कानपुर: देश और दुनिया में अभी तक विभिन्न माध्यमों से बिजली तैयार करने का काम होता रहा है. जबकि पहली बार देश में समुद्र की लहरों से बिजली तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है. आईआईटी कानपुर की इनक्यूबेशन कंपनी वीपी एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से समुद्र की लहरों से बिजली तैयार करने का काम किया जा रहा है. कुछ समय पहले ही कंपनी के विशेषज्ञों ने चेन्नई से विशाखापट्टनम के बीच समुद्र में रहते हुए 25 वॉट तक बिजली तैयार की. जिसे विशेषज्ञों ने प्रोटोटाइप के रूप में लिया. सफलता मिलने के बाद अब विशेषज्ञ ने तय किया है कि मार्च 2025 तक अधिक से अधिक बिजली तैयार करके संबंधित मंत्रालय को जानकारी दी जाएगी. ऐसा देश में पहली बार होगा, जब समुद्र की लहरों से ही बिजली तैयार हो जाएगी.
चेन्नई से विशाखापट्टनम के बीच समुद्र में बिजली उत्पादन के लिए काम करती टीम. (फोटो सोर्स: वीपी एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड.) आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञ कर रहे मदद: वीपी एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक साईं कार्तिक ने बताया कि इस पूरी कवायद में आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञ हमारी कंपनी की मदद कर रहे हैं. देश में समुद्र की लहरों से ही 40 गीगावॉट बिजली तैयार की जा सकती है. यह रिपोर्ट आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञों ने क्रिसिल संस्था के विशेषज्ञों के साथ मिलकर तैयार की थी. इसके बाद ही कंपनी ने तय किया था कि समुद्र की लहरों से बिजली बनाएंगे. आईआईटी मद्रास के अलावा आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेशन सेल के विशेषज्ञ भी हमारे साथ हैं. समय-समय पर वह भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं. साईं कार्तिक ने कहा कि देश में ग्रीन एनर्जी को लेकर जो 2030 तक 50% ग्रीन एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. उसमें जो हमारी कवायद है, वह काफी कुछ मददगार साबित हो सकती है.
इस संयत्र से उत्पादन होगी बिजली. (फोटो सोर्स: वीपी एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड.) ऑफशोर तकनीक पर कर रहे काम: साइन कार्तिक ने बताया कि हमारी कंपनी समुद्र की लहरों के साथ ही ऑफशोर तकनीक पर काम कर रही है. इस तकनीक के तहत जो समुद्र के लहरों में पोटेंशियल होता है, जिसे हम एनर्जी में बदलने का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि देश में जो भी समुद्र है, उनकी लहरों में बहुत अधिक पोटेंशियल है. जिससे आने वाले समय में अधिक से अधिक बिजली तैयार की जा सकती है.
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