कोटा. देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED 2024) को अब एक सप्ताह से भी कम समय बचा है. यह प्रवेश परीक्षा अपने बदलते पैटर्न के चलते काफी जटिल मानी जाती है, लेकिन इस परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी 15 से 25 फीसदी अंक लाकर भी आईआईटी एंट्रेंस को क्रैक कर लेते हैं. हालांकि, यह नंबर पासिंग मार्क्स यानी 33 फीसदी से भी कम है. बावजूद इसके 15 से 25 फीसदी अंक पाने वाले अभ्यर्थी भी काउंसलिंग के पात्र बन जाते हैं और आईआईटी एंट्रेंस के बाद होने वाली जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) की काउंसलिंग में शामिल होते हैं. हालांकि, निचली रैंक वाले अभ्यर्थियों को आईआईटी की सीट मिलने की गुंजाइश कम होती है. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि बीते 5 सालों के कटऑफ अंक के अनुसार 15.28 से लेकर 25 फीसदी तक अंकों में सामान्य कैटेगरी के कैंडिडेट के लिए जेईई एडवांस्ड क्वालीफाई हुए हैं.
जनरल कैटेगरी का कैंडिडेट बीते साल 93 नंबर पाकर हुआ था क्वालीफाई : देव शर्मा ने बताया कि आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम जेईई एडवांस्ड में साल 2019 में सामान्य कैटेगरी के कैंडिडेट पूर्णांक 372 में 25 फीसदी यानी 93 अंक लाने पर काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई किए गए थे. यह आंकड़ा बीते पांच साल में सबसे कम 2022 में था, जिसमें पूर्णांक 360 में से 55 अंक यानी कि 15.28 फीसदी लाने पर ही काउंसलिंग के लिए कैंडिडेट को एलिजिबल घोषित किया गया था. जबकि ईडब्ल्यूएस ओबीसी, एससी व एसटी कैटेगरी के लिए ये और भी कम था. साल 2022 में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी कैटेगरी में 50 अंक यानी 13.89 फीसदी अंक पर ही क्वालीफाई था, जबकि एससी और एसटी कैटेगरी में 7.78 फीसदी यानी महज 28 अंक पर ही काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई माना गया था.
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इस बार भी 22 फीसदी के आसपास वाले होंगे IIT काउंसलिंग के लिए पात्र : देव शर्मा ने बताया कि जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) के जरिए आईआईटी और एनआईटी प्लस सिस्टम की सीटों के लिए काउंसलिंग होती है. इसमें आईआईटी के लिए जेईई एडवांस्ड और एनआईटी प्लस सिस्टम के लिए जेईई मेन से काउंसलिंग के लिए पात्र घोषित होते हैं. आईआईटी के लिए क्वालीफाई करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या बीते 5 सालों में 38 से 43 हजार के बीच रही है. इनका औसत बीते 5 सालों में 41 हजार के आसपास है. इनकी संख्या में कमी और बढ़ोतरी यह एग्जाम पेपर पर निर्भर करता है. इस बार भी उम्मीद है कि 41 से 42 हजार अभ्यर्थी काउंसलिंग के लिए पात्र होंगे. यह संख्या करीब 22 फीसदी के आसपास रहेगी.