जशपुर: जशपुर पुलिस पर एक शख्स ने गंभीर आरोप लगाया है. शख्स ने आरोप लगाया कि पुलिस ने दुष्कर्म केस को दर्ज करने के एवज में पांच हजार रुपये और एक मुर्गा रिश्वत के तौर पर मांगा. एसपी ने ये सभी आरोप खारिज किए हैं. एक शख्स ने पुलिस पर दुष्कर्म का मामला दर्ज करने के लिए नकदी और मुर्गा मांगने का आरोप लगाया. जब इस बाबत मीडिया ने एसपी शशिमोहन सिंह से बात की तो उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
6 दिसंबर को दी गई शिकायत: एक शख्स ने दावा किया है कि इस मसले पर उसने 6 दिसंबर को शिकायत दी थी. उसने अपने शिकायत में बताया कि दो दिसंबर को उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म हुआ. इस घटना के बाद जब वह जशपुर के पंडरापथ चौकी केस दर्ज कराने गए. उस दौरान थाना प्रभारी ने उससे पांच हजार रुपये और एक मुर्गा की मांग की. पीड़ित शख्स ने बताया कि उसने चौकी प्रभारी को 500 रुपये दिए. जिसके बाद मेडिकल जांच के लिए बगीचा शहर के अस्पताल में उसकी पत्नी को ले जाया गया. पीड़िता के पति का दावा है कि उसने यह शिकायत एसपी से भी की.
दूसरे दिन भी की गई पैसे की मांग: व्यक्ति ने दावा किया कि दूसरे दिन उसकी पत्नी को जांच कराने के लिए फिर ले जाया गया. इस दिन उसके कपड़ों की जांच की गई, जो उसने अपराध के दौरान पहने थे. इस दौरान उसे अपनी पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए 1500 रुपये पर किराए का वाहन लेना पड़ा. शिकायतकर्ता शख्स ने आरोप लगाया कि चौकी प्रभारी ने 500 रुपये के साथ ही 600 रुपये में खरीदा गया मुर्गा भी उससे ले लिया.
मैं विशेष पिछड़ी जनजाति से ताल्लुक रखता हूं. मैंने अपनी जमीन गिरवी रखकर 10 हजार रुपये लिए थे. जिसमें से 9 हजार रुपये खर्च हो गए. थाना प्रभारी ने मुझसे रिश्वत ली है- पीड़ित शख्स
पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा?: इस पूरे मसले पर जशपुर के एसपी शशिमोहन सिंह ने कहा कि यह पहली नजर में उकसावे में शिकायत दर्ज करने का मामला लगता है.शिकायतकर्ता ने किसी के उकसावे में आकर आरोप लगाए हैं.
आरोपों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. 3 दिसंबर को 29 वर्षीय विवाहित महिला पंड्रापाठ चौकी पहुंची और शिकायत की कि 2 दिसंबर की उसके साथ एक शख्स ने बलात्कार किया है. इस केस में आईपीसी की धारा 64 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है- शशि मोहन सिंह, एसपी, जशपुर
जशपुर पुलिस का कहना है कि पुलिस कर्मचारी पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है. एसपी ने इस केस में कार्रवाई का भी हवाला दिया है.
सोर्स: पीटीआई