अहमदाबाद: वक्फ संशोधन विधेयक पर सुझाव मांगने के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (JCP) ने शुक्रवार को अहमदाबाद का दौरा किया और गुजरात वक्फ बोर्ड और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की. पैनल के सदस्य आज सुबह अहमदाबाद के ताज स्काईलाइन पहुंचे और कई मीटिंग कीं. इसमें विभिन्न दलों के अधिकारियों और नेताओं ने अपने-अपने विचार और आपत्तियां पेश कीं.
बैठक में कमेटी ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर प्रेजेंटेशन भी दिया. बता दें कि जेपीसी ने गुरुवार को महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक सहित विभिन्न राज्यों का दौरा शुरू किया था. यह परामर्श यात्रा 1 अक्टूबर को समाप्त होगी.
बैठक में जुबानी जंग
सूत्रों के अनुसार अहमदाबाद में जेपीसी की बैठक के दौरान पैनल के सदस्य ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी के बीच तीखी नोकझोंक हुई.
हालांकि, सांघवी ने ओवैसी के साथ हुई बहस पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, "जेपीसी समिति के सामने सभी नागरिक के हित में सुधारों से संबंधित सुझाव पेश किए गए, लेकिन मैं जेपीसी की विशिष्ट चर्चाओं का खुलासा नहीं कर सकता. मैंने नागरिकों के कल्याण से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने का अपना कर्तव्य पूरा किया. सुझावों के बारे में पूरी जानकारी जेपीसी समिति के नियमों के अनुसार मीडिया को प्रदान की जाएगी."
इस संबंध में खड़िया विधायक इमरान खेड़ा वाला ने विधेयक को लेकर 14 संशोधन पेश किए. बैठक से लौटे इमरान खेड़ा वाला ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल बीजेपी सरकार की राजनीति है. यह बिल और इसका ब्यौरा मुस्लिम विरोधी है. मुस्लिम समाज इस कानून का विरोध करेगा.
मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ताओं का विरोध
इस बीच वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के विरोध में टाटा स्काई लाइन होटल के बाहर कई मुस्लिम कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने बिल के खिलाफ नारेबाजी की. मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए कहा कि वक्फ संपत्ति मुसलमानों की है और दान में दी गई है.
संसदीय समिति
बता दें कि वक्फ नियमों में संशोधन के लिए 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया था. हालांकि, कुछ विपक्षी नेताओं ने इस बात पर विरोध जताया कि विधेयक बिना चर्चा के पेश किया गया. इसके बाद बिल को लेकर 31 सांसदों की जेपीसी गठित कर दी गई.