तिरुपत्तूर: कर्नाटक के बागलकोट जिले के कंडकल गांव से एक शख्स पिछले 15 वर्षों से गुमशुदा था. परिवार वालों ने उसे काफी ढूढ़ा लेकिन वह नहीं मिला. इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद से लगातार उसकी तलाश जारी रही. आखिरकार प्रशासन की मदद से वह अपने घर पहुंच गया.
जानकारी के अनुसार कंडकल गांव निवासी राज मोहम्मद (46) पिछले 15 वर्षों से गुमशुदा था. जिला पुलिस द्वारा उसकी तलाश की जा रही थी. ऐसे में 6 जून 2020 को जब कोरोना लॉकडाउन लागू था, राज मोहम्मद को वलजा के पास घूमते देखा गया. सख्ती के कारण उसे पकड़ लिया गया. डॉक्टरों ने उसकी मेडिकल जांच की. जांच पड़ताल में पाया गया वह मानसिक बीमारी से पीड़ित है.
बाद में डॉक्टरों ने उसे तुरंत तिरुपत्तूर में मानसिक रूप से विकलांग लोगों के लिए 'उधवम उल्लांगल' पुनर्वास गृह में भर्ती कराया. बाद में जब राज मोहम्मद का वहां इलाज हुआ और वह मानसिक रूप से कुछ ठीक हो गया, तो मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने उससे उसके गृहनगर के बारे में पूछा. उस समय उसने बताया कि वह कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिले के कंदाकल गांव में रहता है.
फिर प्रशासन ने इस मामले में इलाके में लापता लोगों का ब्योरा जुटाया. इलाके के मतदाता दस्तावेजों में नामों की जांच के बाद राज मोहम्मद का पता मिला. इसके बाद कंडकल मतदान केंद्र अधिकारी बिलाकी ने राज मोहम्मद के परिवार को इसकी सूचना दी. इसके आधार पर राज मोहम्मद का परिवार तिरुपत्तूर जिले में आया और राज मोहम्मद के बारे में प्रासंगिक दस्तावेज पेश किए. बाद में तिरुपत्तूर के जिला कलेक्टर आईएएस दरपखराज ने 15 साल से लापता राज मोहम्मद को उसके परिवार को सौंप दिया.