसफर करने के संबंध में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है.

यह भी पढ़ें- वाल्मीकि कॉरपोरेशन घोटाला मामला, 18 जुलाई तक ईडी हिरासत में भेजे गए पूर्व मंत्री बी नागेंद्र

बेंगलुरु: कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में घोटाले को लेकर राज्य में राजनीति जारी है. दावा किया गया था कि निगम के अध्यक्ष और रायचूर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दाल पिछले कुछ दिनों से लापता है. इस बीच बसनगौड़ा दद्दाल सोमवार को कर्नाटक विधानसभा के सत्र में शामिल हुए.

विधानसभा पहुंचे दद्दाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं लापता नहीं हूं. कांग्रेस विधायक ने कहा कि मैं कहीं नहीं गया हूं. मैं दो दिनों से शहर में था. उन्होंने स्पष्ट किया कि मुझे कोई नोटिस भी नहीं मिला है. मैं विधानसभा सत्र में भाग लेने आया हूं. मैं लापता नहीं था.

वाल्मीकि विकास निगम में करोड़ों रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी. निगम से विभिन्न बैंक खातों में 88 करोड़ रुपये अवैध रूप से भेजे गए थे. ईडी और सीबीआई दोनों केंद्रीय एजेंसियां करोड़ों के घोटाले की जांच कर रही हैं.

बीते दिनों, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने वाल्मीकि विकास निगम में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को गिरफ्तार किया था. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मामले में निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दाल के खिलाफ भी ईडी जांच कर सकती है.

ईडी ने पांच दिन पहले पूर्व मंत्री बी नागेंद्र और दद्दाल से संबंधित कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. घोटाले के सिलसिले में नागेंद्र को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था.

निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद यह घोटाला सामने आया. सुसाइड नोट में चंद्रशेखरन ने आरोप लगाया कि निगम की 88 करोड़ रुपये की राशि का अवैध हस्तांतरण किया गया. चंद्रशेखरन की मौत और घोटाले के आरोपों के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री नागेंद्र ने इस्तीफा दे दिया था.

मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. एसआईटी ने अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अवैध रूप से धन ट्रांसफर करने के संबंध में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है.

यह भी पढ़ें- वाल्मीकि कॉरपोरेशन घोटाला मामला, 18 जुलाई तक ईडी हिरासत में भेजे गए पूर्व मंत्री बी नागेंद्र

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