बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने तमिलों के बारे में अपमानजनक बयान देने वाली केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी करने और शहर के नागरथपेटे पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज पर रोक लगाने के साथ ही इसकी जांच करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली पीठ ने पारित किया. पीठ ने शोभा करंदलाजे द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की. साथ ही पीठ ने शोभा करंदलाजे के बयान पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि भाषण मोती की तरह होना चाहिए. साथ ही पीठ ने वकील को मौखिक रूप से सूचित किया कि उन्हें अपने मुवक्किलों को इस बात से अवगत कराना चाहिए कि कैसे बोलना है.
बता दें कि शोभा करंदलाजे ने कुछ दिन पहले नागरथपेट में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान बयान दिया था कि 'वे तमिलनाडु से शहर आएंगे और बम विस्फोट करेंगे.' इस पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्रीय मंत्री के बयान की निंदा की थी. वहीं विरोध होने पर शोभा करंदलाजे ने अपना बयान वापस लेने के साथ ही माफी मांग ली थी.
इस संबंध में केंद्रीय चुनाव पदाधिकारियों को आरोप की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद राज्य चुनाव अधिकारियों की शिकायत पर शोभा करंदलाजे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
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