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जमशेदजी नसरवानजी टाटा की 185वीं जयंतीः टाटा ग्रुप के चेयरमैन ने किया नमन

Tribute to Jamshedji Nasarwanji Tata in Jamshedpur. जमशेदजी नसरवानजी टाटा की 185वीं जयंती पर टाटा स्टील कंपनी परिसर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर टाटा ग्रुप के चेयरमैन समेत अन्य पदाधिकारियों ने टाटा स्टील के संस्थापक को नमन किया.

Jamshedji Nusserwanji Tata 185th birth anniversary celebrated in Jamshedpur
जमशेदपुर में जमशेदजी नसरवानजी टाटा की 185वीं जयंती मनाई गयी
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 3, 2024, 8:25 PM IST

जमशेदपुर में जमशेदजी नसरवानजी टाटा की 185वीं जयंती मनाई गयी

जमशेदपुरः देश की आजादी से पूर्व औद्योगिक क्षेत्र में क्रांति लाने वाले जमशेदजी नसरवानजी टाटा की 185वीं जयंती 3 मार्च को जमशेदपुर में धूमधाम से मनाई गयी. इस मौके पर टाटा स्टील कंपनी परिसर में टाटा ग्रुप के चेयरमैन समेत तमाम वरीय अधिकारी पदाधिकारियों ने टाटा स्टील के संस्थापक को नमन किया. इस मौके पर टाटा ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि आज विश्व में व्यापार का तरीका बदल रहा है, जो एक चुनौती है, वर्तमान समय में हम जीरो कार्बन उत्सर्जन के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

जमशेदपुर में स्थित टाटा स्टील कंपनी परिसर में जेएन टाटा की 185वीं जयंती पर टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन, जुस्को के एमडी और सभी वरीय अधिकारीयों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया. कंपनी परिसर में जेएन टाटा की स्थापित विशालकाय प्रतिमा के समक्ष सबों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया.

जमशेदपुर में संस्थापक दिवस पर टाटा स्टील कंपनी परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा अलग अलग झांकी निकली गई. वहीं 1989 में संस्थापक दिवस के मौके पर हुए अग्निकांड में कई लोगों की मौत हो गई थी, उनकी याद में दो मिनट का मौन रखा गया. कंपनी परिसर में शहर के वरिष्ठ नागरिकों ने भी जेएन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस कार्यक्रम के बाद चेयरमैन बिस्टुपुर पोस्टल पार्क पहुंचे जहां जेएन टाटा की स्थापित प्रतिमा को फूल माला पहनाकर श्रद्धा सुमन अर्पित की. इस दौरान शहर के लोगों के लिए वहां बैठने की व्यवस्था की गई. पोस्टल पार्क को विशेष रूप से सजाया गया, जहां से चेयरमैन ने परेड को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

पोस्टल पार्क से शहरवासियों को संबोधित करते हुए टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने संस्थापक दिवस पर सबको बधाई दी. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील सिर्फ स्टील उत्पादन ही नहीं करती शहर की जनता और उनके लिए सभी सुविधाओं का ख्याल भी रखती है. संस्थापक दिवस हमारे लिए एक यादगार दिन है. आज वैश्विक स्तर पर व्यापार करने का तरीका बदल रहा है. जिसमें तकनीकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स और डिजिटलाइजेशन, एनर्जी ट्रांसमिशन और जीरो कार्बन उत्सर्जन सप्लाई चेन नये तरीके से परिभाषित किया गया है. टाटा ग्रुप नई फैक्ट्री लगाकर सेमी कंडक्टर बैटरी और कमन्युकेशन यंत्र बनाने के अलावा अन्य क्षेत्र मे निवेश कर रही है. युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार देने का काम किया जा रहा है.

जमशेदजी नसरवानजी टाटा का जीवन परिचयः

भारत में इस्पात उद्योग में क्रांति लाने वाले जमशेदजी नसरवानजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 में गुजरात में हुआ था. जेएन टाटा बचपन से ही प्रतिभावान थे, उनकी दूरगामी सोच का परिणाम था कि आजादी से पूर्व एक छोटे से शहर में 1908 में टाटा स्टील की स्थापना हुई. आज टाटा स्टील देश की पहली मेक इन इंडिया कंपनी है. जेएन टाटा कंपनी के कर्मचारियों के साथ शहर को बेहतर बनाना चाहते थे. 1904 में उनके निधन के बाद उनके पुत्र दौराबजी टाटा ने टाटा स्टील की स्थापना की, उस वक्त इस शहर का नाम कालीमाटी था. 1919 में लॉर्ड चेम्सफोर्ड शहर आये थे और उन्होंने जमशेदजी नसरवानजी टाटा के सम्मान में शहर का नाम कालीमाटी से बदल कर जमशेदपुर रख दिया. आज जमशेदपुर को जेएन टाटा के सपनों का शहर कहा जाता है. समय बदलता गया, कई चुनौतियां आईं लेकिन टाटा स्टील मजबूत इरादे के साथ निरंतर आगे बढ़ता गया. आज विश्व के मानचित्र में टाटा स्टील कंपनी की पहचान बन गई है. जमशेदजी के सोच के मुताबिक शहर को बसाया गया, जहां चिकित्सा के साथ खेलकूद और अन्य सुविधाओं को धरातल पर उतारा गया है. आज टाटा ग्रुप 30 के लगभग कई कंपनियों का संचालन कर रहा है. टाटा ग्रुप जमशेदजी के जन्मदिन को संस्थापक दिवस के रूप में मनाती है.

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जमशेदपुर में जमशेदजी नसरवानजी टाटा की 185वीं जयंती मनाई गयी

जमशेदपुरः देश की आजादी से पूर्व औद्योगिक क्षेत्र में क्रांति लाने वाले जमशेदजी नसरवानजी टाटा की 185वीं जयंती 3 मार्च को जमशेदपुर में धूमधाम से मनाई गयी. इस मौके पर टाटा स्टील कंपनी परिसर में टाटा ग्रुप के चेयरमैन समेत तमाम वरीय अधिकारी पदाधिकारियों ने टाटा स्टील के संस्थापक को नमन किया. इस मौके पर टाटा ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि आज विश्व में व्यापार का तरीका बदल रहा है, जो एक चुनौती है, वर्तमान समय में हम जीरो कार्बन उत्सर्जन के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

जमशेदपुर में स्थित टाटा स्टील कंपनी परिसर में जेएन टाटा की 185वीं जयंती पर टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन, जुस्को के एमडी और सभी वरीय अधिकारीयों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया. कंपनी परिसर में जेएन टाटा की स्थापित विशालकाय प्रतिमा के समक्ष सबों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया.

जमशेदपुर में संस्थापक दिवस पर टाटा स्टील कंपनी परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा अलग अलग झांकी निकली गई. वहीं 1989 में संस्थापक दिवस के मौके पर हुए अग्निकांड में कई लोगों की मौत हो गई थी, उनकी याद में दो मिनट का मौन रखा गया. कंपनी परिसर में शहर के वरिष्ठ नागरिकों ने भी जेएन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस कार्यक्रम के बाद चेयरमैन बिस्टुपुर पोस्टल पार्क पहुंचे जहां जेएन टाटा की स्थापित प्रतिमा को फूल माला पहनाकर श्रद्धा सुमन अर्पित की. इस दौरान शहर के लोगों के लिए वहां बैठने की व्यवस्था की गई. पोस्टल पार्क को विशेष रूप से सजाया गया, जहां से चेयरमैन ने परेड को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

पोस्टल पार्क से शहरवासियों को संबोधित करते हुए टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने संस्थापक दिवस पर सबको बधाई दी. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील सिर्फ स्टील उत्पादन ही नहीं करती शहर की जनता और उनके लिए सभी सुविधाओं का ख्याल भी रखती है. संस्थापक दिवस हमारे लिए एक यादगार दिन है. आज वैश्विक स्तर पर व्यापार करने का तरीका बदल रहा है. जिसमें तकनीकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स और डिजिटलाइजेशन, एनर्जी ट्रांसमिशन और जीरो कार्बन उत्सर्जन सप्लाई चेन नये तरीके से परिभाषित किया गया है. टाटा ग्रुप नई फैक्ट्री लगाकर सेमी कंडक्टर बैटरी और कमन्युकेशन यंत्र बनाने के अलावा अन्य क्षेत्र मे निवेश कर रही है. युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार देने का काम किया जा रहा है.

जमशेदजी नसरवानजी टाटा का जीवन परिचयः

भारत में इस्पात उद्योग में क्रांति लाने वाले जमशेदजी नसरवानजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 में गुजरात में हुआ था. जेएन टाटा बचपन से ही प्रतिभावान थे, उनकी दूरगामी सोच का परिणाम था कि आजादी से पूर्व एक छोटे से शहर में 1908 में टाटा स्टील की स्थापना हुई. आज टाटा स्टील देश की पहली मेक इन इंडिया कंपनी है. जेएन टाटा कंपनी के कर्मचारियों के साथ शहर को बेहतर बनाना चाहते थे. 1904 में उनके निधन के बाद उनके पुत्र दौराबजी टाटा ने टाटा स्टील की स्थापना की, उस वक्त इस शहर का नाम कालीमाटी था. 1919 में लॉर्ड चेम्सफोर्ड शहर आये थे और उन्होंने जमशेदजी नसरवानजी टाटा के सम्मान में शहर का नाम कालीमाटी से बदल कर जमशेदपुर रख दिया. आज जमशेदपुर को जेएन टाटा के सपनों का शहर कहा जाता है. समय बदलता गया, कई चुनौतियां आईं लेकिन टाटा स्टील मजबूत इरादे के साथ निरंतर आगे बढ़ता गया. आज विश्व के मानचित्र में टाटा स्टील कंपनी की पहचान बन गई है. जमशेदजी के सोच के मुताबिक शहर को बसाया गया, जहां चिकित्सा के साथ खेलकूद और अन्य सुविधाओं को धरातल पर उतारा गया है. आज टाटा ग्रुप 30 के लगभग कई कंपनियों का संचालन कर रहा है. टाटा ग्रुप जमशेदजी के जन्मदिन को संस्थापक दिवस के रूप में मनाती है.

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