उदयपुर : दो साल पहले हुए बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड मामले के एक आरोपी को गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. वहीं, आरोपी मोहम्मद जावेद को हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर कन्हैयालाल के बड़े बेटे यश ने एनआईए की जांच पर सवाल उठाए. यश ने कहा कि ऐसे जघन्य अपराध में आरोपी की जमानत के पीछे कहीं न कहीं एनआईए की जांच में कमी रही है, जो सही नहीं है. दरअसल, हाईकोर्ट के न्यायाधीश पंकज भंडारी की खंडपीठ ने कॉल डिटेल और लोकेशन साबित न होने को आधार मानते हुए आरोपी की जमानत मंजूर की. साथ ही लंबे समय से जेल में रहने और ट्रायल लंबा चलने के तर्क को भी आधार माना गया.
कन्हैया के बेटे ने बयां किया दर्द : कन्हैयालाल के बड़े बेटे यश ने आरोपी मोहम्मद जावेद की जमानत पर प्रतिक्रिया दिया. यश ने कहा कि उसके पिता की निर्मम हत्या के मामले में जिस तरह से हाईकोर्ट से एक और आरोपी को जमानत मिल गई, उससे साफ है कि इसके पीछे कहीं न कहीं एनआईए की जांच में कमी रही है. एनआईए को प्रभावी तरीके से पैरवी करनी चाहिए थी. जबकि जघन्य हत्याकांड में शामिल आरोपी ने खुद अपने स्टेटमेंट में यह स्वीकारा है कि वो हत्याकांड की साजिश में शामिल था. साथ ही हत्याकांड के मुख्य आरोपी भी जेल में है. वहीं, सरकार की तरफ से भी ठोस तरीके पैरवी होनी चाहिए. एक आरोपी की पहले ही जमानत हो चुकी है और अब दूसरे आरोपी को भी जमानत मिल गई. अगर ठोस जांच व सख्त कार्रवाई नहीं होगी तो इसी तरह से अन्य आरोपियों को भी जमानत मिलती रहेगी.
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पहले NIA कोर्ट से खारिज हुई : न्यायिक सूत्रों के अनुसार 28 जून, 2022 को उदयपुर में सिलाई दुकान पर कन्हैयालाल की मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी. फिर इस मामले की जांच एनआईए ने शुरू की, जिसमें पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहिम को फरार बताते हुए मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद, मोहम्मद रियाज अत्तारी समेत 11 आरोपियों मोहसीन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम मोहम्मद को गिरफ्तार कर चालान पेश किया गया था. एनआईए की विशेष अदालत ने 9 फरवरी, 2023 को हत्या, आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षड्यंत्र सहित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और आर्म्स एक्ट में प्रसंज्ञान लिया गया था.
हाईकोर्ट से मिली जमानत : इसमें मोहम्मद जावेद पर मोहम्मद रियाज अत्तारी के साथ मिलकर योजना बनाने का आरोप है. आरोपी की एनआईए कोर्ट से 31 अगस्त, 2023 को जमानत अर्जी खारिज हो गई थी. उसके बाद आरोपी जावेद ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जहां न्यायाधीश पंकज भंडारी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए जावेद की जमानत को मंजूर कर लिया.
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कोर्ट में हुई पक्ष-विपक्ष के वकीलों की बहस : वहीं, हाईकोर्ट में न्यायाधीश पकंज भंडारी की खंडपीठ के समक्ष जमानत पर बहस के दौरान जावेद के वकील सैयद सआदत अली ने कहा कि एनआईए कह रही है कि जावेद ने इंडियाना टी स्टॉल पर बैठकर कन्हैयालाल की हत्या की योजना बनाई थी, लेकिन टी स्टॉल के मालिक धर्मेंद्र साहू ने जावेद के उस दिन वहां आने की बात कन्फर्म ही नहीं की. एनआईए का कहना है कि जावेद ने कन्हैयालाल की रेकी कर रियाज को बताया था, लेकिन दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से यह बात साबित होता है कि जावेद तो कभी कन्हैयालाल की दुकान पर गया ही नहीं.
साथ ही रियाज के पास जावेद को कॉल आने की बात भी साबित नहीं हुई. जावेद के पास रियाज का मोबाइल नंबर सेव भी नहीं मिला. हालांकि एनआईए की ओर से अधिवक्ता टीपी शर्मा ने बहस करते हुए कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल सभी आरोपी एक दूसरे को जानते हैं. सभी ने मिलकर हत्याकांड की साजिश रची थी और कॉल डिटेल से साबित होता है कि सभी आरोपी एक दूसरे के संपर्क में रहे थे. साथ ही गवान जीशान ने भी कन्फर्म किया कि हत्याकांड से पहले रियाज व जावेद दोनों ही टी स्टॉल पर मिले थे. आरोपी ने भी खुद के स्टेटमेंट में स्वीकार किया है.
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हाईकोर्ट का स्टेटमेंट पर सवाल : हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश पकंज भंडारी की खंडपीठ ने एनआईए द्वारा लिए गए स्टेटमेंट पर नाराजगी जताई गई. खंडपीठ का कहना था कि एनआईए ने आरोपी के सारे स्टेटमेंट अंग्रेजी में लिखे हैं. आरोपी ने जिस भाषा में स्टेटमेंट दिए थे, उस भाषा में ही एनआईए ने स्टेटमेंट क्यों नहीं लिखा.
एक आरोपी को पहले ही मिल गई थी जमानत : कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में एक आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को एनआईए कोर्ट ने 1 सितंबर, 2023 को ही जमानत दे दी थी. उस पर आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज था. जमानत देते समय कोर्ट ने कहा था कि आरोपी पर केवल आर्म्स एक्ट का आरोप है. आरोपी जुलाई 2022 से जेल में है. ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाता है. इसलिए उसे जमानत दी गई.